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नोएडा: जिला अस्पताल की हालत खस्ता, लैंडलाइन का भी कटा कनेक्शन

नोएडा के जिला अस्पताल की हालत इतनी खस्ता है कि बिल जमा न होने के कारण वहां इमरजेंसी विभाग के एकमात्र लैंडलाइन का कनेक्शन भी काट दिया गया है. करीब 600 करोड़ की लागत से बने जिला अस्पताल की हालत दिनों-दिन बदतर होती जा रही है.

Noida district hospital in poor condition, disconnected connection of landline
जिला अस्पताल की हालत खस्ता, लैंडलाइन का कटा कनेक्शन
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Published : Dec 14, 2019, 10:33 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: करीब 600 करोड़ की लागत से सेक्टर 30 में बना जिला अस्पताल इतना बदहाल है कि एक लैंडलाइन का कनेक्शन तक नहीं है. मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा और ना ही अस्पताल में किसी तरह की सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं.

जिला अस्पताल की हालत खस्ता


बिल न देने पर कटा कनेक्शन
जिला अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लगा लैंडलाइन का कनेक्शन करीब एक महीने पहले इसलिए काट दिया गया क्योंकि बिल का भुगतान नहीं किया गया था. बीएसएनएल ने भुगतान न होने के चलते कनेक्शन काट दिया. अस्पताल के मेंटनेंस विभाग ने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को भी दी लेकिन अब तक लैंडलाइन दोबारा से बहाल नहीं किया जा सका है.


अस्पताल के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि लैंडलाइन फोन इसलिए अस्पताल में होना जरूरी है क्योंकि इससे किसी भी मरीज को तत्काल सुविधा देने या शासन प्रशासन से बात करने में आसानी होती है. हैरानी की बात ये है कि कोई भी ये बताने को तैयार नहीं है कि बिल कब तक जमा किया जाएगा और इस फोन की घंटी कब बजेगी ?


मायावती के समय में हुआ था उद्घाटन
बता दें कि करीब 600 करोड़ की लागत से बना ये अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. लेकिन जैसे-जैसे सरकारें बदलती रहीं अस्पताल की हालत खस्ता होती गई. अब हालत ऐसी हो गई है कि बिल का भुगतान न होने पर लैंडलाइन का कनेक्शन भी काट दिया गया.

नई दिल्ली/नोएडा: करीब 600 करोड़ की लागत से सेक्टर 30 में बना जिला अस्पताल इतना बदहाल है कि एक लैंडलाइन का कनेक्शन तक नहीं है. मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा और ना ही अस्पताल में किसी तरह की सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं.

जिला अस्पताल की हालत खस्ता


बिल न देने पर कटा कनेक्शन
जिला अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लगा लैंडलाइन का कनेक्शन करीब एक महीने पहले इसलिए काट दिया गया क्योंकि बिल का भुगतान नहीं किया गया था. बीएसएनएल ने भुगतान न होने के चलते कनेक्शन काट दिया. अस्पताल के मेंटनेंस विभाग ने इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को भी दी लेकिन अब तक लैंडलाइन दोबारा से बहाल नहीं किया जा सका है.


अस्पताल के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि लैंडलाइन फोन इसलिए अस्पताल में होना जरूरी है क्योंकि इससे किसी भी मरीज को तत्काल सुविधा देने या शासन प्रशासन से बात करने में आसानी होती है. हैरानी की बात ये है कि कोई भी ये बताने को तैयार नहीं है कि बिल कब तक जमा किया जाएगा और इस फोन की घंटी कब बजेगी ?


मायावती के समय में हुआ था उद्घाटन
बता दें कि करीब 600 करोड़ की लागत से बना ये अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. लेकिन जैसे-जैसे सरकारें बदलती रहीं अस्पताल की हालत खस्ता होती गई. अब हालत ऐसी हो गई है कि बिल का भुगतान न होने पर लैंडलाइन का कनेक्शन भी काट दिया गया.

Intro:नोएडा---
नोएडा के सेक्टर 30 में बना करीब 6 सौ करोड़ की लागत से बना जिला अस्पताल आज मात्र एक दिखावे के रूप में बन के रहा गया है।अस्पताल में छोटी से छोटी सुविधा मरीजो को नही मिल रही है। जिसका जीत जागता उदाहरण है,वहां लगा लैंड लाइन फोन ,भुकतान न होने के चलते अस्पताल का फोन बीएसएनएल द्वारा काट दिया गया है। फोन करीब एक महीने से कटा हुआ है और कोई भी अधिकारी उस तरफ ध्यान नही दे रहा है। जब कि अस्पताल का यह फोन काफी महत्वपूर्ण है।


Body:नोएडा के सेक्टर 30 में जिला अस्पताल आज सुविधाओं के अभाव में सिर्फ अस्पताल नाम मात्र बनकर राह गया है। करीब 600 करोड़ की लागत से बना नोएडा का जिला अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का ड्रीम प्रोजेक्ट भी कहा जाता है , पर अस्पताल में सुविधाएं बढ़ने की जगह सुविधाएं घटने लगी क्योंकि सरकारे बदलती गई , जैसे जैसे सरकारें बदलती गई वैसे वैसे अस्पताल की हालत बद से बदतर होती चली जा रही है। जिसका जीता जागता उदाहरण अस्पताल की इमरजेंसी में लगा एकमात्र लैंडलाइन फोन है। इमरजेंसी के लैंडलाइन फोन का भुगतान ना होने के चलते करीब 1 महीने से फोन कटा हुआ है। इस संबंध में बताया जा रहा है कि अस्पताल के मेंटेनेंस विभाग द्वारा सीएमएस को कई बार लिखित जानकारी दी गई पर किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा है , आपको बता दें कि अस्पताल के कुछ कर्मचारियों का कहना है कि लैंडलाइन फोन इसलिए अस्पताल में होना जरूरी की शासन की मंशा भी रहती है कि अस्पताल ने फोन चलता रहे ताकि किसी भी मरीज को तत्काल सुविधा देनी हो या किसी को शासन प्रशासन को बात करनी हो तो वह तत्काल अस्पताल में फोन मिला कर बात कर सकता है, पर फोन खराब होने के चलते यह सुविधा ठप्प है। इस संबंध में कोई बोलने को तैयार नहीं कि कब तक बिल का भुगतान होगा और फोन पर घंटी कब बजेगी।


Conclusion:जिला अस्पताल में लगे लैंडलाइन फोन के 1 महीने से खराब होने से ही आप अंदाजा लगा सकते हैं की अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों को किस हद तक अन्य सुविधाएं दी जा रही होंगी।
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