नई दिल्ली: देश में विद्युत सृजन के क्षेत्र में एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पॉवर कॉर्पोरेशन) एक जाना माना नाम है. राजधानी में आयोजित 43वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (आईआईटीएफ) में एनटीपीसी द्वारा राख की ईंट से बने घर (ऐश ब्रिक होम) को डिस्प्ले किया गया है, जिसकी कीमत महज डेढ़ लाख रुपये है. इसमें किसी भी अन्य सामग्री जैसे लोहा, सीमेंट आदि चीजों का इस्तेमाल नहीं किया गया है और यह पूरी तरह से इको फ्रेंडली है. इस बार आईआईटीएफ में यह हर विजिटर के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
एनटीपीसी के रीजनल एक्सक्यूटिव डायरेक्टर प्रदीप्त कुमार मिश्रा ने कहा कि सबसे पहले आईआईटीफ का आभार व्यक्त करना चाहूंगा, कि उन्होंने मेले में प्राइम लोकेशन पर एनटीपीसी को जगह दी. इस वर्ष एनटीपीसी अपनी 50 वीं सालगिरह मना रहा है. हम बिजली उत्पादन करते है और अधिकतम बिजली उत्पाद कोयले पर निर्भर है. जब बिजली निर्माण के लिए कोयला जलाते हैं तो उससे राख बनती है. इस राख की मदद से प्रकृति को संरक्षित किया जा सकता है. इसी को ध्यान में रखकर एनटीपीसी इस राख से ईंट का निर्माण कर रहा है, जिसकी मदद से मजबूत घर बनाया जा सकता है. इसके पीछे दो उद्देश्य- भवन निर्माण के जरिए पर्यावरण को हो रही हानि से बचाना और बची हुई राख का सही इस्तेमाल करना है.
राख से बनी चीजों का किया गया प्रयोग: उन्होंने बताया, किसी भी सामान्य मकान के निर्माण में जिन चीजों का इस्तेमाल होता है, उसको रिप्लेस करके एनटीपीसी ने राख द्वारा निर्मित चीजों का उपयोग किया गया है. इसके लिए नॉर्मल स्टोन से तैयार किए जाने वाले कंक्रीट के बजाय, राख कंक्रीट से तैयार किया गया है. जो बिल्डिंग के निर्माण के सभी मुख्य तत्वों को अपने अंदर शामिल किए हुए है. इसके अलावा पॉवर निर्माण में थर्मल बोलिंग पाइप से दो तरीके की राख प्राप्त होती है, एक इनर साइड और दूसरी आउटर साइड से. दोनों को राख के अलग-अलग रूप में इस्तेमाल करके इस ईंट का निर्माण किया गया है.
ईंट के अलावा बना रहे अन्य सामान: प्रदीप्त कुमार मिश्रा ने आगे बताया, अमूमन बिल्डिंग के निर्माण में जिस ईंट का इस्तेमाल किया जाता है वह मिट्टी से बनी होती है. मिट्टी एक प्राकृतिक तत्व है, जिसके ज्यादा इस्तेमाल से प्रकृति को नुकसान पहुंचता है. इसके विकल्प के तौर पर राख से ईंट तैयार की जा रही है. जिस वेस्ट राख से इंटरलॉकिंग ईंट बनाई जाती हैं, उसमें 85 प्रतिशत राख का इस्तेमाल किया जाता है. इसी राख की ईंट से निर्मित एक डेमो यहां भी बनाया गया है. एनटीपीसी सृजनात्मकता के कार्य में बेहद आगे है. इसलिए न केवल ईंट, बल्कि टाइल्स और टेराकोटा की वस्तुओं का भी निर्माण किया गया है.
15 से 20 दिनों बनकर होता है तैयार: उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बढ़ावा देने के लिए एनटीपीसी ने इंटरलॉकिंग ब्लॉक के जरिए एक वन बीएचके घर का निर्माण किया है, जिसका डेमो प्रगति मैदान में डिस्प्ले किया गया है. इसके निर्माण की लागत मात्र डेढ़ लाख रुपए है. यह घर 30 स्क्वायर मीटर के क्षेत्रफल में बना हुआ है, जिसकी विशेषता है कि यह मात्र 15 से 20 दिनों में बनकर तैयार हो जाता है.
हर घर सूर्य योजना से जोड़ने का प्रयास: साथ ही आप इसे डिसमेंटल कर किसी अन्य जगह भी सेटअप कर सकते हैं. इसके निर्माण में किसी भी तरीके का कंक्रीट का इस्तेमाल नहीं किया गया है. घर की छत पर सोलर पैनल भी लगाया गया है, जिसकी कीमत दो लाख रुपये है. इसके माध्यम से प्रधानमंत्री द्वारा हर घर सूर्य योजना को भी जोड़ने का प्रयास किया गया है. इसमें एक तरफ से स्लांट रूफ में 30 किलोवॉट तक की बिजली का निर्माण होता है. घर में उपयोग आने वाली 700 वॉट की बिजली के अलावा इसमें निर्मित बिजली को सेल भी किया जा सकता है. यह पैसे कमाने का अनूठा माध्यम भी साबित हो सकता है.
लोगों में दिखी उत्सुकता: उन्होंने कहा कि बीते कई वर्षों से एनटीपीसी अपने इंटरनल यूज के लिए राख से बनी ईंट का इस्तेमाल कर रहा था. लेकिन, पहली बात उन्होंने मार्केटिंग के लिए इन ईंट को मार्केट में लॉन्च किया है. वर्तमान में एनटीपीसी का उद्देश्य है कि वह इन ईंट का कॉमर्शियल यूज किया जा सके. ट्रेड फेयर में एनटीपीसी द्वारा लगाए गए इस ऐश ब्रिक होम को देखने वालों की भीड़ लगी हुई है. कई ऐसे लोग उन्हें मिले, जो अपने गांव के लिए घर बनाने की योजना बना रहे हैं, तो कई ऐसे भी लोग हैं जो लाखों घर बनाना चाहते हैं. ऐश ब्रिक्स होम के डिस्प्ले को देखने के लिए हॉल नंबर एक के बिल्कुल सामने एनटीपीसी द्वारा इसका डेमो पेश किया गया है. यहां आकर आप इसकी विशेषताओं से रू-ब-रू होते हुए अपने लिए नए घर की बुकिंग कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें- IITF 2024: जानिए कैसे होती है मोती की खेती, झारखंड पवेलियन में लगा डेमो डिस्प्ले
यह भी पढ़ें- दिल्ली मेट्रो ऐप पर उपलब्ध कराए जाएंगे क्यूआर कोड आधारित व्यापार मेला टिकट, जानें कितनी होगी कीमत