नई दिल्ली/नोएडाः अधिवक्ता के साथ मारपीट की घटना का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. वकील के साथ बदसलूकी और मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में वकीलों ने सेक्टर-108 स्थित गौतमबुद्धनगर पुलिस हेडक्वार्टर का घेराव किया. इस दौरान वकीलों तथा पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई. वकील कमिश्नरेट कार्यालय के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है. पूरी कमिश्नर ऑफिस को छावनी में तब्दील कर दिया गया है.
पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे वकीलो की मांग है कि जब तक दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. इससे पहले गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज भाटी के नेतृत्व में वकील सूरजपुर स्थित जिला न्यायालय परिसर में एकत्रित हुए. इसके पश्चात सभी वकील सेक्टर-108 स्थित पुलिस कमिश्नर के कार्यालय पहुंचे. अधिवक्ताओं ने कार्यालय के बाहर धरना देकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
बता दें कि सारा विवाद उस समय शुरू हुआ, जब वकील महेश नागर बीते बृहस्पतिवार शाम को कार से जा रहे थे. उनका आरोप है कि इस दौरान थाना फेस-2 में तैनात दरोगा अरविंद ने अभद्र व्यवहार किया. इसके बाद पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह की अधिवक्ताओं के शिष्टमंडल के साथ बैठक हुई, पर नतीजा कुछ भी नहीं निकला. इसके चलते अधिवक्ताओं ने बुधवार से एक बार फिर हड़ताल की घोषणा की है.
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अधिवक्ता महेश नागर बताया कि मुझे बार-बार थप्पड़ मारा गया और हवालात में बंद कर दिया गया था. उनका सवाल है कि एसआई ने थप्पड़ क्यों मारा. लॉकअप में क्यों डाल दिया. मैं नशे में था, तो संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई होनी चाहिए थी. वे किसी को इस तरह कैसे पीट सकते हैं. उन्होंने बताया कि दरोगा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर बीते शुक्रवार से वकील धरना पर हैं, लेकिन पुलिस आयुक्त ने उपनिरीक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने बताया कि जब तक दोषी दरोगा के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे.
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बता दें कि अधिवक्ता महेश नागर के साथ अभद्रता और हिरासत में रखने के मामले में पश्चिमी यूपी के 22 जिलों के वकील हड़ताल पर हैं. वकीलों की हड़ताल का हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति, गौतमबुद्धनगर बार एसोसिएशन समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के वकीलों का समर्थन हासिल है.