नई दिल्ली/नोएडा: हर वर्ष नोएडा प्राधिकरण द्वारा दावा किया जाता है कि वह मानसून से पूर्व सभी नालों की सफाई बड़े स्तर पर करने का काम करता है, पर हर वर्ष मानसून के शुरू होने के साथ ही लोगों को वाटर लॉगिंग की समस्या से परेशान होना पड़ता है. ईटीवी भारत की टीम नोएडा के कुछ सेक्टरों में बने नालों की स्थिति जानने पहुंची तो लोगों का कहना है कि वर्षों से प्राधिकरण की तरफ से नालों की सफाई तो करना दूर झांकने तक भी कोई नहीं आया.
पिछले दिनों नोएडा में चंद घंटों की हुई बारिश ने प्राधिकरण की कलई खोल कर रख दी. प्राधिकरण ने दावा किया था कि नोएडा के सभी नालों की सफाई मानसून से पूर्व कर ली जाएगी. महज बारिश के एक ट्रेलर ने पोल खोल दी. अभी तक नोएडा में देखा जाए तो नालों की सफाई नहीं की गई है. प्राधिकरण ने नालों की सफाई न किए जाने से चंद घंटों की बारिश में ही नाले ओवरफ्लो होकर बहने लगते हैं. सेक्टर से लेकर सड़क तक की स्थिति यह बन जाती है कि लोग घुटनों पानी में होकर निकलने के लिए मजबूर होते हैं. वहीं, वाटर लॉगिंग की समस्या के चलते ट्रैफिक की समस्या बढ़ जाती है. गाड़ियां सड़कों पर रेंगने लगती है या फिर लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है.
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नाले की सफाई के संबंध में जब नोएडा के सेक्टर 10 के कुछ लोगों से बात की गई तो उसमें नोएडा में रह रहे सत्येंद्र मिश्रा ने बताया कि नालों की सफाई प्राधिकरण द्वारा ना कराए जाने के चलते तेज बारिश होने पर दुकानों और शोरूम के अंदर तक पानी आ जाता है. काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि दुकान और शोरूम में पानी भर जाने से सारा सामान खराब हो जाता है. सफाई के संबंध में 2008 से नोएडा में रह रहे सुरेश यादव ने बताया कि एक से डेढ़ साल पूर्व प्राधिकरण के लोग खानापूर्ति करने के लिए सफाई के लिए आए थे. इस वर्ष अभी तक प्राधिकरण की तरफ से कोई सफाई करने नहीं आया है.
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