नई दिल्ली/नोएडा: दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है. दशहरा को जहां लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं. साथ ही रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतलों का दहन भी किया जाता है. जाति-धर्म की मानसिकता से ऊपर उठकर उन्हीं पुतले को एक मुस्लिम परिवार तैयार करता है. परिवार का मानना है कि हम सब एक हैं और सभी को मिलकर हर त्योहार मनाना चाहिए.
मुस्लिम परिवार बनाता है रावण का पुतला
नोएडा के सेक्टर 62 स्थित रामलीला में जलने वाला रावण, मेघनाथ और कुंभकरण तभी जलाया जाता है, जब एक मुस्लिम परिवार उसे बनाकर तैयार करता है. कई पीढ़ियों से दशहरे में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाने वाला परिवार इस बार भी रावण को 1 महीने से बनाने में लगा हुआ है.
'हर त्योहार मिल-जुलकर मनाना चाहिए'
मुस्लिम होने के बावजूद उन्हें इस बात का जरा भी गुरेज नहीं है कि वह किसी और धर्म के त्योहार में पुतले को तैयार कर रहा है. पुतला बनाने वाले कारीगरों से बात की गई तो उनका कहना है कि सभी को हर त्योहार मिलजुलकर मनाना चाहिए. हम सब एक हैं, इसमें धर्म और जाति को बीच में नहीं लाना चाहिए.
कारीगरों ने बताया कि इस कारोबार में कई पीढ़ियों से लगे हुए हैं. यहां पर रावण का 40 फीट, मेघनाथ 35 फीट और कुंभकरण 35 फीट का बनाया जाएगा.