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गौतमबुद्ध नगर: बस से कई राज्यों में भेजे गए प्रवासी मजदूर, देखिए स्पेशल रिपोर्ट

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Published : May 22, 2020, 5:56 PM IST

Updated : May 23, 2020, 10:16 AM IST

नोएडा पुलिस की ओर से सेक्टर-19 के शेल्टर होम से बिहार के करीब 109, उत्तराखंड के 5, मध्य प्रदेश के 25 सहित उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को बस के माध्यम से उनके घर भेजने का काम किया गया.

Migrant laborers sent via bus from noida to up bihar uttarakhand in lockdown 4
गौतमबुद्ध नगर: बस के माध्यम से कई राज्यों में भेजे गए प्रवासी मजदूर

नई दिल्ली/नोएडा: संसाधन नहीं मिला तो पैदल ही घरों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को देख नोएडा पुलिस उन्हें शेल्टर होम में रखने का काम कर रही है. ऐसे ही करीब 300 मजदूरों को नोएडा पुलिस बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बस के माध्यम से भेजने का काम किया है.

गौतमबुद्ध नगर: बस के माध्यम से कई राज्यों में भेजे गए प्रवासी मजदूर

वहीं मजदूरों का कहना है कि काम धंधा बंद होने के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. घर में चूल्हा जलाने की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है. इसलिए पैदल ही अपने घर के लिए निकल लिए थे. सब कुछ सामान्य हुआ तो वापस आएंगे वरना दिल्ली नहीं आएंगे.

प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है

नोएडा पुलिस की ओर से सेक्टर-19 के शेल्टर होम से बिहार के करीब 109, उत्तराखंड के 5, मध्य प्रदेश के 25 सहित उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को बस के माध्यम से उनके घर भेजने का काम किया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश के इटावा, जौनपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, कानपुर, आगरा, झांसी, महोबा, जालौन, बांदा, उन्नाव, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, हरदोई और आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया शामिल है. जहां के 1 से लेकर 2 दर्जन तक प्रवासियों को बसों के माध्यम से भेजा गया है.

'नहीं है मकान का किराया, ना राशन'

उत्तर प्रदेश के साथ ही गैर प्रांत के प्रवासी मजदूरों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वो जिस काम को कर रहे थे. वो काम बंद चल रहा है. चाहे रेहड़ी लगाने का काम है या कंपनी में काम करने का सभी जगह लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा है. जिसके कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है और खाने के लिए राशन नहीं है. वहीं जेब में सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं. इसलिए अपने गांव पैदल जाने के लिए निकल लिया. सरकार की ओर से दी गई मदद के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना है कि सरकार की ओर से दी गई मदद पर्याप्त नहीं है. वहीं मकान मालिक को किराया देना संभव नहीं है. जिसके चलते रहने की भी समस्या खड़ी हो रही है. कुछ मजदूरों ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य हुई तो वापस आएंगे वरना कभी नहीं आएंगे.


जिले में बसों की व्यवस्था

गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के साथ ही बसों के माध्यम से भी उन्हें उनके घर भेजने का काम किया जा रहा है. जिले में बसों की स्थिति के संबंध में जब रोडवेज विभाग के एआरएम अनुराग यादव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि एनसीआर क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए सीएनजी बसों का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं लंबी दूरी के लिए डीजल बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरे जिले में इस समय 400 बसें है. जिसमें कुछ बसें गैर जनपदों से मंगाई गई है.

नई दिल्ली/नोएडा: संसाधन नहीं मिला तो पैदल ही घरों के लिए निकले प्रवासी मजदूरों को देख नोएडा पुलिस उन्हें शेल्टर होम में रखने का काम कर रही है. ऐसे ही करीब 300 मजदूरों को नोएडा पुलिस बिहार, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में बस के माध्यम से भेजने का काम किया है.

गौतमबुद्ध नगर: बस के माध्यम से कई राज्यों में भेजे गए प्रवासी मजदूर

वहीं मजदूरों का कहना है कि काम धंधा बंद होने के चलते आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. घर में चूल्हा जलाने की व्यवस्था नहीं है. जिसके चलते परिवार को पालना मुश्किल हो रहा है. इसलिए पैदल ही अपने घर के लिए निकल लिए थे. सब कुछ सामान्य हुआ तो वापस आएंगे वरना दिल्ली नहीं आएंगे.

प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है

नोएडा पुलिस की ओर से सेक्टर-19 के शेल्टर होम से बिहार के करीब 109, उत्तराखंड के 5, मध्य प्रदेश के 25 सहित उत्तर प्रदेश के दर्जनों जिलों में रहने वाले प्रवासी मजदूरों को बस के माध्यम से उनके घर भेजने का काम किया गया. जिसमें उत्तर प्रदेश के इटावा, जौनपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, कानपुर, आगरा, झांसी, महोबा, जालौन, बांदा, उन्नाव, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बदायूं, हरदोई और आजमगढ़, गाजीपुर, बलिया शामिल है. जहां के 1 से लेकर 2 दर्जन तक प्रवासियों को बसों के माध्यम से भेजा गया है.

'नहीं है मकान का किराया, ना राशन'

उत्तर प्रदेश के साथ ही गैर प्रांत के प्रवासी मजदूरों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वो जिस काम को कर रहे थे. वो काम बंद चल रहा है. चाहे रेहड़ी लगाने का काम है या कंपनी में काम करने का सभी जगह लॉकडाउन का असर दिखाई दे रहा है. जिसके कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है और खाने के लिए राशन नहीं है. वहीं जेब में सामान खरीदने के लिए पैसे नहीं. इसलिए अपने गांव पैदल जाने के लिए निकल लिया. सरकार की ओर से दी गई मदद के संबंध में पूछा गया तो उनका कहना है कि सरकार की ओर से दी गई मदद पर्याप्त नहीं है. वहीं मकान मालिक को किराया देना संभव नहीं है. जिसके चलते रहने की भी समस्या खड़ी हो रही है. कुछ मजदूरों ने कहा कि अगर स्थिति सामान्य हुई तो वापस आएंगे वरना कभी नहीं आएंगे.


जिले में बसों की व्यवस्था

गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के साथ ही बसों के माध्यम से भी उन्हें उनके घर भेजने का काम किया जा रहा है. जिले में बसों की स्थिति के संबंध में जब रोडवेज विभाग के एआरएम अनुराग यादव से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि एनसीआर क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को भेजने के लिए सीएनजी बसों का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं लंबी दूरी के लिए डीजल बसों का इस्तेमाल किया जा रहा है. पूरे जिले में इस समय 400 बसें है. जिसमें कुछ बसें गैर जनपदों से मंगाई गई है.

Last Updated : May 23, 2020, 10:16 AM IST
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