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दूसरों के घर में चूल्हा जलाकर बनाती थीं खाना, आज खुद दाने-दाने को मोहताज

लोगो के घरों में चूल्हा चौका करने का काम करने वाली पश्चिम बंगाल की निवासी महिलाओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों ने अपने घरों में काम कराना बंद कर दिया है. जिसके चलते हमारी आमदनी का स्रोत बंद हो गया है.

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Published : May 27, 2020, 2:20 PM IST

Women working in homes protest against ration in Noida
घरों में काम करने वाली महिलाओं ने नोएडा में राशन को लेकर दिया धरना

नई दिल्ली/नोएडा: दोनों टाइम लोगों के घरों में चूल्हा जला कर खाना बनाने का काम करने वाली महिलाओं का हाल ये हो गया है कि वो अब अपने घर का ही चूल्हा नही जला पा रही हैं. नोएडा के सेक्टर 9 में रहने वाली कुछ महिलाए ऐसी हैं जो पश्चिम बंगाल से जमाने पहले रोजी रोटी की तलाश में नोएडा अपने परिवार के साथ आईं और यहां लोगो के घरों में झाड़ू-पोछा से लेकर खाना बनाने का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थीं.

घरों में काम करने वाली महिलाओं ने नोएडा में राशन को लेकर दिया धरना

इसी बीच कोविड-19 महामारी ने देश मे लॉकडाउन के साथ ही उनके जीवन पर भी लॉक लगा दिया. जिसके चलते उनको अपने घर में चूल्हा जलाना अब भारी पड़ गया है. उनका कहना है कि जैसे ही मौका मिला वो अपने घर वापस चली जाएंगी. फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी समस्या है कि घर में राशन ना होने के चलते परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहीं हैं. ये महिलाएं पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं और आज ये पुलिस के पास राशन की मांग करने नोएडा के थाना सेक्टर 20 आईं हुईं थीं.


दूसरों का चूल्हा जलाने वालों का चूल्हा हुआ बंद

सुबह शाम दूसरों के घरों में जाकर चूल्हा चौका का काम करने वाली महिलाओं का हाल यह हो गया है कि जब से कोरोना वायरस फैला तब से लोगों ने उन्हें अपने घरों में बुलाना बंद कर दिया है. जिसके चलते अब उनके सामने खुद के घर का चूल्हा जलाना भारी पड़ने लगा है.

लोगों ने अपने घरों में कोरोना वायरस बीमारी के डर से घर में काम करने वाली महिलाओं का आना बंद कर दिया है, जिसके चलते काम करने वाली महिलाओं की रोजी-रोटी पर लॉकडाउन लग गया है. आज तक भले ही वो दूसरों के घरों में चूल्हा जला रहे थे पर अब खुद के घर का चूल्हा जलाना एक बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी हो गई है.

नहीं मिली प्रशासन की मदद

कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रशासन द्वारा गौतमबुद्ध नगर जिले में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के दौरान किसी को भी घर से निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. वही शाम 7:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक जनता कर्फ्यू भी लगा दिया जा रहा है. इस लॉकडाउन दौरान प्रशासन का कहना है कि जिनके घरों में राशन खाना नहीं है और उन्हें राशन खाना देने का काम किया जा रहा है.

लेकिन जमीनी सच्चाई तब सामने देखने को मिली जब पश्चिम बंगाल की रहने वाली कुछ काम करने वाली महिलाएं नोएडा के थाना सेक्टर 20 पहुंची और पुलिस से राशन की मांग करने लगीं. उनका कहना है कि प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन के पहले दिन से आज तक कोई मदद नहीं मिली है, जो मिली वो नाकाफी रही.


'आमदनी का स्रोत बंद'

लोगो के घरों में चूल्हा चौका करने का काम करने वाली पश्चिम बंगाल निवासी महिलाओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों ने अपने घरों में काम कराना बंद कर दिया है. जिसके चलते हमारी आमदनी का स्रोत बंद हो गया है. परिवार का भरण पोषण करना एक बड़ी समस्या बन कर सामने आई है.

हमारे पास राशन कार्ड भी नही जिसके चलते सरकारी राशन कोटे से ले सके. लॉकडाउन से लेकर अब तक प्रशासन द्वारा कुछ लोगो को राशन दिया गया, पर कुछ लोग ऐसे है जो सरकारी राशन के लिए तरस रहे हें. आज थाने पर राशन मांगने आये हैं पर यहां से भी मना हो गया है. कुछ और दिन का राशन मिल जाता तो फिर हम अपने घर पश्चिम बंगाल वापस चले जाएंगे.

नई दिल्ली/नोएडा: दोनों टाइम लोगों के घरों में चूल्हा जला कर खाना बनाने का काम करने वाली महिलाओं का हाल ये हो गया है कि वो अब अपने घर का ही चूल्हा नही जला पा रही हैं. नोएडा के सेक्टर 9 में रहने वाली कुछ महिलाए ऐसी हैं जो पश्चिम बंगाल से जमाने पहले रोजी रोटी की तलाश में नोएडा अपने परिवार के साथ आईं और यहां लोगो के घरों में झाड़ू-पोछा से लेकर खाना बनाने का काम कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही थीं.

घरों में काम करने वाली महिलाओं ने नोएडा में राशन को लेकर दिया धरना

इसी बीच कोविड-19 महामारी ने देश मे लॉकडाउन के साथ ही उनके जीवन पर भी लॉक लगा दिया. जिसके चलते उनको अपने घर में चूल्हा जलाना अब भारी पड़ गया है. उनका कहना है कि जैसे ही मौका मिला वो अपने घर वापस चली जाएंगी. फिलहाल उनके सामने सबसे बड़ी समस्या है कि घर में राशन ना होने के चलते परिवार का भरण पोषण नहीं कर पा रहीं हैं. ये महिलाएं पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं और आज ये पुलिस के पास राशन की मांग करने नोएडा के थाना सेक्टर 20 आईं हुईं थीं.


दूसरों का चूल्हा जलाने वालों का चूल्हा हुआ बंद

सुबह शाम दूसरों के घरों में जाकर चूल्हा चौका का काम करने वाली महिलाओं का हाल यह हो गया है कि जब से कोरोना वायरस फैला तब से लोगों ने उन्हें अपने घरों में बुलाना बंद कर दिया है. जिसके चलते अब उनके सामने खुद के घर का चूल्हा जलाना भारी पड़ने लगा है.

लोगों ने अपने घरों में कोरोना वायरस बीमारी के डर से घर में काम करने वाली महिलाओं का आना बंद कर दिया है, जिसके चलते काम करने वाली महिलाओं की रोजी-रोटी पर लॉकडाउन लग गया है. आज तक भले ही वो दूसरों के घरों में चूल्हा जला रहे थे पर अब खुद के घर का चूल्हा जलाना एक बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी हो गई है.

नहीं मिली प्रशासन की मदद

कोविड-19 महामारी को देखते हुए प्रशासन द्वारा गौतमबुद्ध नगर जिले में लॉकडाउन लगाया गया है. लॉकडाउन के दौरान किसी को भी घर से निकलने की अनुमति नहीं दी जा रही है. वही शाम 7:00 बजे से सुबह 7:00 बजे तक जनता कर्फ्यू भी लगा दिया जा रहा है. इस लॉकडाउन दौरान प्रशासन का कहना है कि जिनके घरों में राशन खाना नहीं है और उन्हें राशन खाना देने का काम किया जा रहा है.

लेकिन जमीनी सच्चाई तब सामने देखने को मिली जब पश्चिम बंगाल की रहने वाली कुछ काम करने वाली महिलाएं नोएडा के थाना सेक्टर 20 पहुंची और पुलिस से राशन की मांग करने लगीं. उनका कहना है कि प्रशासन की तरफ से लॉकडाउन के पहले दिन से आज तक कोई मदद नहीं मिली है, जो मिली वो नाकाफी रही.


'आमदनी का स्रोत बंद'

लोगो के घरों में चूल्हा चौका करने का काम करने वाली पश्चिम बंगाल निवासी महिलाओं का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते लोगों ने अपने घरों में काम कराना बंद कर दिया है. जिसके चलते हमारी आमदनी का स्रोत बंद हो गया है. परिवार का भरण पोषण करना एक बड़ी समस्या बन कर सामने आई है.

हमारे पास राशन कार्ड भी नही जिसके चलते सरकारी राशन कोटे से ले सके. लॉकडाउन से लेकर अब तक प्रशासन द्वारा कुछ लोगो को राशन दिया गया, पर कुछ लोग ऐसे है जो सरकारी राशन के लिए तरस रहे हें. आज थाने पर राशन मांगने आये हैं पर यहां से भी मना हो गया है. कुछ और दिन का राशन मिल जाता तो फिर हम अपने घर पश्चिम बंगाल वापस चले जाएंगे.

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