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नोएडा: कोर्ट बंद तो पुलिस की सेवा में लगे वकील साहब

लॉकडाउन के दौरान लोग सबकी मदद अलग-अलग तरीके से करने में लगे हुए हैं. खासतौर से उनकी जो प्रवासी मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं, उन्हें खाना नाश्ता और पानी दे रहे हैं.

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Published : May 21, 2020, 8:27 PM IST

Lawyers engaged in police service
कोर्ट बंद तो पुलिस की सेवा में लगे वकील साहब

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के दौरान तमाम ऐसे सामाजिक संगठन हैं, जो पैदल या किसी भी साधन से प्रवासी मजदूरों को नाश्ता, खाना-पानी देने का काम कर रहे हैं. वहीं इस चिलचिलाती धूप में बॉर्डर पर लॉकडाउन का पालन कराने में लगी पुलिस के बारे में अगर किसी ने सोचा तो दिल्ली के रहने वाले एक एडवोकेट ने. जो प्रतिदिन डीएनडी पर नोएडा और दिल्ली पुलिस के लिए 30 लीटर छाछ या मट्ठा लाकर पिलाते हैं. वहीं जब तेज धूप नहीं थी तो पुलिस के लिए चाय और नाश्ता लेकर आते थे.

कोर्ट बंद तो पुलिस की सेवा में लगे वकील साहब

पुलिस की सेवा

लॉकडाउन के दौरान लोग सबकी मदद अलग-अलग तरीके से करने में लगे हुए हैं. खासतौर से उनकी जो प्रवासी मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं, उन्हें खाना, नाश्ता-पानी दे रहे हैं. वहीं दिल्ली के महारानी बाग के रहने वाले एक एडवोकेट पुलिस के प्रति अपनी सेवा दिखाते हुए प्रतिदिन पुलिस के लिए 25 से 30 लीटर छाछ और मट्ठा लेकर आते हैं.

जब ये तपती हुई गर्मी नहीं थी तब उनके द्वारा चाय और नाश्ता लेकर आया जाता था. ये काम एडवोकेट द्वारा तब से किया जा रहा है, जब से पहला लॉकडाउन शुरू हुआ है.



एडवोकेट का कहना

पुलिस की निस्वार्थ सेवा में लगे एडवोकेट का कहना है कि सभी सामाजिक संगठन और आम लोग प्रवासी मजदूरों पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन सब की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी जो इस तपती हुई धूप और गर्मी में खड़े होकर लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं. उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसे देखते हुए मैंने इन लोगों को प्रतिदिन छाछ, मट्ठा और चाय नाश्ता देने का काम शुरू किया है. ये काम मैंने लॉकडाउन के पहले दिन से ही शुरू किया है. एडवोकेट का ये भी कहना है कि वो पेशे से वकील हैं और इस समय कचहरी लॉकडाउन के चलते बंद चल रही है. आमदनी का कोई स्रोत नहीं है, घर के दूध से ही ये सारा काम कर रहा हूं, जो आगे भी जारी रखूंगा. महारानी बाग से लेकर डीएनडी तक जो भी नोएडा और दिल्ली की पुलिस है सभी की सेवा में लगा हूं.

नई दिल्ली/नोएडा: लॉकडाउन के दौरान तमाम ऐसे सामाजिक संगठन हैं, जो पैदल या किसी भी साधन से प्रवासी मजदूरों को नाश्ता, खाना-पानी देने का काम कर रहे हैं. वहीं इस चिलचिलाती धूप में बॉर्डर पर लॉकडाउन का पालन कराने में लगी पुलिस के बारे में अगर किसी ने सोचा तो दिल्ली के रहने वाले एक एडवोकेट ने. जो प्रतिदिन डीएनडी पर नोएडा और दिल्ली पुलिस के लिए 30 लीटर छाछ या मट्ठा लाकर पिलाते हैं. वहीं जब तेज धूप नहीं थी तो पुलिस के लिए चाय और नाश्ता लेकर आते थे.

कोर्ट बंद तो पुलिस की सेवा में लगे वकील साहब

पुलिस की सेवा

लॉकडाउन के दौरान लोग सबकी मदद अलग-अलग तरीके से करने में लगे हुए हैं. खासतौर से उनकी जो प्रवासी मजदूर अपने घरों को जा रहे हैं, उन्हें खाना, नाश्ता-पानी दे रहे हैं. वहीं दिल्ली के महारानी बाग के रहने वाले एक एडवोकेट पुलिस के प्रति अपनी सेवा दिखाते हुए प्रतिदिन पुलिस के लिए 25 से 30 लीटर छाछ और मट्ठा लेकर आते हैं.

जब ये तपती हुई गर्मी नहीं थी तब उनके द्वारा चाय और नाश्ता लेकर आया जाता था. ये काम एडवोकेट द्वारा तब से किया जा रहा है, जब से पहला लॉकडाउन शुरू हुआ है.



एडवोकेट का कहना

पुलिस की निस्वार्थ सेवा में लगे एडवोकेट का कहना है कि सभी सामाजिक संगठन और आम लोग प्रवासी मजदूरों पर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन सब की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी जो इस तपती हुई धूप और गर्मी में खड़े होकर लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं. उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. जिसे देखते हुए मैंने इन लोगों को प्रतिदिन छाछ, मट्ठा और चाय नाश्ता देने का काम शुरू किया है. ये काम मैंने लॉकडाउन के पहले दिन से ही शुरू किया है. एडवोकेट का ये भी कहना है कि वो पेशे से वकील हैं और इस समय कचहरी लॉकडाउन के चलते बंद चल रही है. आमदनी का कोई स्रोत नहीं है, घर के दूध से ही ये सारा काम कर रहा हूं, जो आगे भी जारी रखूंगा. महारानी बाग से लेकर डीएनडी तक जो भी नोएडा और दिल्ली की पुलिस है सभी की सेवा में लगा हूं.

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