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नोएडा: यहां पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी पानी पीने जाते हैं श्मशानघाट - Noida mortuary

सेक्टर-94 के पोस्टमार्टम हाउस में कई साल से डीप फ्रीजर खराब है. यही नहीं, नया डीप फ्रीजर महीनों से सील पैक रखा हुआ है. इसके साथ ही करीब 2 साल से अधिक समय से लाखों रुपये का जरनेटर भी खराब चल रहा है. पर्याप्त रोशनी के अभाव में पोस्टमार्टम करने में भी समस्याएं आती है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट....

lack of water facility in noida sector 94 postmortem house
नोएडा : यहां पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारी पानी पीने जाते हैं श्मशानघाट
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Published : Sep 5, 2020, 4:09 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाने वाला गौतमबुद्ध नगर जिला का नोएडा शहर किसी परिचय का मोहताज नहीं है. हालांकि यहां के अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं की हालत इसके ठीक उलट है. इस शहर की स्थिति यह है कि यहां का स्वास्थ विभाग भगवान भरोसे ही चल रहा है. काम में लापरवाही बरतने के कारण यूपी के मुख्यमंत्री और मंत्री ने सीएमओ से लेकर सीएमएस तक का स्थानांतरण कर दिया, लेकिन जमीनी सच्चाई से मंत्री खुद भी बेखबर हैं.

देखिये ये रिपोर्ट

दरअसल, नोएडा के सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में पूरे जिला भर से पोस्टमार्टम के लिए शव आते हैं. शवों के साथ पहुंचने वाले परिजनों को यहां अदद से पानी तक नसीब नहीं होता. पोस्टमार्टम हाउस में काम करने वाले कर्मचारी हों या शव के साथ पहुंचने वाले परिजन सभी पानी पीने के लिए पड़ोस में बने श्मशानघाट जाते हैं. यह हाल किसी एक दिन का नहीं है, बल्कि करीब 2 साल से यह चलता आ रहा है. पोस्टमार्टम हाउस में पानी की सुविधा ना होने की जानकारी अधिकारियों को भी है, लेकिन अधिकारी समस्या का समाधान नहीं करते. पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर 2 साल से बदहाली का आंसू बहा रहा है.

अस्पताल प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

यही नहीं, पोस्टमार्टम हाउस का खराब जनरेटर हो या फिर सालों से धूल फांक रहा डीप फ्रीजर किसी को भी दुरुस्त करवाने की जहमत अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं उठाई जाती. इस बदहाली पर स्वास्थ विभाग के अधिकारी ध्यान देने की जगह आंख मूंदे हुए हैं. इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि करीब 2 साल से पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर खराब चल रहा है. इसके चलते पोस्टमार्टम हाउस में पीने के पानी की सुविधा नहीं है. पोस्टमार्टम हाउस में पोस्टमार्टम करने आए डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक पानी पीने के लिए तरस जाते हैं, अगर किसी को पानी पीना है तो मजबूरी में उन्हें पड़ोस के श्मशानघाट में जाना पड़ता है.

पोस्टमार्टम हाउस में क्या-क्या कमियां

सेक्टर-94 के पोस्टमार्टम हाउस में कई साल से डीप फ्रीजर खराब है. यही नहीं, नया डीप फ्रीजर महीनों से सील पैक रखा हुआ है. इसके साथ ही करीब 2 साल से अधिक समय से लाखों रुपये का जरनेटर भी खराब चल रहा है. पर्याप्त रोशनी के अभाव में पोस्टमार्टम करने में भी समस्याएं आती है. 2 साल से पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर भी खराब है.



पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात सुरक्षाकर्मी राज नारायण दुबे ने ईटीवी भारत से बताया कि पोस्टमार्टम हाउस पर पानी की काफी समस्या है. सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी के मौसम में होती है. राज नारायण दुबे के मुताबिक वाटर कूलर खराब होने के कारण डॉक्टर से लेकर कर्मचारी और यहां आने वाली पब्लिक को भी पानी पीने के लिए पड़ोस में श्मशानघाट पर जाना पड़ता है.

नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाने वाला गौतमबुद्ध नगर जिला का नोएडा शहर किसी परिचय का मोहताज नहीं है. हालांकि यहां के अस्पतालों में मिलने वाली सुविधाओं की हालत इसके ठीक उलट है. इस शहर की स्थिति यह है कि यहां का स्वास्थ विभाग भगवान भरोसे ही चल रहा है. काम में लापरवाही बरतने के कारण यूपी के मुख्यमंत्री और मंत्री ने सीएमओ से लेकर सीएमएस तक का स्थानांतरण कर दिया, लेकिन जमीनी सच्चाई से मंत्री खुद भी बेखबर हैं.

देखिये ये रिपोर्ट

दरअसल, नोएडा के सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में पूरे जिला भर से पोस्टमार्टम के लिए शव आते हैं. शवों के साथ पहुंचने वाले परिजनों को यहां अदद से पानी तक नसीब नहीं होता. पोस्टमार्टम हाउस में काम करने वाले कर्मचारी हों या शव के साथ पहुंचने वाले परिजन सभी पानी पीने के लिए पड़ोस में बने श्मशानघाट जाते हैं. यह हाल किसी एक दिन का नहीं है, बल्कि करीब 2 साल से यह चलता आ रहा है. पोस्टमार्टम हाउस में पानी की सुविधा ना होने की जानकारी अधिकारियों को भी है, लेकिन अधिकारी समस्या का समाधान नहीं करते. पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर 2 साल से बदहाली का आंसू बहा रहा है.

अस्पताल प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

यही नहीं, पोस्टमार्टम हाउस का खराब जनरेटर हो या फिर सालों से धूल फांक रहा डीप फ्रीजर किसी को भी दुरुस्त करवाने की जहमत अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं उठाई जाती. इस बदहाली पर स्वास्थ विभाग के अधिकारी ध्यान देने की जगह आंख मूंदे हुए हैं. इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि करीब 2 साल से पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर खराब चल रहा है. इसके चलते पोस्टमार्टम हाउस में पीने के पानी की सुविधा नहीं है. पोस्टमार्टम हाउस में पोस्टमार्टम करने आए डॉक्टर से लेकर कर्मचारी तक पानी पीने के लिए तरस जाते हैं, अगर किसी को पानी पीना है तो मजबूरी में उन्हें पड़ोस के श्मशानघाट में जाना पड़ता है.

पोस्टमार्टम हाउस में क्या-क्या कमियां

सेक्टर-94 के पोस्टमार्टम हाउस में कई साल से डीप फ्रीजर खराब है. यही नहीं, नया डीप फ्रीजर महीनों से सील पैक रखा हुआ है. इसके साथ ही करीब 2 साल से अधिक समय से लाखों रुपये का जरनेटर भी खराब चल रहा है. पर्याप्त रोशनी के अभाव में पोस्टमार्टम करने में भी समस्याएं आती है. 2 साल से पोस्टमार्टम हाउस में लगा एकमात्र वाटर कूलर भी खराब है.



पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात सुरक्षाकर्मी राज नारायण दुबे ने ईटीवी भारत से बताया कि पोस्टमार्टम हाउस पर पानी की काफी समस्या है. सबसे ज्यादा परेशानी गर्मी के मौसम में होती है. राज नारायण दुबे के मुताबिक वाटर कूलर खराब होने के कारण डॉक्टर से लेकर कर्मचारी और यहां आने वाली पब्लिक को भी पानी पीने के लिए पड़ोस में श्मशानघाट पर जाना पड़ता है.

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