नई दिल्ली/नोएडा: फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ियों को चलाने वालों की गिरफ्तारी और धरपकड़ करने वाली पुलिस खुद ही अपनी गाड़ी पर फर्जी नंबर प्लेट अगर लगाकर चल रही है. मामला राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा का है, जहां एक दरोगा दूसरे अपनी गाड़ी में फर्जी नंबर लगाकर घूम रहा था. जब गाड़ी सर्विस सेंटर में सर्विसिंग के लिये आई और सर्विस सेंटर की तरफ से गाड़ी नंबर के आधार पर वाहन स्वामी को गाड़ी सर्विस किए जाने का समय बताने के लिये मैसेज भेजा गया, तब जाकर पूरे मामले का खुलासा हुआ. इसके बाद रजिस्ट्रेशन नंबर के असली मालिक ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. जिसके बाद ये मामला पुलिस महकमे के बड़े अधिकारियों तक जा पहुंचा है.
ग्रेटर नोएडा के कासना में महिंद्रा के सर्विस सेंटर पर यूपी 16 बीसी 0827 नंबर की स्कॉर्पियो सर्विस होने के लिए आई. सर्विस गाड़ी की कब पूरी होगी और कब वह स्वामी को दी जाएगी, इसका मैसेज सर्विस सेंटर द्वारा नंबर के आधार पर वाहन स्वामी को मैसेज के माध्यम से सूचित किया गया. जिस रजिस्ट्रेशन के आधार पर सर्विस सेंटर द्वारा सर्विस गाड़ी के किए जाने की जानकारी दी गई, उस नंबर की गाड़ी वास्तव में कहीं और थी. मैसेज मिलने पर वास्तविक गाड़ी जिसके पास थी, वह सर्विस सेंटर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की.
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जब रजिस्ट्रेशन नंबर के असली मालिक को सच्चाई पता लगी तो उनके होश उड़ गए. इसके बाद उन्होंने पूरी घटना का वीडियो बनाया गया और अपनी दु:ख बयां किया. उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ साल से मेरी गाड़ी का ऑनलाइन चालान हो रहा है, जबकि मेरी गाड़ी मेरे घर पर खड़ी है. आज पता लगा कि मेरी गाड़ी का नंबर गाजियाबाद के कविनगर थाने पर तैनात बलराज नाम के सब इंस्पेक्टर द्वारा अपनी गाड़ी स्कॉर्पियो पर लिखकर घूम रहे हैं.
असली रजिस्ट्रेशन नंबर मालिक का कहना है कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन प्रीति बसोया के नाम पर है और नंबर वर्जिनल आरसी सब कुछ मेरे पास उपलब्ध है लेकिन मेरी गाड़ी का नंबर प्रयोग करके गलत तरीके से सब इंस्पेक्टर द्वारा गाड़ी चलाई जा रही है. असली रजिस्ट्रेशन नंबर मालिक द्वारा इस मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया है.
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वहीं इस मामले को लेकर गौतम बुध नगर जिले के पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने मीडिया सेल के माध्यम से जानकारी दी कि इस पूरे प्रकरण के संबंध में आईजी मेरठ को सूचित कर दिया गया है, मामले की जांच की जा रही है.