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नोएडा: न्याय की आस में 7 दिनों से धरने पर बैठा है कराटे चैंपियन का परिवार

दिल्ली से सटे नोएडा में एक लड़की का सपना टूट गया.कराटे की होनहार खिलाड़ी देश को मैडल जिताना चाहती थी.पर अब खुद इंसाफ के लिए लड़ रही है.आइए देखते हैं आखिर क्या हुआ ?

धरने पर बैठा लॉरी का परिवार etv bharat
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Published : Jul 30, 2019, 8:41 PM IST

Updated : Jul 30, 2019, 10:52 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: देश को मेडल जितवाना हर खिलाड़ी का सपना होता है. लेकिन किस्मत साथ न दे तो काबिलियत भी किसी काम की नहीं. नोएडा की लॉरी नाम की छात्रा जो कराटे की होनहार खिलाड़ी थी उसे एक दुर्घटना में अपना पैर गंवाना पड़ गया. प्रशासन ने सहायता के जो भी वादे किए वो आजतक पूरे नहीं हुआ. हाल ये है कि इस होनहार खिलाड़ी को हक दिलाने के लिए परिजनों और साथियों को धरने पर बैठना पड़ गया है.

धरने पर बैठा लॉरी का परिवार

पिछले 7 दिनों से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है लेकिन प्रशासन बेफिक्र होकर इन्हें अनदेखा करता दिख रहा है. लोरी की मां नीलम का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने लिखित में नौकरी दिलाने का अश्वासन दिया था. लेकिन दो महीने चक्कर काटने के बाद भी कुछ नहीं हुआ है. सहायता के नाम पर एक व्हील चेयर पकड़ा दिया गया है. नीलम कहती है कि व्हील चेयर पर बैठाकर मैं क्या भीख मांगू? प्रशासन जब तक नौकरी नहीं देता तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

मदद ना मिलने पर धरने पर बैठा परिवार
बता दें कि लोरी नोएडा के सेक्टर 22 में रहती है. नोएडा प्रसाशन ने लोरी और उसके माता पिता को आर्थिक मदद का आश्वाशन दिया था लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली. थक कर परिवार ने 24 जुलाई को धरने पर बैठने का फैसला किया.
पीड़ित परिवार के साथ लोरी के साथ पढ़ने वाले स्कूल के अन्य छात्र भी धरने पर बैठे हुए हैं. सभी लोरी को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं.

छोटी सी दुकान से चलता है घर
लॉरी क पिता नोएडा के सेक्टर 10 में एक छोटी सी दुकान लगाकर अपने परिवार का पालनपोषण करते हैं. वे आज अपने बच्चों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर के बाहर बैठे कर अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे हैं.
सत्रह साल की लोरी अपने परिवार के साथ सेक्टर-10 में रहती है. वह सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा है. कराटे में ब्लैक बेल्ट होने के साथ ही वह राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार भी जीत चुकी है. लोरी पढ़ाई के साथ कई स्कूल, एनजीओ और नोएडा स्टेडियम में बच्चों को कराटे की ट्रेनिंग देकर पढ़ाई व घर का खर्च निकालती थी.

दो महीने बाद भी काट रही चक्कर
22 मई की दोपहर सेक्टर-62 स्थित एक स्कूल में बच्चों को जूड़ो कराटे की ट्रेनिंग देकर वह स्कूटी से घर लौट रही थी. जब वह सेक्टर-12/22 रेड लाइट से आगे बृजवासी होटल के पास पहुंची, तभी तेज रफ्तार डीटीसी बस ने स्कूटी में पीछे से टक्कर मार दी. हादसे में लोरी का एक पैर बस के पहिए के नीचे आ गया. जिसके बाद इलाज के दौरान छात्रा का पैर कटवाना पड़ा था. लोरी के पिता कहते हैं कि जिला प्रशासन ने उस समय आर्थिक सहायता और नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक कुछ नहीं मिला है.

नई दिल्ली/नोएडा: देश को मेडल जितवाना हर खिलाड़ी का सपना होता है. लेकिन किस्मत साथ न दे तो काबिलियत भी किसी काम की नहीं. नोएडा की लॉरी नाम की छात्रा जो कराटे की होनहार खिलाड़ी थी उसे एक दुर्घटना में अपना पैर गंवाना पड़ गया. प्रशासन ने सहायता के जो भी वादे किए वो आजतक पूरे नहीं हुआ. हाल ये है कि इस होनहार खिलाड़ी को हक दिलाने के लिए परिजनों और साथियों को धरने पर बैठना पड़ गया है.

धरने पर बैठा लॉरी का परिवार

पिछले 7 दिनों से पीड़ित परिवार धरने पर बैठा है लेकिन प्रशासन बेफिक्र होकर इन्हें अनदेखा करता दिख रहा है. लोरी की मां नीलम का कहना है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने लिखित में नौकरी दिलाने का अश्वासन दिया था. लेकिन दो महीने चक्कर काटने के बाद भी कुछ नहीं हुआ है. सहायता के नाम पर एक व्हील चेयर पकड़ा दिया गया है. नीलम कहती है कि व्हील चेयर पर बैठाकर मैं क्या भीख मांगू? प्रशासन जब तक नौकरी नहीं देता तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा.

मदद ना मिलने पर धरने पर बैठा परिवार
बता दें कि लोरी नोएडा के सेक्टर 22 में रहती है. नोएडा प्रसाशन ने लोरी और उसके माता पिता को आर्थिक मदद का आश्वाशन दिया था लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी कोई मदद नहीं मिली. थक कर परिवार ने 24 जुलाई को धरने पर बैठने का फैसला किया.
पीड़ित परिवार के साथ लोरी के साथ पढ़ने वाले स्कूल के अन्य छात्र भी धरने पर बैठे हुए हैं. सभी लोरी को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं.

छोटी सी दुकान से चलता है घर
लॉरी क पिता नोएडा के सेक्टर 10 में एक छोटी सी दुकान लगाकर अपने परिवार का पालनपोषण करते हैं. वे आज अपने बच्चों के साथ सिटी मजिस्ट्रेट के दफ्तर के बाहर बैठे कर अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहे हैं.
सत्रह साल की लोरी अपने परिवार के साथ सेक्टर-10 में रहती है. वह सेक्टर-12 स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में 12वीं की छात्रा है. कराटे में ब्लैक बेल्ट होने के साथ ही वह राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कई पुरस्कार भी जीत चुकी है. लोरी पढ़ाई के साथ कई स्कूल, एनजीओ और नोएडा स्टेडियम में बच्चों को कराटे की ट्रेनिंग देकर पढ़ाई व घर का खर्च निकालती थी.

दो महीने बाद भी काट रही चक्कर
22 मई की दोपहर सेक्टर-62 स्थित एक स्कूल में बच्चों को जूड़ो कराटे की ट्रेनिंग देकर वह स्कूटी से घर लौट रही थी. जब वह सेक्टर-12/22 रेड लाइट से आगे बृजवासी होटल के पास पहुंची, तभी तेज रफ्तार डीटीसी बस ने स्कूटी में पीछे से टक्कर मार दी. हादसे में लोरी का एक पैर बस के पहिए के नीचे आ गया. जिसके बाद इलाज के दौरान छात्रा का पैर कटवाना पड़ा था. लोरी के पिता कहते हैं कि जिला प्रशासन ने उस समय आर्थिक सहायता और नौकरी देने का वादा किया था. लेकिन दो महीने बीत जाने के बावजूद अभी तक कुछ नहीं मिला है.

Intro:नोएडा: देश को मैडल जीतकर  मान सम्मान दिलाने का सपना उस बेटी का ऐसा ही रह गया।  आप को बता दे की नॉएडा के सेक्टर 22 में 22 मई 2019 को कराटे की खिलाडी लॉरी नाम की छात्रा को डीटीसी बस ने टक्कर मार दी जिसमे लॉरी का एक पैर ख़राब हो गया था। नॉएडा प्रसाशन ने लॉरी और उसके माता पिता को आश्वाशन दिया था आर्थिक मदत के तौर पर परिवार की मदत की जायेगी लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी मदत नहीं मिलने पर 24 जुलाई को लोरी का परिवार धरने पर बैठा था और 7 दिन से परिवार आर्थिक मदत की मांग कर रहा था लेकिन प्रसाशन के द्वारा बात सुनने के बाद लोरी के माता पिता भूख हड़ताल पर बैठ गए है । पीड़ित परिवार के साथ लॉरी के साथ पढ़ने वाले स्कूल के अन्य छात्र और छात्राये भी धरने पर बैठे हुए है और लॉरी को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे है।  

Body: नॉएडा के सेक्टर 10 में एक छोटी सी दुकान लगाकर अपने परिवार का पालनपोषण करने वाले एक परिवार का मुखिया आज अपने बच्चो के साथ सिटी मजिस्ट्रट के दफ्तर के बहार बैठे कर अपनी बेटी के लिए इंसाफ मांग रहा है। आप को  बता दे की नॉएडा के सेक्टर 22 में तेज रफ़्तार डीटीसी बस ने अपने स्कूल से घर जा रही छात्रा लॉरी को टक्कर मार दी टक्कर इतनी तेज थी की लॉरी का पैर उसने खो दिया।  उस दौरान लॉरी के परिजनों को नॉएडा प्रसाशन ने आश्वशन दिया था की सरकारी नौकरी सहित परिवार को आर्थिक मदत  की जायेगी जिसको लेकर परिवार 2  महीने से इंतज़ार कर रहा था। कराटे में होनहार खिलाडी लोरी जो सबकी मदत करती थी आज उसकी ही मदत में कोई सामने नहीं आ रहा है ऐसे में माता पिता सिटी मजिस्ट्रट के दफ्तर पर 7 दिन धरना और भूख हड़ताल पर बैठे है जिससे लोरी को इंसाफ मिल सके और आर्थिक मदत से वो अपने पेरो पर खड़ी हो सके ।   



बाईट : बहन 

बाईट : भाई 

बाईट : लॉरी की मित्र 

Conclusion:7 दिन से धरने पर बैठे हुए परिवार की प्रसाशन से कई बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकला है अब देखना होगा की आखिर लोरी को नॉएडा प्रसाशन आर्थिक मदत देने के लिए कब सामने आएगा और लोरी कब तक अपने पैरो पर खड़ी होगी।  
Last Updated : Jul 30, 2019, 10:52 PM IST

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