नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित ट्वीट करने के आरोप में एक पत्रकार समेत एक चैनल के संपादक और उसे हेड को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस और योगी सरकार की आलोचना होने लगी तो सफाई देने नोएडा पुलिस खुद सामने आ गई.
सम्पादक अनुज शुक्ला गिरफ्तार
डीएम बीएन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा एक निजी चैनल द्वारा एक महिला का सतही वीडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन ने कारवाई करते हुए चैनल हेड इशिका सिंह व सम्पादक अनुज शुक्ला को गिरफ्तार किया है.
चैनल के पास नहीं कोई लाइसेंस
उन्होंने बताया कि चैनल द्वारा लाइसेंस न दिखाने पर चैनल को फर्जी मानते हुए सीज कर दिया गया है. डीएम का कहना है कि इस चैनल के पास ना तो कोई लाइसेंस था और ना ही एमआईबी से इस बात की पुष्टि हो पाई है कि इस नाम से कोई लाइसेंस है.
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
पत्रकारों ने जब महिला के खिलाफ कारवाई करने के बारे में सवाल पूछा तो दोनों जवाब देने से बचते दिखे. जबकि सोशल मीडिया पर महिला के बयान का जो वीडियो वायरल हुआ है, उस पर अब तक पुलिस की तरफ से ना तो कोई संज्ञान लिया गया है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है.
जिलाधिकारी ने साफ कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा-144 के तहत चैनल को सील किया है, वह कार्रवाई कानून सम्मत है. डीएम और एसएसपी का यह कहना था कि किसी समाचार से अगर सामाजिक और कानून व्यवस्था प्रभावित होती है तो कार्रवाई आवश्यक हो जाती है.
वहीं इसी मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया पर योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है.