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पत्रकार गिरफ्तारी मामला: बचाव में उतरी पुलिस, SC ने दिया प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश - up police

योगी आदित्यनाथ पर विवादित ट्वीट करने के आरोप में एक पत्रकार को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद गिरफ्तारी को जायज ठहराने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी और एसएसपी मीडिया के सामने आए और प्रेस वार्ता की.

विवादित ट्वीट के बाद प्रशांत कनौजिया गिरफ्तार
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Published : Jun 11, 2019, 1:08 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित ट्वीट करने के आरोप में एक पत्रकार समेत एक चैनल के संपादक और उसे हेड को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस और योगी सरकार की आलोचना होने लगी तो सफाई देने नोएडा पुलिस खुद सामने आ गई.

सम्पादक अनुज शुक्ला गिरफ्तार
डीएम बीएन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा एक निजी चैनल द्वारा एक महिला का सतही वीडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन ने कारवाई करते हुए चैनल हेड इशिका सिंह व सम्पादक अनुज शुक्ला को गिरफ्तार किया है.

विवादित ट्वीट के बाद प्रशांत कनौजिया गिरफ्तार

चैनल के पास नहीं कोई लाइसेंस
उन्होंने बताया कि चैनल द्वारा लाइसेंस न दिखाने पर चैनल को फर्जी मानते हुए सीज कर दिया गया है. डीएम का कहना है कि इस चैनल के पास ना तो कोई लाइसेंस था और ना ही एमआईबी से इस बात की पुष्टि हो पाई है कि इस नाम से कोई लाइसेंस है.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
पत्रकारों ने जब महिला के खिलाफ कारवाई करने के बारे में सवाल पूछा तो दोनों जवाब देने से बचते दिखे. जबकि सोशल मीडिया पर महिला के बयान का जो वीडियो वायरल हुआ है, उस पर अब तक पुलिस की तरफ से ना तो कोई संज्ञान लिया गया है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है.

जिलाधिकारी ने साफ कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा-144 के तहत चैनल को सील किया है, वह कार्रवाई कानून सम्मत है. डीएम और एसएसपी का यह कहना था कि किसी समाचार से अगर सामाजिक और कानून व्यवस्था प्रभावित होती है तो कार्रवाई आवश्यक हो जाती है.

वहीं इसी मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया पर योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विवादित ट्वीट करने के आरोप में एक पत्रकार समेत एक चैनल के संपादक और उसे हेड को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद जब पुलिस और योगी सरकार की आलोचना होने लगी तो सफाई देने नोएडा पुलिस खुद सामने आ गई.

सम्पादक अनुज शुक्ला गिरफ्तार
डीएम बीएन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा एक निजी चैनल द्वारा एक महिला का सतही वीडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन ने कारवाई करते हुए चैनल हेड इशिका सिंह व सम्पादक अनुज शुक्ला को गिरफ्तार किया है.

विवादित ट्वीट के बाद प्रशांत कनौजिया गिरफ्तार

चैनल के पास नहीं कोई लाइसेंस
उन्होंने बताया कि चैनल द्वारा लाइसेंस न दिखाने पर चैनल को फर्जी मानते हुए सीज कर दिया गया है. डीएम का कहना है कि इस चैनल के पास ना तो कोई लाइसेंस था और ना ही एमआईबी से इस बात की पुष्टि हो पाई है कि इस नाम से कोई लाइसेंस है.

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल
पत्रकारों ने जब महिला के खिलाफ कारवाई करने के बारे में सवाल पूछा तो दोनों जवाब देने से बचते दिखे. जबकि सोशल मीडिया पर महिला के बयान का जो वीडियो वायरल हुआ है, उस पर अब तक पुलिस की तरफ से ना तो कोई संज्ञान लिया गया है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है.

जिलाधिकारी ने साफ कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा-144 के तहत चैनल को सील किया है, वह कार्रवाई कानून सम्मत है. डीएम और एसएसपी का यह कहना था कि किसी समाचार से अगर सामाजिक और कानून व्यवस्था प्रभावित होती है तो कार्रवाई आवश्यक हो जाती है.

वहीं इसी मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया पर योगी सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है.


डीएम, एसएसपी ने चैनल के खिलाफ कार्रवाई और पत्रकारो की गिरफ़्तारी को जायज ठहराया, एक अन्य आरोपी प्रशांत की पत्नी  की सुप्रीम कोर्ट में याचिका मंजूर

Noida -- सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर अपमानजनक आरोप लगाने वाली महिला का इंटरव्यू दिखाने वाले चैनल के खिलाफ कार्रवाई को जायज बताने के लिए सोमवार को जिलाधिकारी और एसएसपी मीडिया के सामने आए। उन्होंने बताया कि चैनल बिना लाइसेंस के चल रहा था। हालांकि इस बात की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है। दूसरी ओर, इस मामले में टिव्यूट करने पर गिरफ्तार अन्य आरोपी प्रशांत कन्नोजिया की पत्नी की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर ली है। उस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। 

 डीएम बीएन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा एक निजी चैनल नेशन लाइव द्वारा एक महिला का सतही वीडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें नोएडा पुलिस और जिला प्रशासन ने कारवाई करते हुए चैनल हेड इशिका सिंह व सम्पादक अनुज शुक्ला को गिरफ्तार किया है। इस मामले में टिव्यूट करने वाले एक अन्य आरोपी प्रशांत कन्नौजिया को लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने उसके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ़्तार किया है। उन्होंने बताया कि मौक पर चैनल का लाइसेंस न दिखाने पर चैनल को फर्जी मानते हुए सीज कर दिया गया है। डीएम का कहना है कि इस चैनल के पास ना तो कोई लाइसेंस था और ना ही एमआईबी से इस बात की पुष्टि हो पाई है कि इस नाम से कोई लाइसेंस है। 
बाइट – बीएन सिंह (डीएम जीबीएन)

पत्रकारों ने जब महिला के खिलाफ  कारवाई न करने के बाबत पूछे गए सवाल पर दोनों की अधिकारी जबाब देने से बचते रहे। जबकि सोशल मीडिया पर महिला के बयान का जो वीडियो वायरल हुआ है, उस पर अब तक पुलिस की तरफ  से न कोई संज्ञान लिया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई है। हालांकि जिलाधिकारी ने साफ कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा-144 के तहत चैनल को सील किया है, वह कार्रवाई कानून सम्मत है। डीएम और एसएसपी का यह कहना था कि किसी समाचार से अगर सामाजिक और कानून व्यवस्था प्रभावित होती है तो कार्रवाई आवश्यक हो जाती है। 
बाइट – बीएन सिंह (डीएम जीबीएन)
बाइट – वैभव कृष्ण (एसएसपी जीबीएन)

 प्रशासन ने चैनल को सील कर चैनल हेड इशिका सिंह और संपादक अनुज शुक्ला को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया, लेकिन सवाल उठता है कि ये चैनल बिना लाइसेंस के टैलीपोट से सैटेलाइट के जरिए कैसे ऑन एयर हो रहा था। क्या कारवाई करने वाली एजेंसी से पूरे प्रकरण में चूक हुई है। सवाल यह भी है कि क्या चैनल का मालिक सेटेलाइट को हैक समाचारों को ऑनएयर कर रहा था। इस बीच, प्रशांत कन्नोजिया की पत्नी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। तीन बिन्दुओं पर दाखिल याचिका सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर ली है। इस पर मंगलवार यानि 11 जून को सुनवाई होगी। 








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