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ठिठुरती ठंड में बेघरों का आशियाना बना रैन बसेरा, सैकड़ों लोग ले रहे शरण - बीजेपी

आशियाने की तलाश में दर-दर भटकने वाले लोगों की नजरें जब रैन बसेरे पर पड़ती है तो लगता है उन्हें अपना घर मिल गया. नोएडा सेक्टर-27 में एक ऐसा ही रैन बसेरा बनाया गया है.

In the cold winter, the night house became homeless people's home
ठिठुरती ठंड में बेघरों का आशियाना बना रैन बसेरा
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Published : Dec 12, 2019, 1:37 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: इस ठिठुरती हुई ठंड में जब फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के पास एक कंबल भी न हो तो उनके लिए रैन बसेरा किसी मखमली बिस्तर से कम नहीं होता. यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण हर साल हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड में बेघर लोगों को रैन बसेरे में आश्रय देता है.

ठिठुरती ठंड में बेघरों का आशियाना बना रैन बसेरा


रैन बसेरे में नहीं लगता कोई शुल्क
रैन बसेरे में कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क रह सकता है. शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक रैन बसेरे में जाकर ठंड से बचने का सहारा ले सकता है. स्टेडियम में बनी रैन बसेरे में जमीन पर बिछी हुई मैट, ओढ़ने के लिए 2 से 3 कम्बल,पीने के लिए पानी और लाइट की सुविधा है. तिरपाल और बांस से बने इसे टेंट में सैकड़ों बेघर लोग आश्रय लेते हैं.


बता दें कि 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया था कि शहरों में जनसंख्या के आधार पर रात्रिकालीन आश्रय का निर्माण किया जाए. जहां कंबल, पानी, दवाइयां, शौचालय और बिजली आदि की भी नि:शुल्क सुविधा भी मुहैया की जानी चाहिए.

नई दिल्ली/नोएडा: इस ठिठुरती हुई ठंड में जब फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के पास एक कंबल भी न हो तो उनके लिए रैन बसेरा किसी मखमली बिस्तर से कम नहीं होता. यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण हर साल हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड में बेघर लोगों को रैन बसेरे में आश्रय देता है.

ठिठुरती ठंड में बेघरों का आशियाना बना रैन बसेरा


रैन बसेरे में नहीं लगता कोई शुल्क
रैन बसेरे में कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क रह सकता है. शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक रैन बसेरे में जाकर ठंड से बचने का सहारा ले सकता है. स्टेडियम में बनी रैन बसेरे में जमीन पर बिछी हुई मैट, ओढ़ने के लिए 2 से 3 कम्बल,पीने के लिए पानी और लाइट की सुविधा है. तिरपाल और बांस से बने इसे टेंट में सैकड़ों बेघर लोग आश्रय लेते हैं.


बता दें कि 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया था कि शहरों में जनसंख्या के आधार पर रात्रिकालीन आश्रय का निर्माण किया जाए. जहां कंबल, पानी, दवाइयां, शौचालय और बिजली आदि की भी नि:शुल्क सुविधा भी मुहैया की जानी चाहिए.

Intro:नोएडा---
ठिठुरती हुए ठंड में जब किसी को कहीं सहारा और ठंड से राहत नहीं मिलती है तो वह नोएडा के सेक्टर 21ए स्थित स्टेडियम के गेट नंबर 7 में बने रैन बसेरे में सहारा लेता है । वही रैन बसेरा उनके लिए भी बसेरे का माध्यम बन जाता है जिनको उनके अपने ही घर से बेघर कर देते हैं ।
स्टेडियम में बने रैन बसेरे में कोई भी व्यक्ति ठंड से बचने के लिए शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जाकर ठंड से बचने का सहारा ले सकता है। इस रैन बसेरे में कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। स्टेडियम में प्राधिकरण द्वारा हर साल रैन बसेरा बनाया जाता है, जहां लोग आकर ठंड से बसते हैं और चैन की नींद सोते हैं।


Body:क्या है रैन बसेरा---
गर्मी के मौसम में इंसान कहीं भी सो सकता है अगर उसके सर पर छत नहीं है टैब भी, पर ठंड के मौसम में इंसान बिना आश्रय के रात नहीं गुजार पाता है । इसीलिए हर साल नोएडा प्राधिकरण द्वारा स्टेडियम में रैन बसेरा बनवाया जाता है। जिसमें करीब सौ से डेढ़ सौ लोग आकर बिना शुल्क दिए आसरा ले सकते हैं । जो इस साल भी प्राधिकरण द्वारा बनवाया गया है। जहां हर व्यक्ति को दो से तीन कंबल ओढ़ने के लिए दिए जाते हैं ताकि वह सुकून की नींद ले सके।

कौन आता है यहां--
रैन बसेरे में वही आते है जिन्हें इस ठिठुरती ठंड में कही सहारा नही मिलता है। नोएडा मैं बने रैन बसेरे में कुछ ऐसे लोग भी सहारा ले रहे हैं जिनका अपना खुद का घर नोएडा में होने के बाद भी उनके अपने घर से बेघर कर दिया है , जिन्हें अपनों ने ठिठुरती हुई ठंड में सहारा नहीं दिया । उन्हें स्टेडियम में बने रैन बसेरे में सहारा मिला । इस रैन बसेरे में बेघर ही नहीं घर वाले भी ठंड से बचने के लिए सहारा लेने आ रहे हैं।



Conclusion:क्या क्या है सुविधा---
स्टेडियम में बनी रेन बसेरे में सुविधा के नाम पर जमीन पर बिछी हुई मैट, ओढ़ने के लिए 2 से 3 कम्बल,पीने के लिए पानी,पर्याप्त लाइट, तिरपाल और बॉस से बना टेन्ट है। सुरक्षा की दृष्टि से फायर सिस्टम लगा हुआ है।

किसके आदेश पर बने रैन बसेरा---

2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया था कि शहरों में जनसंख्या के आधार पर रात्रि कालीन आश्रय का निर्माण किया जाए । वहां पर कंबल, पानी, दवाइयां, शौचालय और बिजली आदि की भी निशुल्क सुविधा भी मुहैया की जानी चाहिए।

क्या नही है बसेरे में--
रैन बसेरा में जहां बिजली पानी और सुरक्षा की व्यवस्था है, वही दवाइयां और महिलाओं के लिए कोई सुविधा नहीं है।

बाईट--- अभिमन्यु तिवारी सुरक्षा कर्मी रैन बसेरा
बाईट--- बीपी भट्ट आश्रय लेने वाले
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