नई दिल्ली/नोएडा: इस ठिठुरती हुई ठंड में जब फुटपाथ पर सोने वाले लोगों के पास एक कंबल भी न हो तो उनके लिए रैन बसेरा किसी मखमली बिस्तर से कम नहीं होता. यही वजह है कि नोएडा प्राधिकरण हर साल हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड में बेघर लोगों को रैन बसेरे में आश्रय देता है.
रैन बसेरे में नहीं लगता कोई शुल्क
रैन बसेरे में कोई भी व्यक्ति नि:शुल्क रह सकता है. शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक रैन बसेरे में जाकर ठंड से बचने का सहारा ले सकता है. स्टेडियम में बनी रैन बसेरे में जमीन पर बिछी हुई मैट, ओढ़ने के लिए 2 से 3 कम्बल,पीने के लिए पानी और लाइट की सुविधा है. तिरपाल और बांस से बने इसे टेंट में सैकड़ों बेघर लोग आश्रय लेते हैं.
बता दें कि 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आदेश जारी किया था कि शहरों में जनसंख्या के आधार पर रात्रिकालीन आश्रय का निर्माण किया जाए. जहां कंबल, पानी, दवाइयां, शौचालय और बिजली आदि की भी नि:शुल्क सुविधा भी मुहैया की जानी चाहिए.