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Twin Towers demolition के बाद एनसीआर के प्रदूषण में नहीं हुई बढ़ोतरी, जानें क्या है हाल

रविवार दोपहर नोएडा का ट्विन टावर ध्वस्त कर दिया गया. करीब 35 मिनट तक टावर वाले इलाके में धुल और धुंध का गुबारा बना रहा. अनुमान जताया जा रहा था कि ध्वस्तीकरण के कारण एनसीआर में प्रदूषण बढ़ जाएगा. आइए जानते हैं क्या है प्रदूषण रिपोर्ट.

Twin Tower
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Published : Aug 29, 2022, 1:19 PM IST

Updated : Aug 29, 2022, 3:07 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा का ट्विन टावर आखिरकार इतिहास बन गया, रविवार ढाई बजे ध्वस्त कर दिया गया. मात्र नौ सेकंड में 32 और 29 मंजिला दोनों टावर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए (Noida Twin Towers Demolished). कुछ लोग प्रदूषण बढ़ने का जैसी उम्मीद जता रहे थे, वैसा हुआ नहीं. आंकड़े बता रहे हैं कि एनसीआर के प्रदूषण स्तर में कुछ खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला है. सोमवार सुबह विभिन्न इलाकों के प्रदूषण स्तर में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसको ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है.

ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से पहले दोपहर 2:00 बजे सेक्टर 125 का AQI 122, सेक्टर 62 का AQI 108, सेक्टर 1 का AQI 119 और सेक्टर 116 का AQI 121 दर्ज किया गया था.

Twin Tower
ट्विन टावर ध्वस्त होने से पहले प्रदूषण स्तर

सोमवार सुबह नोएडा के AQI में बढ़ोतरी देखने को मिली है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी की गई आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सुबह 10 बजे सेक्टर 125 का AQI 134, सेक्टर 62 का AQI 135, सेक्टर 1 का AQI 144 और सेक्टर 116 का AQI 146 दर्ज किया गया है.

वहीं रविवार के मुकाबले सोमवार सुबह दिल्ली और गाजियाबाद के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ा-बहुत इजाफा देखने को मिला है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा सुबह 10:00 बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 134 और गाजियाबाद का AQI 148 दर्ज किया गया है.

Twin Tower
ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद प्रदूषण स्तर

पर्यावरणविद आकाश वशिष्ठ का कहना है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) को कम से कम डेढ़ महीने तक साइट और पूरे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता के स्तर की निगरानी करने की आवश्यकता है. UPPCB को यह देखना और सुनिश्चित करना चाहिए कि सी एंड डी अपशिष्ट नियमों के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया गया है. CPCB को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि UPPCB और नोएडा प्राधिकरण द्वारा कोई चूक न हो.

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नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा का ट्विन टावर आखिरकार इतिहास बन गया, रविवार ढाई बजे ध्वस्त कर दिया गया. मात्र नौ सेकंड में 32 और 29 मंजिला दोनों टावर इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए (Noida Twin Towers Demolished). कुछ लोग प्रदूषण बढ़ने का जैसी उम्मीद जता रहे थे, वैसा हुआ नहीं. आंकड़े बता रहे हैं कि एनसीआर के प्रदूषण स्तर में कुछ खास परिवर्तन देखने को नहीं मिला है. सोमवार सुबह विभिन्न इलाकों के प्रदूषण स्तर में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जिसको ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से जोड़कर देखा जा रहा है.

ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से पहले दोपहर 2:00 बजे सेक्टर 125 का AQI 122, सेक्टर 62 का AQI 108, सेक्टर 1 का AQI 119 और सेक्टर 116 का AQI 121 दर्ज किया गया था.

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ट्विन टावर ध्वस्त होने से पहले प्रदूषण स्तर

सोमवार सुबह नोएडा के AQI में बढ़ोतरी देखने को मिली है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा जारी की गई आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सुबह 10 बजे सेक्टर 125 का AQI 134, सेक्टर 62 का AQI 135, सेक्टर 1 का AQI 144 और सेक्टर 116 का AQI 146 दर्ज किया गया है.

वहीं रविवार के मुकाबले सोमवार सुबह दिल्ली और गाजियाबाद के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स में थोड़ा-बहुत इजाफा देखने को मिला है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) द्वारा सुबह 10:00 बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का AQI 134 और गाजियाबाद का AQI 148 दर्ज किया गया है.

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ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद प्रदूषण स्तर

पर्यावरणविद आकाश वशिष्ठ का कहना है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttar Pradesh Pollution Control Board) को कम से कम डेढ़ महीने तक साइट और पूरे क्षेत्र की वायु गुणवत्ता के स्तर की निगरानी करने की आवश्यकता है. UPPCB को यह देखना और सुनिश्चित करना चाहिए कि सी एंड डी अपशिष्ट नियमों के प्रावधानों को सख्ती से लागू किया गया है. CPCB को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि UPPCB और नोएडा प्राधिकरण द्वारा कोई चूक न हो.

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Last Updated : Aug 29, 2022, 3:07 PM IST
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