नई दिल्ली/नोएडाः सुपरटेक हाउसिंग सोसायटी के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर अवमानना के चार्ज को कोर्ट ने शुक्रवार को खत्म कर दिया. इस दौरान होम बायर्स को पैसे वापस दिए जाने की बात कही गई है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने कुछ होम बायर्स से बात की, तो उनका कहना है कि कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन पैसा मिल जाना ही सबकुछ नहीं होता है.
उनका कहना है कि भावनाएं भी प्रोजेक्ट और सपनों के घर से जुड़ी हुई थी. पैसे लेकर किधर जाएं, जब घर ही नहीं मिलेगा. बिल्डर द्वारा चंद लोगों के पैसे वापस किए जाएंगे. वहीं, कई तरफ से प्रताड़ना का शिकार हो जाएंगे. एक तरफ बिल्डर नहीं सुन रहा. दूसरी तरफ घर नहीं मिल रहा है. तीसरी तरफ बैंक का लोन चुकाना पड़ रहा है. कोर्ट और सरकार से यही मांग करते हैं कि पैसे नहीं, घर दिए जाएं.
मोहम्मद इनाम का कहना है कि बिल्डर द्वारा पैसे लेने के बावजूद भी, आज तक रजिस्ट्री नहीं की गई है. सरकार ने की तरफ से भी होम बायर्स को केवल आश्वासन मिला, लेकिन कोई भी काम बायर्स के पक्ष में नहीं किया. नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि पैसा लेकर, एक बार फिर आशियाना खोजने में लग जाएंगे. इससे केवल नुकसान है, फायदा नहीं. कोर्ट को चाहिए कि जिन्होंने पैसे दिए हैं, उन्हें घर दिए जाएं. पैसे लेकर अब क्या करेंगे.
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वहीं, रियल स्टेट कंज़्यूमर राइट्स एक्टिविस्ट और फेडरेशन ऑफ अपार्टमेंट ऑनर्स एसोसिएशन के संस्थापक आलोक कुमार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सुपरटेक ने खरीदारों की धनराशि वापस दी है. अधिकांश देखने को मिलता है कि सुपरटेक जैसे, कई ऐसे बिल्डर्स हैं, जो अंत तक खरीदारों के पैसे का इस्तेमाल करना चाहते हैं.
जब बिल्डरों को लगता है कि अब वह नौबत आ गई है कि जेल जाना पड़ सकता है, तब जाकर बिल्डर खरीदारों का पैसा वापस लौटाते हैं. नोएडा-गाजियाबाद समेत एनसीआर में सैकड़ों ऐसे बिल्डर्स हैं, जो खरीदारों का करोड़ों रुपये रेरा के आदेश आने के बावजूद भी वापस नही कर रहे हैं.
आलोक बताते हैं कि रेरा के आदेशों पर बिल्डर तवज्जो नहीं देते हैं. पहले खरीदारों को उम्मीद रहती थी कि रेरा के आदेश आने के बाद बिल्डर पैसा वापस लौटा देंगे. अभी भी खरीदारों को बिल्डरों से पैसा वापस लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है. अंत मे खरीदारों को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ता है.