नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' के सपनों को पंख लगाने के उद्देश्य से यमुना प्राधिकरण ने टॉय सिटी हब बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. भारत में करीब 80 फीसदी खिलौनों का आयात होता है. चीन को टक्कर देने के लिए यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण अब तकरीबन 100 एकड़ क्षेत्रफल में टॉय सिटी बसाएगा. टॉय सिटी बसने से ग्रेटर नोएडा वासियों के तकरीबन 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा और हर घर में एक युवक-युवती को रोजगार मिलेगा.
यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि टॉय एसोसिएशन को चीन की परिस्थितियों को देखते हुए प्रस्ताव मिला है. चीन के प्रोडक्ट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी गई है. ऐसे में घरेलू उत्पादकों के लिए अनुकूल स्थिति बन गई है. यहां 80 यूनिट लगाई जाएंगी, 100 एकड़ का पार्क होगा. जिसमें 50 एकड़ टॉय एसोसिएशन और 50 एकड़ ओपन स्कीम में रहेगी ताकि देश के अन्य टॉय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट आवेदन कर सकें. टॉय मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगने से 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा, जिसमें 60 प्रतिशत स्थानीय निवासियों को रोजगार मिलेगा. 6 महीने के अंदर काम शुरू हो जाएगा.
घर का युवा होगा रोजगार
देशभर में छोटे छोटे टॉय यूनिट है, लेकिन इतने बड़े स्तर पर पहली बार टॉय सिटी बन रही है. इसके साथ ही MSME पार्क, अपैरल पार्क और हैंडीक्राफ्ट पार्क बनाए गए हैं. इनकी स्कीम 31 जुलाई तक चालू रहेगी. ऐसे चार पार्क डेवेलोप किए जा रहे हैं, जिससे 7 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. शहर में लाखों लोगों का रोजगार मिलेगा, इसमें में लड़कियों को ज्यादा रोजगार मिलेगा क्योंकि टेक्सटाइल इंडस्ट्री में लड़कियों का ज्यादा स्कोप होता है. यमुना अथॉरिटी के क्षेत्र में हर घर में एक या दो लोगों को आने वाले 2 सालों में रोजगार मिल जाएगा.