नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन मिलकर लगातार कोशिशें कर रहे हैं. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व नोडल अधिकारी नरेंद्र भूषण ने बताया कि कोरोना वायरस की बीमारी को दूर करने के लिए यूपी सरकार हर संभव तैयारियां कर चुकी हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 मार्च को मुझे नोडल अधिकारी बनाया था. जिसमें दिल्ली, जम्मू-कश्मीर स्टेट की जिम्मेदारी मेरे ऊपर है.
2 तरीकों की व्यवस्था से ही पाया जाएगा काबू
उन्होंने बताया कि हमने 2 तरीके से काम करना शुरू किया है. इसमें पहला मैन पावर है और दूसरा रिसोर्सेज की व्यवस्था. मैन पावर में हमने सभी रिटायर्ड मिलिट्री अफसर, सिविल अफसर कर्मचारी, एनसीसी और ऐसे लोग जो कोविड-19 जैसी वैश्विक बीमारी से लड़ने में हमारी मदद कर सकें उन्हें साथ लिया है. दूसरा हमने रिसोर्सेज की व्यवस्था की है, जिसमें कोविड-19 से संक्रमित लोगों को क्वॉरेंटाइन करने के लिए होटल, निजी अस्पताल, स्कूल और सरकारी भवनों को तैयार किया गया है.
छह घंटे में खंगाली जाती है मरीज की हिस्ट्री
उन्होंने बताया कि होटल में आईसोलेट होने के लिए शुल्क लिया जाता है जो कि मरीज पर निर्भर करता है. इसके अलावा कोविड-19 सुरक्षा के लिए हम हर हफ्ते एक नई योजना बनाते हैं और उसमें सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी कोरोना वायरस वॉरियर्स पर हमला ना हो. कोविड-19 को बढ़ने से रोका जाए इसके लिए रिस्पांस टीम बनाई गई है. यदि किसी की कोविड-19 की रिपोर्ट पॉजिटिव बनती है तो अगले 6 घंटे में उस व्यक्ति की हिस्ट्री जानी जाती है कि वह किस-किस के संपर्क में आया था और उसके फैमिली मेंबर्स को भी आईसोलेट कराया जाता है.
बृहद स्तर पर बनाई जा रही रणनीति
जिला प्रशासन कोविड-19 से लड़ने के लिए बृहद स्तर पर रणनीति बनाता है. इसमें जो लोग आईसोलेट हैं उनके लिए खाने-पीने और साफ-सफाई की व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा की जाती है. समय-समय पर सैनिटाइजेशन का काम करवाया जाता है.
अधिक संख्या वाली जगहों पर हॉटस्पॉट
उन्होंने बताया कि जिन जगहों पर कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या ज्यादा होती है उस जगह को हॉटस्पॉट बनाया जाता है. उस जगह को पूरी तरीके से सील कर दिया जाता है. ऐसी जगहों पर ना ही किसी को जाने की इजाजत होती है और ना ही वहां से किसी को बाहर निकलने की इजाजत होती है. वहां रहने वाले लोगों के लिए खाने पीने की व्यवस्था उनके घर पर ही करने की इंतजाम किए जाते हैं.
दुख की घड़ी में भी जिला प्रशासन साथ
नोडल अधिकारी बनाने की जिम्मेदारी के बाद से दिल्ली जम्मू-कश्मीर और लेह-लद्दाख से कई लोगों के फोन आए कि उनके घर में किसी के पिता की मृत्यु हुई है तो किसी अन्य की. ऐसे में उनको भी सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से घर तक पहुंचाने की व्यवस्था करवाई गई है.