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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का बड़ा फैसला, शहर के हाई राइज इमारतों की कराएगी जांच - ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण का बड़ा फैसला

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से एक बड़ी खबर सामने आई है. अथॉरिटी ने शहर के हाई राइज इमारतों की जांच करवाने का फैसला लिया है. इसके लिए अथॉरिटी ने शुक्रवार को एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें प्राधिकरण के सीईओ ने अधिकारियों की समिति का गठन किया है जो अध्ययन करके हाईराइज बिल्डिंगों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार करेगी.

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Published : Feb 20, 2022, 10:06 AM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गुरुग्राम में चिंटल पैराडिसो सोसाइटी की घटना के बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी सकते में है, जिसे लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में बनी हाई राइज इमारतों की जांच करने का फैसला लिया गया है. यह फैसला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण द्वारा बैठक में लिया गया. बैठक में प्राधिकरण के सीईओ ने अधिकारियों की एक समिति का गठन किया साथ ही हाई राइज बिल्डिंगों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया जाएगा.

इससे पहले प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी कांड 2018 में भी दिल्ली आईआईटी से जांच कराई गई थी. वहीं सभी बिल्डरों को बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा के संबंध में प्राधिकरण की बेबसाइट पर विस्तृत जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होगा.

गुरुग्राम हादसे के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने भी हाईराइज बिल्डिंगों में स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिए उठाए जा रहे कदमों का फिर से विस्तृत अध्ययन कराने का निर्णय लिया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसके लिए समिति बना दी है. यह समिति आईआईटी के विशेषज्ञों की मदद से परखेगी कि हाईराइज बिल्डिंगों के स्ट्रक्चरल सेफ्टी को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है, ताकि ग्रेटर नोएडा में बनने वाली बहुमंजिला इमारतों की मजबूती में कोई कमी न रह जाए. वहीं खरीददारों को सुरक्षा के संबंध में आसानी से जानकारी भी प्राप्त हो सके.

ये भी पढ़ें: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने प्रमाण पत्र के लिये शुरू की ऑनलाइन प्रक्रिया

बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के संबंध में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ द्वारा की गई बैठक में निर्णय लिया गया कि बिल्डरों की इमारत जांच के दायरे में होंगी. बिल्डरों द्वारा निर्मित बहुमंजिला इमारत में रहने वाले परिवारों की सुरक्षा के मद्देनजर स्ट्रक्चरल डिजाइन परखने जाए. बैठक में सीईओ ने उन मानकों का रिव्यू किया, जिनके पूरा होने पर ही बहुमंजिला इमारतों के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है. सीईओ ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी का विस्तृत अध्ययन कराने के लिए अपर मुख्य कार्यपालक अमनदीप डुली की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इसके साथ ही सभी बहुमंजिला इमारतों की सेफ्टी के संबंध में प्राधिकरण की वेबसाइट पर बिल्डरों को अपलोड करना होगा ताकि निवेशक आसानी से सिक्योरिटी संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकें.

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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: गुरुग्राम में चिंटल पैराडिसो सोसाइटी की घटना के बाद से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी सकते में है, जिसे लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शहर में बनी हाई राइज इमारतों की जांच करने का फैसला लिया गया है. यह फैसला ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण द्वारा बैठक में लिया गया. बैठक में प्राधिकरण के सीईओ ने अधिकारियों की एक समिति का गठन किया साथ ही हाई राइज बिल्डिंगों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर भी तैयार किया जाएगा.

इससे पहले प्राधिकरण द्वारा ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी कांड 2018 में भी दिल्ली आईआईटी से जांच कराई गई थी. वहीं सभी बिल्डरों को बहुमंजिला इमारतों की सुरक्षा के संबंध में प्राधिकरण की बेबसाइट पर विस्तृत जानकारी अपलोड करना अनिवार्य होगा.

गुरुग्राम हादसे के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने भी हाईराइज बिल्डिंगों में स्ट्रक्चरल सेफ्टी के लिए उठाए जा रहे कदमों का फिर से विस्तृत अध्ययन कराने का निर्णय लिया है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसके लिए समिति बना दी है. यह समिति आईआईटी के विशेषज्ञों की मदद से परखेगी कि हाईराइज बिल्डिंगों के स्ट्रक्चरल सेफ्टी को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है, ताकि ग्रेटर नोएडा में बनने वाली बहुमंजिला इमारतों की मजबूती में कोई कमी न रह जाए. वहीं खरीददारों को सुरक्षा के संबंध में आसानी से जानकारी भी प्राप्त हो सके.

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बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के संबंध में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ द्वारा की गई बैठक में निर्णय लिया गया कि बिल्डरों की इमारत जांच के दायरे में होंगी. बिल्डरों द्वारा निर्मित बहुमंजिला इमारत में रहने वाले परिवारों की सुरक्षा के मद्देनजर स्ट्रक्चरल डिजाइन परखने जाए. बैठक में सीईओ ने उन मानकों का रिव्यू किया, जिनके पूरा होने पर ही बहुमंजिला इमारतों के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट या कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाता है. सीईओ ने स्ट्रक्चरल सेफ्टी का विस्तृत अध्ययन कराने के लिए अपर मुख्य कार्यपालक अमनदीप डुली की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है. इसके साथ ही सभी बहुमंजिला इमारतों की सेफ्टी के संबंध में प्राधिकरण की वेबसाइट पर बिल्डरों को अपलोड करना होगा ताकि निवेशक आसानी से सिक्योरिटी संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकें.

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