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नोएडा: बारिश और ठंड के बीच 36 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर डटे किसान

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बीते 36 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी है. अब तक सरकार के साथ आठ दौर की वार्ता हो चुकी है और 8 जनवरी को अगले दौर की वार्ता होगी. किसानों का कहना है कि वो 26 जनवरी को दिल्ली कूच करेंगे और लाल किले पर झंडा फहराएंगे.

Farmers stuck the chilla border past 36 days
बीते 36 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर डटे किसान
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Published : Jan 5, 2021, 1:13 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बीते 36 दिनों से लगातार भारतीय किसान यूनियन भानु गुट का कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है. सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार अब वार्ता नहीं कर रही बल्कि किसानों को लॉलीपॉप देने का काम कर रही है. सरकार के इस वार्ता के दौर में उम्मीद यही है कि आने वाले समय में कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा और हमारा आंदोलन और तेज होगा. नौवें दौर की वार्ता में अगर निष्कर्ष नहीं निकला तो हम 26 जनवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे और लाल किले पर झंडा फहरा कर रहेंगे.

बीते 36 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर डटे किसान
किसानों को गुमराह कर रही सरकार भाकियू भानु गुट के बैनर तले मंगलवार को 36 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार किसानों से अब वार्ता नहीं कर रही है बल्कि किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है. लंबे समय से किसान कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक आठ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अब सरकार नौवें दौर की वार्ता 8 जनवरी को करेगी. उनका कहना है कि सरकार अगर इसी तरह वार्ता का दौर चलाती रही तो 26 जनवरी को सभी किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहरा कर रहेंगे. दिल्ली जाने से कोई भी शासन-प्रशासन सरकार रोक नहीं पाएगी.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन 41वां दिन : बारिश-ठंड के बावजूद सिंघु बॉर्डर पर डटे अन्नदाता



किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है सरकार

किसानों का कहना है कि सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की रणनीति बनानी होगी क्योंकि सरकार सिर्फ वार्ता कर रही है. कृषि कानून को ना ही संशोधित कर रही है और ना ही उन्हें वापस ले रही है. हमारे सब्र का इम्तिहान सरकार द्वारा लिया जा रहा है.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर बीते 36 दिनों से लगातार भारतीय किसान यूनियन भानु गुट का कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन जारी है. सरकार और किसानों के बीच आठ दौर की वार्ता हो चुकी है. वहीं किसानों का कहना है कि सरकार अब वार्ता नहीं कर रही बल्कि किसानों को लॉलीपॉप देने का काम कर रही है. सरकार के इस वार्ता के दौर में उम्मीद यही है कि आने वाले समय में कोई निष्कर्ष नहीं निकलेगा और हमारा आंदोलन और तेज होगा. नौवें दौर की वार्ता में अगर निष्कर्ष नहीं निकला तो हम 26 जनवरी को दिल्ली के लिए कूच करेंगे और लाल किले पर झंडा फहरा कर रहेंगे.

बीते 36 दिनों से चिल्ला बॉर्डर पर डटे किसान
किसानों को गुमराह कर रही सरकार भाकियू भानु गुट के बैनर तले मंगलवार को 36 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि सरकार किसानों से अब वार्ता नहीं कर रही है बल्कि किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है. लंबे समय से किसान कृषि कानून के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. अब तक आठ दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. अब सरकार नौवें दौर की वार्ता 8 जनवरी को करेगी. उनका कहना है कि सरकार अगर इसी तरह वार्ता का दौर चलाती रही तो 26 जनवरी को सभी किसान ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और दिल्ली के लाल किले पर तिरंगा फहरा कर रहेंगे. दिल्ली जाने से कोई भी शासन-प्रशासन सरकार रोक नहीं पाएगी.

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किसानों के सब्र का इम्तिहान ले रही है सरकार

किसानों का कहना है कि सरकार से अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की रणनीति बनानी होगी क्योंकि सरकार सिर्फ वार्ता कर रही है. कृषि कानून को ना ही संशोधित कर रही है और ना ही उन्हें वापस ले रही है. हमारे सब्र का इम्तिहान सरकार द्वारा लिया जा रहा है.

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