नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-14a में गुरुवार को किसानों ने नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और वहीं मांगें पूरी होने तक वहीं धरने पर बैठ गए. किसान नेताओं का कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं वो वहां से नहीं हटेंगे. हालांकि प्राधिकरण के अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसानों ने अपना धरना खत्म कर दिया है.
नोएडा के 81 गांव के यह किसान बीते 110 दिनों से लगातार अपनी कई मांगों को लेकर नोएडा प्राधिकरण के गेट पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांगें अब तक पूरी नहीं की गई हैं. गुरुवार को प्रदर्शनकारी किसान सेक्टर-14a स्थित प्रशासनिक आवास पर पहुंचने लगे थे और वहीं मांगें पूरी होने तक वहीं धरने पर बैठ गए थे. किसानों ने दिल्ली से नोएडा आने वाले रूट को भी पूरी तरह बंद कर दिया था. प्रशासन ने मौके पर भारी सुरक्षा बल भी तैनात कर दिया था.
किसानों के धरना के मामले में नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि किसानों द्वारा सड़क पर प्रदर्शन किया गया और इस दौरान प्राधिकरण के उच्च अधिकारियों द्वारा वार्ता की गई. कई घंटे दिल्ली से नोएडा आने वाला रास्ता बंद रहा. नोएडा आने वाली पब्लिक को वैकल्पिक रास्तों से प्रवेश दिया गया. किसान अब पूरी तरह से चिल्ला बॉर्डर से हट गए हैं, कानून व्यवस्था पूरी तरह से सही है. किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी किसानों द्वारा नहीं की गई है, जिन्होंने रास्ता रोका था, उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी.
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किसानों के प्रदर्शन के बीच नोएडा प्राधिकरण के ACEO प्रवीण मिश्रा पहुंचे. उन्होंने किसानों की मांगों को प्राधिकरण द्वारा मानने और शासन से संस्तुति कराने के साथ ही बोर्ड की बैठक में मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया. ये किसान गौतमबुद्धनगर जिले के 81 गांव के किसान हैं. इन किसानों के नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि प्राधिकरण को सप्ताह भर का समय दिया गया है. इस दौरान प्राधिकरण अगर किसानों की मांग पूरी मान लेता है तो धरना खत्म हो जाएगा, नहीं तो अनिश्तिकालीन धरना बरकरार है और अपनी लड़ाई लड़ने के लिए दूसरे तरीके भी अपना लिए जाएंगे.
नोएडा प्राधिकरण पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांग है कि हमारे बच्चों को रोजगार दिया जाए. घरों को सुरक्षित किया जाए, बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सभी को फ्री स्वास्थ्य सेवा भी उपलब्ध कराई जाए. किसानों को जो मुआवजा उनकी जमीनों को दिया गया है उसके अतिरिक्त 64.7 प्रतिशत दिया जाए. इसके अलावा किसानों की मांग है कि बीते 45 सालों से जो हमारे साथ लूट की जा रही है उसे बंद किया जाए.