नई दिल्ली/नोएडा: लीजबैक घोटाले के मामले को लेकर सैकड़ों किसानों ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का घेराव किया. किसान संघर्ष समिति के नेतृत्व में किए गए इस प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल रहीं. एहतियातन भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर उपस्थित रही.
एसआईटी की रिपोर्ट रद्द न किए जाने तक जारी रहेगा धरना
प्रदर्शन में करीब 50 गांवों के सैकड़ों की संख्या में किसान प्राधिकरण के कार्यालय पहुंचे. इस दौरान किसानों ने प्राधिकरण और स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्राधिकरण कार्यालय के बाहर ही किसान धरना देकर बैठ गए हैं. किसानों का कहना था कि जब तक एसआईटी की रिपोर्ट को रद्द नहीं किया जाएगा, उनका धरना जारी रहेगा. उन्होंने प्राधिकरण पर मनमानी करने और किसानों को तबाह करने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया.
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किसानों के खिलाफ जानबुझकर बनाई गई रिपोर्ट
किसान सेवा संघर्ष समिति के प्रवक्ता मनवीर भाटी ने कहा कि एसआईटी की रिपोर्ट के बारे में समाचार पढ़ने के बाद किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) से मिला. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट उनके पास नहीं आई है. इसके बाद शासन स्तर से जानकारी हासिल की गई. वहां से पता चला कि एसआईटी की रिपोर्ट मिल चुकी है और विकास प्राधिकरण को भेज दी गई है.
एसीईओ ने एसआईटी के सामने सही और पूरे तथ्य नहीं रखे हैं. जानबूझकर किसानों के खिलाफ रिपोर्ट बनवाई गई है. बाहरी पूंजीपतियों को हरी झंडी दे दी गई है. ग्रेटर नोएडा के मूल किसानों की आबादी के साथ मिल चुके 6% प्लॉट को भी खत्म करने की सिफारिश की गई है. एसआईटी की जांच रिपोर्ट और सिफारिशों का हर जगह विरोध करेंगे. इसके खिलाफ किसान एकजुट हैं. प्राधिकरण की तानाशाही को स्वीकार नहीं है. बस एक ही मांग है कि एसआईटी की रिपोर्ट को रद्द किया जाए.