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'ये आर-पार की लड़ाई है, किसानों का बागी होना मजबूरी है'

किसानों ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है बातों से कोई हल नहीं निकलेगा, अभी 'कृषकों का बागी होना मजबूरी और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है'.

पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत
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Published : Oct 6, 2019, 7:13 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 121 पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत हुई. इस महापंचायत में 81 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया. किसान, आबादी निस्तारण और 10% प्रतिशत भूखंडों के निस्तारण की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है बातों से कोई हल नहीं निकलेगा, अभी 'कृषकों का बागी होना मजबूरी और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है'.

पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत

'जवान, किसान की एक जैसी हालत'
किसान नेता सुखबीर पहलवान ने कहा कि प्राधिकरण किसान को भगाने की नीति पर काम कर रहा है. उन्होंने प्राधिकरण की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्राधिकरण 1956 की मूल आबादी की बात करता है, तो क्या उसके बाद से भारत की जनसंख्या नहीं बढ़ी? किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार, कुछ भी हो किसान का घर नहीं टूटने देंगे. देश मे किसान और जवान की एक जैसी हालत है.

अपनी समस्या बताते किसान

'अधिकारियों की बुद्धि शुद्ध हो'
किसान, उदाल यादव ने बताया कि यहां यज्ञ का आयोजन अधिकारियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया गया है. उन्होंने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पंक्तियों के माध्यम से संदेश देते हुए कहा कि दुश्मनों का मुकाबला शांति से करेंगे लेकिन दुश्मन ये ना समझे की किसान कायर और कमजोर है.

'खूनी परिवर्तन जरूरी'
किसान, मास्टर जयपाल ने बताया कहा कि मीठी-मीठी बातों से कोई हल नहीं निकलने वाला. अब तो कृषकों का बागी होना मजबूरी है और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसान को मजबूर ना किया जाए कि वो उग्र रूप लें.

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 121 पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत हुई. इस महापंचायत में 81 गांवों के किसानों ने हिस्सा लिया. किसान, आबादी निस्तारण और 10% प्रतिशत भूखंडों के निस्तारण की मांग कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है बातों से कोई हल नहीं निकलेगा, अभी 'कृषकों का बागी होना मजबूरी और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है'.

पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत

'जवान, किसान की एक जैसी हालत'
किसान नेता सुखबीर पहलवान ने कहा कि प्राधिकरण किसान को भगाने की नीति पर काम कर रहा है. उन्होंने प्राधिकरण की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि प्राधिकरण 1956 की मूल आबादी की बात करता है, तो क्या उसके बाद से भारत की जनसंख्या नहीं बढ़ी? किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार, कुछ भी हो किसान का घर नहीं टूटने देंगे. देश मे किसान और जवान की एक जैसी हालत है.

अपनी समस्या बताते किसान

'अधिकारियों की बुद्धि शुद्ध हो'
किसान, उदाल यादव ने बताया कि यहां यज्ञ का आयोजन अधिकारियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए किया गया है. उन्होंने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पंक्तियों के माध्यम से संदेश देते हुए कहा कि दुश्मनों का मुकाबला शांति से करेंगे लेकिन दुश्मन ये ना समझे की किसान कायर और कमजोर है.

'खूनी परिवर्तन जरूरी'
किसान, मास्टर जयपाल ने बताया कहा कि मीठी-मीठी बातों से कोई हल नहीं निकलने वाला. अब तो कृषकों का बागी होना मजबूरी है और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसान को मजबूर ना किया जाए कि वो उग्र रूप लें.

Intro:नोएडा के सेक्टर 121 पर्थला चौक पर किसानों की महापंचायत। नोएडा के 81 गांव के किसानों की महापंचायत। आबादी निस्तारण और 10% प्रतिशत भूकंडों का निस्तारण की मांग को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हैं। किसानों ने कहा कि ये आर-पार की लड़ाई है कोई हल नहीं निकलेगा मीठे मीठे भाषण से, कोई हल नहीं निकलेगा धरना प्रदर्शन से, अब तो अभी कृषकों का बागी होना मज़बूरी और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है।


Body:'जवान और किसान की देश मे एक जैसी हालात"
किसान नेता सुखबीर पहलवान ने कहा कि प्राधिकरण किसान को भगाने की नीति पर काम कर रहा। उन्होंने प्राधिकरण की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा प्राधिकरण 1956 की मूल आबादी की बात करती है तो क्या उसके बाद से भारत की जनसंख्या नहीं बढ़ी?
किसान आर-पार की लड़ाई के लिए तैयार, कुछ भी हो किसान का घर नहीं टूटने देंगे। देश मे किसान और जवान की एक जैसे हालात हैं।


"अधिकारियों की बुद्धि शुद्ध हो"
किसान उदाल यादव ने बताया कि यज्ञ अधिकारियों की बुद्धि शुद्धि के लिए किया गया है। उन्होंने देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पंक्तियों के माध्यम से संदेश देते कहा दुश्मनों का मुकाबला शांति से करेंगे लेकिन दुश्मन ये ना समझे की किसन कायर और कमज़ोर है।



Conclusion:"खूनी परिवर्तन जरूरी"
किसान मास्टर जयपाल ने बताया कहा कि कोई हल नहीं निकलेगा मीठे मीठे भाषण से, कोई हल नहीं निकलेगा धरना प्रदर्शन से, अब तो अभी कृषकों का बागी होना मज़बूरी और एक बड़ा खूनी परिवर्तन जरूरी है। उन्होंने कहा कि किसान को मजबूर न किया जाए कि वो उग्र रूप लें।
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