नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा के 81 गांवों के किसान आज एक बार फिर नोएडा विकास प्राधिकरण के कार्यालय पर विरोध-प्रदर्शन करने पहुंचे. उचित मुआवजा समेत कई मांगों कों लेकर किसान कई महीनों से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. बीते दिनों प्राधिकरण के अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद किसान अपने घर चले गए थे, लेकिन वादे पूरे न होने पर किसान दोबारा धरना देने पहुंच गए है. हजारों की तादाद में नोएडा विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचकर प्राधिकरण के अधिकारियों पर धोखा देने का आरोप लगाया.
हजारों की तादाद में किसानों को आता देख नोएडा विकास प्राधिकरण दफ्तर के दोनों प्रमुख गेट बंद कर दिए गए. जिसके बाद किसानों ने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया. किसानों ने प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. किसानों का कहना है कि बोर्ड की बैठक में हमारी मांगों को प्राधिकरण रखने वाला था. उस पर चर्चा होनी थी, लेकिन प्राधिकरण ने किसानों के साथ धोखा करते हुए बोर्ड की बैठक ही रद्द कर दी. किसानों ने नोएडा विकास प्राधिकरण पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए धरना देने का अल्टीमेटम दिया है. किसानों का कहना है कि सकारात्मक जवाब नहीं मिला, तो फिर से धरना-प्रदर्शन शुरू करेंगे.
किसानों का आरोप है कि प्राधिकरण ने उनको धोखा दिया है. प्राधिकरण के अफसरों ने कहा था कि 4 और 5 जनवरी को बोर्ड की मीटिंग में उनके प्रस्ताव पर चर्चा होगी. लेकिन बोर्ड की मीटिंग ही रद्द कर दी गई. इसलिए दोबारा कार्यालय का गेराव करने के लिए मजबूर हुए हैं. किसानों ने सरकार और प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है कि हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो अब अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन करेंगे.
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नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर 15 सूत्रीय मांगों के साथ 4 महीने तक लगातार 81 गांवों के किसान धरना देते रहे. स्थानीय सांसद और विधायक के सामने प्राधिकरण के अफसरों ने आश्वासन दिया गया था. मांगों को स्वीकार करने और बोर्ड की बैठक में मांगों पर चर्चा करने की बात कही गई थी. जिसके बाद किसानों ने धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया था. लेकिन न बोर्ड की मीटिंग रद्द करने के बाद किसानों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिल रहा है.