नई दिल्ली/नोएडाः नोएडा एनसीआर क्षेत्र का सबसे बहुचर्चित बहुमंजिला इमारत ट्विन टावर है. इसे 21 अगस्त को ध्वस्त किए जाने की संभावना है. सूत्रों की माने तो इसमें नए पेच फंसते जा रहे हैं और 21 अगस्त को ध्वस्त करने का काम नहीं हो पाएगा. दरअसल, कंपनी को अभी तक टावर को ध्वस्त करने के लिए सभी विभागों से एनओसी नहीं मिल पाई है. वहीं, दूसरी तरफ एडिफिस कंपनी का दावा है कि दो अगस्त से ट्विन टावर में बारूद लगना शुरू हो जाएगा और 18 दिनों में काम पूरा कर लिया जाएगा.
35 मंजिला ट्विन टावर को लेकर एडिफिस कंपनी और इसके कर्मचारियों का कहना है कि दो अगस्त से करीब 10,000 होल में बारूद लगना शुरू हो जाएगा. 11 प्राइमरी और सात सेकंडरी तल के पिलर्स में होल कर दिए गए हैं. एडिफिस कंपनी का दावा है कि एक अगस्त की रात में बारूद आ जाएगा और दो अगस्त से लगना शुरू होगा और 20 अगस्त को पूरी तरह से टावर में बारूद लग जाएगा.
सूत्रों की माने तो अभी बहुत से ऐसे पेंच फंस रहे हैं, जिसके चलते निर्धारित 21 अगस्त को टावर पूरी तरीके से ध्वस्त नहीं हो जाएगा. फिर भी कंपनी के द्वारा दावा किया जा रहा है कि 21 अगस्त को दिन के ढाई बजे ट्विन टावर को चंद मिनटों में जमींदोज कर दिया जाएगा. रणनीति है कि टावर को ध्वस्त करने से तीन घंटे पूर्व आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों को घरों से खाली करा दिया जाएगा. वहीं ध्वस्तीकरण के 2 घंटे बाद लोग अपने घरों में जा सकेंगे. इसके साथ ही ट्विन टावर से जुड़े सूत्रों की माने तो केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) टीम द्वारा क्रिटिकल जोन में स्ट्रक्चर आइडिया तैयार करेगा, जिसमें खासतौर से देखा जाएगा कि ध्वस्तीकरण के दौरान आने वाले वाइब्रेशन की तीव्र गति, सही सही पाए जाने पर ही एनओसी प्राप्त होगी, वही नोएडा प्राधिकरण द्वारा सुपरटेक बिल्डर को सीबीआरआई को जांच के लिए 70 लाख रुपये देने की बात कही गई है.