नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में राजकीय बाल संरक्षण गृह में 57 लड़कियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है. इसके साथ ही संरक्षण गृह में रह रही 7 नाबालिग लड़कियां गर्भवती मिली हैं. जिसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. इन सभी मुद्दों पर उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात की और सभी अफवाहों पर ब्रेक लगाया है.
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम ने बताया कि 57 बालिकाओं के एक साथ संक्रमित होना एक बड़ी बात है. बाल गृह में नाबालिग के आने से पहले सभी की मेडिकल जांच की जाती है. ऐसे में जिस रूम में भी नाबालिक होती हैं उन्हें बाल कनेक्शन में रखा जाता है. उत्तर प्रदेश महिला आयोग के अध्यक्ष ने बाल गृह में 7 गर्भवती महिलाओं के मिलने के बाद उन सभी खबरों का खंडन करते हुए कहा कि यह महिलाएं पहले से ही गर्भवती हैं. बाल गृह में आने के बाद कोई नाबालिग गर्भवती नहीं हुई हैं.
'यूपी के सभी DM को जारी किया जाएगा खत'
उत्तर प्रदेश महिला आयोग के अध्यक्ष विमला बाथम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखेंगे. पत्र के माध्यम से जिलाधिकारियों को कहा जाएगा कि बाल संरक्षण गृह में जिस तरह कानपुर के स्वरूप नगर में घटना घटी है. उसको देखते हुए इंतजाम पुख्ता किए जाएं.
साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि बालगृह की क्षमता से ज्यादा वहां बालिकाएं ना हो और मास्क, ग्लव्स, सैनिटाइजेशन का कार्य भी बाल संरक्षण गृह में सुनिश्चित किया जा रहा है. इसकी भी जांच की जाए.