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जानिए 29 साल तक नोएडा आने से क्यों कतराते रहे यूपी के सीएम

29 साल बाद 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर एक मिथक तोड़ा कि यहां आने से सीएम पद से हाथ धोना पड़ता है. योगी अब तक 9 बार नोएडा आ चुके हैं.

यूपी के सीएम का नोएडा कनेक्शन
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Published : Oct 24, 2019, 2:50 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में 29 सालों तक ये मिथक चलता रहा कि प्रदेश के जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आए वो सत्ता गंवा बैठे. 29 साल बाद 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर मिथक तोड़ा. साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती नोएडा आईं थीं, लेकिन अगले साल विधानसभा चुनाव में हार कर सत्ता से बाहर हो गईं.

यूपी के सीएम का नोएडा कनेक्शन

वहीं साल 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी नोएडा आने का साहस नहीं जुटा पाए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजनाओं का उद्घाटन लखनऊ से ही किया.

लंबे समय तक रहा अंधविश्वास
दरअसल ये अंधविश्वास का सिलसिला साल 1988 से शुरू हुआ जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह जून महीने में नोएडा और नोएडा से लखनऊ लौटते के अगले दिन ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अंधविश्वास इस कदर हावी रहा कि मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह से लेकर अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में औद्योगिक नगरी नोएडा नहीं आए. कहा जाता है कि अंधविश्वास के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने डीएनडी का उद्घाटन नोएडा ना कर दिल्ली के तरफ से किया था.

नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में 29 सालों तक ये मिथक चलता रहा कि प्रदेश के जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आए वो सत्ता गंवा बैठे. 29 साल बाद 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर मिथक तोड़ा. साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती नोएडा आईं थीं, लेकिन अगले साल विधानसभा चुनाव में हार कर सत्ता से बाहर हो गईं.

यूपी के सीएम का नोएडा कनेक्शन

वहीं साल 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी नोएडा आने का साहस नहीं जुटा पाए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजनाओं का उद्घाटन लखनऊ से ही किया.

लंबे समय तक रहा अंधविश्वास
दरअसल ये अंधविश्वास का सिलसिला साल 1988 से शुरू हुआ जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह जून महीने में नोएडा और नोएडा से लखनऊ लौटते के अगले दिन ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अंधविश्वास इस कदर हावी रहा कि मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह से लेकर अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में औद्योगिक नगरी नोएडा नहीं आए. कहा जाता है कि अंधविश्वास के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने डीएनडी का उद्घाटन नोएडा ना कर दिल्ली के तरफ से किया था.

Intro:क्या आपको मालूम है यूपी के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आने से क्यों कतराते हैं। अंधविश्वास के चलते नोएडा में 29 साल सूबे के कई मुख्यमंत्री आने से कतराते रहे। इस मिथक को 29 साल बाद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तोड़ा। CM योगी तकरीबन 9 बार नोएडा आचुके हैं।


Body:हाईटेक सिटी नोएडा में 29 सालों तक यह मिथक चलता रहा। मैथा कैसा रहा कि प्रदेश के जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आए वो सत्ता गंवा बैठे। 29 वर्ष बाद 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर मिथक तोड़ दिया। साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती नोएडा आई थी लेकिन अगले साल विधानसभा चुनाव में हार कर सत्ता से बाहर हो गई थी।
वही साल 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी नोएडा आने का साहस नहीं जुटा पाए। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजनाओं का उद्घाटन लखनऊ से ही किया।


Conclusion:दरअसल या अंधविश्वास का सिलसिला साल 1988 से शुरू हुआ जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह जून महीने में नोएडा और नोएडा से लखनऊ लौटते के अगले दिन ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। अंधविश्वास इस कदर हावी रहा कि मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह से लेकर अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में औद्योगिक नगरी नोएडा नहीं आए।

कहा जाता है कि अंधविश्वास के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने डीएनडी का उद्घाटन नोएडा ना कर दिल्ली के तरफ से किया था।
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