नई दिल्ली/नोएडा: उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा में 29 सालों तक ये मिथक चलता रहा कि प्रदेश के जो भी मुख्यमंत्री नोएडा आए वो सत्ता गंवा बैठे. 29 साल बाद 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोएडा आकर मिथक तोड़ा. साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती नोएडा आईं थीं, लेकिन अगले साल विधानसभा चुनाव में हार कर सत्ता से बाहर हो गईं.
वहीं साल 2012 से 2017 तक मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव भी नोएडा आने का साहस नहीं जुटा पाए. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने परियोजनाओं का उद्घाटन लखनऊ से ही किया.
लंबे समय तक रहा अंधविश्वास
दरअसल ये अंधविश्वास का सिलसिला साल 1988 से शुरू हुआ जब तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह जून महीने में नोएडा और नोएडा से लखनऊ लौटते के अगले दिन ही उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था. अंधविश्वास इस कदर हावी रहा कि मुलायम सिंह यादव, कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह से लेकर अखिलेश यादव अपने कार्यकाल में औद्योगिक नगरी नोएडा नहीं आए. कहा जाता है कि अंधविश्वास के चलते तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने डीएनडी का उद्घाटन नोएडा ना कर दिल्ली के तरफ से किया था.