नई दिल्ली/नोएडा: झुग्गियों और मलिन बस्तियों में रहने वाले बच्चे भिक्षावृत्ति और किसी आपराधिक गैंग के साथ न जुड़ सकें. इसके लिए पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश और अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश लखनऊ के आदेश के अनुपालन में भिक्षावृत्ति रोकथाम जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में चलाया जा रहा है.
पुलिस ने चलाया भिक्षावृत्ति जागरूकता अभियान
इसके अंर्तगत नोएडा में भी डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा के नेतृत्व में भी यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. यह अभियान 15 दिवसीय है और इस अभियान के तहत जिन जिन स्थानों पर सबसे ज्यादा झुग्गी बस्तियां हैं. वहां पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर जाकर छोटे बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं. इसके तहत शुक्रवार को सेक्टर 44 में डीसीपी महिला सुरक्षा द्वारा यह जागरूकता अभियान चलाया गया है.
भिक्षावृत्ति और अपराध रोकने में जुटी पुलिस
मासूम बच्चे किसी आपराधिक गतिविधि या भिक्षावृत्ति और वाले गैंग के संपर्क में न आएं, इसके लिए प्रदेश में भिक्षावृत्ति रोकथाम के लिए 15 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत गौतमबुद्ध नगर जिले में डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला के नेतृत्व में जिले की झुग्गी-बस्तियों को चिन्हित किया गया है. जहां पर सबसे ज्यादा बच्चे रहते हों या शिक्षा का अभाव हो.
नोएडा की झुग्गियों में जागरूकता
इसी अभियान के तहत शुक्रवार को डीसीपी महिला एवं बाल सुरक्षा वृंदा शुक्ला नोएडा ने सेक्टर 44 स्थित झुग्गियों और मलिन बस्तियों में गईं और छोटे बच्चों से मिलने के साथ ही उनके अभिभावकों से भी मुलाकात कर यह सुनिश्चित किया कि उनके बच्चे अगर स्कूल नहीं जा रहे हैं तो पुलिस विभाग के द्वारा निशुल्क शिक्षक की व्यवस्था की जाएगी. जहां वह अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजें. किसी भी बच्चे को भिक्षावृत्ति या किसी अन्य काम में न लगाएं.
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ऐसा कोई भी बच्चा जो इस तरह की गतिविधि में कहीं भी संलिप्त पाया गया तो उनके अभिभावकों को बुलाकर उनके सुपुर्द किया जाएगा और उन्हें वार्निंग दी जाएगी. यह प्रक्रिया अगर कई बार हुई तो पकड़े गए बच्चे को बाल सुधार गृह और अभिभावक के खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी ताकि अन्य लोग इसकी नसीहत लें. यह अभियान और आगे भी चलेगा. इसके साथ ही पूरे जिले में लोगों को इस तरह के कार्यक्रम चला कर जागरूक करने का भी काम निरंतर पुलिस द्वारा किया जाएगा.
वृंदा शुक्ला, डीसीपी, महिला एवं बाल सुरक्षा का कहना