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नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर जारी है किसानों का प्रदर्शन, रोज 11 किसान करेंगे भूख हड़ताल

नोएडा में चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का 21वें दिन भी प्रदर्शन जारी है. किसानों ने कहा कि 6 राउंड की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आह्वान किया गया. जिसके तहत 11 किसान हर रोज भूख हड़ताल पर बैठेंगे और कृषि बिल का विरोध करेंगे.

Farmers protest at Chilla border
किसान प्रदर्शन चिल्ला बॉर्डर
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Published : Dec 21, 2020, 12:15 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा सेक्टर 14 ए चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का 21वें दिन भी प्रदर्शन जारी है. हर रोज सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान नए क्रियाकलाप कर रहे हैं. इसी क्रम में आज से रोजाना 11 किसान भूख हड़ताल करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शन कर रहे किसान, चिल्ला बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

चिल्ला बॉर्डर पर 11 किसान रोज करेंगे भूख हड़ताल

किसानों ने कहा कि 6 राउंड की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आह्वान किया गया. जिसके तहत 11 किसान हर रोज भूख हड़ताल पर बैठेंगे और कृषि बिल का विरोध करेंगे.

सरकार की तरफ से किसानों से वार्ता के लिए निमंत्रण आया है. वार्ता के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि आगे की क्या रणनीति रहेगी, लेकिन जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून में संशोधन नहीं किया जाता और कृषि बिल वापस नहीं होता तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा.

"किसानों के मन की बात करे सरकार"

किसानों का कहना है कि सरकार को हठधर्मिता छोड़ देनी चाहिए. किसानों के भले के बारे में सोचना चाहिए. कृषि बिल की जरूरत नहीं है, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार दे. सरकार संयुक्त किसान कमेटी गठित करे और किसानों के खेतों का ध्यान रखते हुए कानून में संशोधन करे.

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा सेक्टर 14 ए चिल्ला बॉर्डर पर किसानों का 21वें दिन भी प्रदर्शन जारी है. हर रोज सरकार पर दबाव बनाने के लिए किसान नए क्रियाकलाप कर रहे हैं. इसी क्रम में आज से रोजाना 11 किसान भूख हड़ताल करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर प्रदर्शन कर रहे किसान, चिल्ला बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

चिल्ला बॉर्डर पर 11 किसान रोज करेंगे भूख हड़ताल

किसानों ने कहा कि 6 राउंड की वार्ता हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है. संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आह्वान किया गया. जिसके तहत 11 किसान हर रोज भूख हड़ताल पर बैठेंगे और कृषि बिल का विरोध करेंगे.

सरकार की तरफ से किसानों से वार्ता के लिए निमंत्रण आया है. वार्ता के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि आगे की क्या रणनीति रहेगी, लेकिन जब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून में संशोधन नहीं किया जाता और कृषि बिल वापस नहीं होता तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा.

"किसानों के मन की बात करे सरकार"

किसानों का कहना है कि सरकार को हठधर्मिता छोड़ देनी चाहिए. किसानों के भले के बारे में सोचना चाहिए. कृषि बिल की जरूरत नहीं है, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार दे. सरकार संयुक्त किसान कमेटी गठित करे और किसानों के खेतों का ध्यान रखते हुए कानून में संशोधन करे.

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