नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: कोरोना महामारी के दौरान हुए लॉकडाउन के कारण सभी कंपनियां और फैक्टरियां बंद हो गयी थी. सभी का काम भी बंद था लेकिन बंद कंपनियों का बिल खुली कंपनियों से भी ज्यादा आया है. ऐसा ही एक मामला औधोगिक क्षेत्र साइट 4 का है. जहां एक व्यक्ति की इंटीरियर डिजाइन की कंपनी का बिल 33 हजार रुपये आया. जिसे देखकर वो हैरान रह गया. जबकि उसका बिल हमेशा 15 से 16 हजार ही आता था.
आईआईए ने एनपीसीएल से की बात
इस मामले पर उसने एनपीसीएल से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई कर्मचारी न होने की बात कह कर टाल दिया. उसके बाद उसने इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) से बात की तो उन्होंने भी कहा कि काफी कंपनियों के बंद होने के बावजूद भी ज्यादा बढ़कर बिल आये हैं. इसके लिए एनपीसीएल से बात चल रही है. वहीं इंडस्ट्रीज के लोग किराए को लेकर भी परेशान हैं. फैक्ट्री के मालिक किराए को लेकर भी दवाब बना रहे हैं. फिलहाल एनपीसीएल से इस मुद्दे पर कोई बोलने को तैयार नहीं है.