नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर को साल 2019 में कमिश्नरी बनाया गया था. कमिश्नरी बने हुए दो साल पूरे होने जा रहे हैं. पुलिस-प्रशासन के अधिकारी पुलिस की छवि सुधारने और आम लोगों से सामान्य व्यवहार करने की बात करते हैं, लेकिन विभाग के अंदर ही कुछ कर्मचारी ऐसे हैं कि अवैध उगाही कर विभाग की छवि धूमिल करने में जुटे हुए हैं.
जिले में बीते दो महीने में नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ तीन अलग-अलग थाना क्षेत्रों में उगाही के मामले दर्ज किए गए. इनमें पहला ग्रेटर नोएडा के कासना थाना क्षेत्र में पेरीफेरल एक्सप्रेस वे पर पशु व्यापारी को रोककर उनसे दो पुलिसकर्मियों ने 400 रुपये की उगाही की. साथ ही पैसे की मांग करते हुए उनसे मारपीट भी की. इस मामले में अधिकारियों ने संज्ञान लिया और दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
दूसरा मामला ग्रेटर नोएडा के ही beta-2 थाना क्षेत्र में परी चौक पर तैनात तीन पुलिसकर्मियों से जुड़ा हुआ है. इन पुलिसकर्मियों ने ओयो होटल में छापेमारी कर अवैध उगाही की. आरोप है कि इन्होंने एक लाख रुपये की मांग की थी और 50 हजार रुपये में मामला फाइनल हुआ. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
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वहीं तीसरा मामला नोएडा के थाना फेस 3 का है, जहां चार पुलिसकर्मियों द्वारा सेक्टर 68 निवासी एक व्यक्ति को जबरन उसके घर से उठा लिया. उसके साथ उसका भाई और भतीजा भी उठाया लिया. उसके बाद पीड़ित से दो ब्लैंक चेक पर 5/5 लाख रुपये भरकर साइन करा लिए. इस मामले में पीड़ित द्वारा शिकायत किए जाने पर चारों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया.
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गौतम बुध नगर कमिश्नरी में नौ पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज मामले में उच्च अधिकारियों द्वारा विभागीय जांच की जा रही है. वहीं अधिकारियों का यह भी कहना है कि जांच में पूरी तरह से दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट आगे भेजी जाएगी.