नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के सेक्टर 21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में एसिड अटैक पीड़िताओं को रोजगार देने और उनके होसलों को उड़ान देने के किये नोएडा प्राधिकरण व छांव फाउंडेशन की संयुक्त पहल ने एक शीरोज हैंगआउट कैफे का उद्धघाटन किया है. जिसमें एसिड अटैक पीड़ित रितु प्रोजेक्ट मैनेजर, अंशु, विमला, सीमा, डॉली, रूपा, नगमा और रुपैया, प्राधिकरण की सीईओ सहित तमाम अधिकारी, स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा, नोएडा विधायक पंकज सिंह और छांव फाउंडेशन के फाउंडर आलोक कुमार मौजूद रहे.
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि "नोएडा प्राधिकरण व छांव फाउंडेशन द्वारा एक शोरोज हैंगआउट कैफे लॉन्च किया जा रहा है. यह प्राधिकरण और फाउंडेशन दोनों की पहल है. नोएडा में पहला कैफे है जो एसिड अटैक सरवाइवर को समर्पित है. इनको समाज में आगे बढ़ाने का और हौसला देने का यह हमारा छोटा सा प्रयास है. नोएडा के इस पहले कैफे हैं चार एसिड अटैक सरवाइवर मौजूद रहकर इस कैसे को चलाएंगे. इसके अलावा हमारे पास कई पार्क व सोसाइटी में कई ऐसी जगह है जहां हम ऐसी लड़कियों को कैफे खुलवाएंगे और उनको रोजगार देंगे. हम ऐसे बच्चों को एक मौका दे रहे हैं, आगे बढ़ने के लिए और अपनी प्रतिभा को निखारने के साथ अपनी जीविका चलाने के लिए. नोएडा प्राधिकरण समय-समय पर विभिन्न तरीके के प्रयास करता रहता है. इससे पहले नोएडा मेट्रो का नोएडा छोटी में ट्रांसजेंडर को जगह दी है."
एसिड अटैक से पीड़ित रितु जो कि प्रोजेक्ट मैनेजर हैं बताती है कि, "शुरुआत में जब हम शीरोज की बात करते थे तो हम लोगों का मन था कि हम यह डेली रूटीन में स्टार्ट करें, क्योंकि पोर्टफोलियो बहुत ज्यादा है. लोग घूमते हैं, आते-जाते हैं, इसलिए हमने फर्स्ट स्टेप आगरा और लखनऊ में स्टार्ट किया, इसके साथ ही नोएडा अथॉरिटी सीईओ ऋतु महेश्वरी की वजह से नोएडा स्टेडियम में हम स्टैंड कर पाए हैं. यह एनसीआर का पहला शीरोज का कैफे है. हमारी पूरी टीम बहुत ज्यादा खुश है. फाइनली हम नोएडा पहुंचे हैं और यह स्टार्ट किया है. इसमें हम अपना बहुत अच्छा रिस्पॉन्स देंगे. जब हमने कैफे स्टार्ट किया था तो लोगों को थोड़ा एजीटेशन होता था, लेकिन बाद में लोगों को कॉफी पीना होता है तो करते हैं कि कुछ भी हो लेकिन शीरोज का ही कॉफी पीएंगे. मुझे उम्मीद है कि पहले जैसे लोगों ने हमें सपोर्ट किया है उसी तरह नोएडा में भी हमें लोगों का सपोर्ट मिलेगा.
वहीं स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा ने कहा कि, "एक सोच होती है कि हम किसी का दर्द कम कर सकें. हम बात करें उन बच्चियों की जो एसिड अटैक से पीड़ित हैं, यह दर्द जो जीवन भर रहता है और वह बच्चियां सहती हैं. लेकिन एसिड अटैक पीड़िता का यह दर्द कम करने के लिए नोएडा प्राधिकरण और छांव फाउंडेशन को बधाई देता हूं कि उन्होंने यह पहल की. यह बच्चियां समाज के लिए एक आईना बनेंगी और उस सोच को खत्म करेंगी जिस मानसिकता के साथ जिन लोगों ने उनके साथ यह व्यवहार किया है. नोएडा और प्राधिकरण दोनों का नाम जमीन खरीदने और बेचने के लिए जाना जाता है. लेकिन जब ऐसे सामाजिक कार्य नोएडा प्राधिकरण की तरफ से किए जाते हैं तो मैं समझता हूं कि यह उनकी पर्सनल जिम्मेदारी है और यह जिम्मेदारी कहीं न कहीं हम पूरी करने के लिए आगे आ रहे हैं.
वहीं एसिड अटैक से पीड़ित अंशु जो कि बिजनौर की निवासी हैं वह अपने साथ हुए इस घटना के बारे में बताती हैं कि एक तरफा प्यार के चक्कर में एक 55 साल के बूढ़े आदमी ने मेरे ऊपर एसिड डाला जिससे मेरी ये हालत हुई है. यह एसिड अटैक 2013 में हुआ था, जिसके बाद मुझे समाज घृणा की नजरों से देखने लगा. मैंने 2015 में शीरोज ज्वाइन किया और तब से अब तक इसके साथ काम कर रही हूं. अब मुझे गर्व महसूस होता है. वहीं रूपा बताती है कि वह मुजफ्फरनगर की निवासी हैं. 2008 में मेरी सौतेली मां ने मुझे मारने के लिए मेरे ऊपर एसिड अटैक किया था, जिसके बाद मेरी यह हालत हुई. मेरी परवरिश मेरे चाचा-चाची और दादा-दादी ने की लेकिन समाज मुझे घृणा की नजरों से घूरने लगी, जिससे मुझे बहुत शर्म आती थी. मैं जहां भी जाती थी मैं अपना चेहरा छुपाके जाती थी, जिसके बाद मुझे 2013 में शीरोज के बारे में मेरे दोस्त ने बताया. फैमिली की सपोर्ट इसमें ज्यादा नहीं रही उसके बावजूद भी मैं इधर आई और आज मैं इसके साथ काम कर रही हूं. मुझे बहुत गर्व महसूस होता है. वहीं एसिड अटैक सरवाइवर नगमा ने एक गाना गाया. इस गाने से सबका दिल जीत लिया.
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