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ग्रेटर नोएडा: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की एक और उड़ान, हुआ करार

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Published : Oct 7, 2020, 3:17 PM IST

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि के बीच हस्ताक्षर हुए हैं. इस दौरान ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि मंडल और यमुना प्राधिकरण/NIAL के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने हस्ताक्षर किए.

Agreement between Noida International Airport Limited and Zurich Company Representative
देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की एक और उड़ान

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि के बीच हस्ताक्षर हुए हैं. दोनों के बीच ये हस्ताक्षर ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण ऑफिस में हुए हैं. इस दौरान ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि मंडल और यमुना प्राधिकरण/NIAL के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने हस्ताक्षर किए. इस परियोजना की लागत लगभग 29,500 करोड़ रुपये है. वहीं बता दें कि साल 2023 में नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की एक और उड़ान
मंजूरी के लिए कब क्या हुआ
  • 6 जुलाई 2017 निर्माण साइट की अनुमति मिली
  • 5 अक्टूबर 2017 गृह मंत्रालय ने NOC दी
  • 6 नवंबर 2017 गृह मंत्रालय ने इमीग्रेशन की NOC दी
  • 29 दिसंबर 2017 यमुना प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का किया चयन
  • 11 जनवरी 2018 रक्षा मंत्रालय ने दी NOC
  • 23 अप्रैल 2018 नागर विमानन मंत्रालय ने दी सैद्धान्तिक मंजूरी
  • 30 अक्टूबर 2018 जमीन लेने की अधिसूचना (धारा-11)
  • 7 मई 2019 ग्लोबल बिड निकालने की मंजूरी
  • 29 नवंबर 2019 टेंडर खुला, ज्यूरिक कंपनी ने लगाई सबसे बड़ी बोली
  • 18 मई 2020 ज्यूरिख कंपनी ने एसपीवी को मिली सिक्योरिटी क्लीयरेंस
  • 2 जुलाई 2020 करार की पहली तिथि तय (कोविड के कारण टली)
  • 17 अगस्त 2020 करार की दूसरी तिथि (कोविड की वजह से टली)
  • 28 सितंबर 2020 ज्यूरिख कंपनी से करार की तिथि



जेवर एयरपोर्ट में हिस्सेदारी

जेवर एयरपोर्ट निर्माण को देखते हुए शासन ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड कंपनी (NIAL) का गठन किया. नियाल में 4 संस्थाएं हिस्सेदार है. राज्य सरकार और नोएडा प्राधिकरण की हिस्सेदारी 37.5-37.5 फीसद, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण की हिस्सेदारी 12.5-12.5 फीसद है.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि के बीच हस्ताक्षर हुए हैं. दोनों के बीच ये हस्ताक्षर ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण ऑफिस में हुए हैं. इस दौरान ज्यूरिख कंपनी के प्रतिनिधि मंडल और यमुना प्राधिकरण/NIAL के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने हस्ताक्षर किए. इस परियोजना की लागत लगभग 29,500 करोड़ रुपये है. वहीं बता दें कि साल 2023 में नोएडा एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है.

देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट की एक और उड़ान
मंजूरी के लिए कब क्या हुआ
  • 6 जुलाई 2017 निर्माण साइट की अनुमति मिली
  • 5 अक्टूबर 2017 गृह मंत्रालय ने NOC दी
  • 6 नवंबर 2017 गृह मंत्रालय ने इमीग्रेशन की NOC दी
  • 29 दिसंबर 2017 यमुना प्राधिकरण ने सलाहकार कंपनी का किया चयन
  • 11 जनवरी 2018 रक्षा मंत्रालय ने दी NOC
  • 23 अप्रैल 2018 नागर विमानन मंत्रालय ने दी सैद्धान्तिक मंजूरी
  • 30 अक्टूबर 2018 जमीन लेने की अधिसूचना (धारा-11)
  • 7 मई 2019 ग्लोबल बिड निकालने की मंजूरी
  • 29 नवंबर 2019 टेंडर खुला, ज्यूरिक कंपनी ने लगाई सबसे बड़ी बोली
  • 18 मई 2020 ज्यूरिख कंपनी ने एसपीवी को मिली सिक्योरिटी क्लीयरेंस
  • 2 जुलाई 2020 करार की पहली तिथि तय (कोविड के कारण टली)
  • 17 अगस्त 2020 करार की दूसरी तिथि (कोविड की वजह से टली)
  • 28 सितंबर 2020 ज्यूरिख कंपनी से करार की तिथि



जेवर एयरपोर्ट में हिस्सेदारी

जेवर एयरपोर्ट निर्माण को देखते हुए शासन ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड कंपनी (NIAL) का गठन किया. नियाल में 4 संस्थाएं हिस्सेदार है. राज्य सरकार और नोएडा प्राधिकरण की हिस्सेदारी 37.5-37.5 फीसद, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और यमुना प्राधिकरण की हिस्सेदारी 12.5-12.5 फीसद है.

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