नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के थाना सेक्टर 20 क्षेत्र के सेक्टर 30 स्थित करोड़ों की लागत से बना राजकीय जिला संयुक्त चिकित्सालय का हाल यह है कि आए दिन किसी न किसी मामले में विवाद में घिरा रहता है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमें हार्टअटैक के मरीज कुशल पाल सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई. जो सेक्टर 71 से लाया गया था. मौत का जिम्मेदार परिजनों ने अस्पताल को ठहराया है.
जिस पर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग ने पुलिस को सूचना दी और कुछ ही देर बाद जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड की स्थिति यह हो गई कि वहां मृतक के परिजनों सहित साथ में आए लोगों ने जमकर हंगामा और तोड़फोड़ शुरू कर दी. साथ ही इमरजेंसी के नर्सिंग स्टाफ और ड्यूटी पर तैनात महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता की गई. इस संबंध में इमरजेंसी डॉक्टर ने थाना सेक्टर 20 को सूचना दी कि थाना फेस 3 के एसआई शिवराज सिंह ने परिजनों को बिना कागजी कार्रवाई किए जबरन शव ले जाने के लिए हंगामा करने के लिए उकसाया, जिसके बाद परिजनों ने इमरजेंसी में हंगामा किया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया और परिजनों को आश्वासन दिया कि मामले में जांच की जाएगी.
तीमारदारों का क्या है कहना
मृतक व्यक्ति के पड़ोस के रहने वाले लोगों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से लापरवाही बरती गई, जिसके चलते मरीज की मौत हुई. जिससे आक्रोशित होकर अस्पताल में हंगामा किया गया था. वहीं अस्पताल की फार्मासिस्ट ने बताया कि अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड की तरफ से कोई लापरवाही नहीं बरती गई थी. परिजनों ने कागजी कार्रवाई नहीं की और जबरन शव ले जाने की कोशिश की. जिसके मना करने के बाद परिजनों ने डॉक्टर सहित अस्पताल के कर्मचारियों के साथ हाथापाई और अभद्रता की. साथ ही अस्पताल की संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया है.