नई दिल्ली/नोएडा: सेक्टर-93 बी से रेस्क्यू कर लाए गए विदेशी नस्ल के 34 कुत्तों को कार सवार चार युवक अस्पताल से लेकर भाग गए. कुत्तों को स्वास्थ्य जांच कराने के बाद नोएडा सेक्टर-122 स्थित कृष्णा वेटनरी अस्पताल में रखा गया था. आरोप है कि जिनके पास से कुत्ते को रेस्क्यू किया गया था. इस घटना में उन लोगों का ही हाथ है. मामले में एसपीसीए की रचना जोशी की शिकायत पर कोतवाली फेज-3 में मुकदमा दर्ज किया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
अस्पताल में डॉक्टर की निगरानी में थे कुत्ते
पशु क्रूरता रोकने के लिए काम करने वाली संस्था पीपल फॉर एनिमल (पीएफए) के प्रयास से बुधवार शाम को पुलिस ने एसपीसीए संस्था के साथ मिलकर सेक्टर-93 बी से 34 कुत्तों और 1 बिल्ली को छुड़वाया था.
आरोप था कि इन्हें बॉक्स में बंद कर रखा गया था. जो पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है. मामले में कोतवाली फेज-2 में बुधवार देर रात मुकदमा पंजीकृत कराया गया था. इसके बाद सभी कुत्तों का मेडिकल कराया गया और अस्पताल में डॉ. अभिषेक की निगरानी में रखा गया.
कार में आए बदमाश
गुरूवार दोपहर दो कारों से तीन चार लोग अस्पताल पहुंचे और सभी 34 कुत्तों को लेकर भाग गए. जबकि बिल्ली को वहीं छोड़ दिया गया. सूचना मिलने पर संस्था के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे. इसके बाद कोतवाली फेज-3 पुलिस से शिकायत की गई. पुलिस ने ज्ञानेंद्र नामक एक शख्स सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. बताया गया है कि बुधवार शाम को ज्ञानेंद्र के पास से भी कुछ कुत्तों को बचाया गया था.
लगभग 10 लाख रुपये है इनकी कीमत
पीएफए के सदस्य ने बताया कि कुत्तों की ब्रीडिंग का एक गिरोह चल रहा है. जो पशु क्रूरता कर लाखों की कमाई करता है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू किए एक कुत्ते की कीमत तीस से पचास हजार रुपये तक है. सेक्टर-93 के एक आवासीय परिसर में बिना अनुमति और लाइसेंस के पशुओं का कारोबार किया जा रहा था.
इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इस घटना में शामिल लोगों पर जल्द ही कार्रवाई होगी. पुलिस की टीम मामले की जांच में जुटी है.