नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार का जोर राजस्व वसूली बढ़ाने पर है. वहीं, सरकारी महकमे ही इस मंशा को पलीता लगाते दिखाई दे रहे हैं. विद्युत निगम सर्किल के रिकॉर्ड के मुताबिक, 15 विभागों पर 10 करोड़ रुपये से ज़्यादा का बकाया है. कई बार पत्राचार करने के बाद बकाया बिल भुगतान नहीं होने के बाद अब सभी को बिल जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है.
"सरकारी विभागों पर करोड़ों बकाया"
1. अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास - 37 हज़ार
2. कृषि - 1 लाख 41 हज़ार
3. ग्राम्य विकास - 66 लाख 94 हज़ार
4. पंचायती राज - 79 लाख 30 हज़ार
5. पशुधन - 1 लाख 64 हज़ार
6. सहकारिता - 5 लाख 36 हज़ार
7. खाद्य एवं रसद - शून्य
8. गृह (पुलिस)- 2 करोड़ 27 लाख 67 हज़ार
9. राजनीतिक पेंशन नागरिक सुरक्षा होमगार्ड - शून्य
10. चिकित्सा - 85 लाख 88 हज़ार
11. न्याय - 7 लाख 2 हज़ार
12. प्रशासनिक सुधार - 8 लाख 50 हज़ार
13. अल्पसंख्यक एवं कल्याण - शून्य
14. राजस्व (जिला प्रशासन) - 61 लाख 96 हज़ार
15. प्राथमिक शिक्षा - 4 करोड़ 53 लाख
16. माध्यमिक शिक्षा - 12 लाख 68 हज़ार
17. व्यापार कर - 4 लाख 23 हज़ार
"चीफ इंजीनियर ने जताई उम्मीद"
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