नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी में कोरोना वैक्सीन को लेकर वीरवार को ड्राई रन किया गया. कोरोना वायरस को मात देने के लिए 6 जगहों पर ड्राई रन किया गया. जिसमें करीब डेढ़ सौ स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन लगाने का ट्रायल किया गया. इस बीच डब्ल्यूएचओ की टीम गुरुग्राम पहुंची और दो सेंटर पर जाकर ड्राई रन की पूरी व्यवस्था की जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों से ली.
नए साल पर देश को वैक्सीन तो मिल गई है, लेकिन किस तरह से लोगों को ये वैक्सीन लगाई जाएगी? किस तरह की व्यवस्था की गई है? इन तमाम पहलुओं को लेकर गुरुग्राम में 6 जगहों पर dry-run किया गया.
WHO की टीम ने लिया जायजा
डब्ल्यूएचओ की टीम ने गुरुग्राम के भांग रोला और वजीराबाद स्थित सेंटर पर पहुंचकर इस पूरी व्यवस्था के बारे में जानकारी ली. किस तरह से लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी और किस तरह की व्यवस्थाएं रहेंगी इन सभी पहलुओं को बारीकी से जाना.
सफल रहा ड्राई रन- WHO
डब्ल्यूएचओ की टीम के साथ सीएमओ वीरेंद्र यादव ने सभी व्यवस्थाओं की जानकारी टीम के सदस्यों को दी. डब्ल्यूएचओ की टीम का ये भी मानना है कि गुरुग्राम में जो dry-run किया गया वो सफल रूप में देखा जा रहा है और यदि इसी तरह से व्यवस्थाएं रही तो निश्चित तौर पर आसानी से वैक्सीनेशन का काम पूरा हो सकेगा.
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डब्ल्यूएचओ की टीम से जब ये सवाल किया गया कि क्या इस दवाई का कोई साइड इफेक्ट होगा तो उनका जवाब यही था कि हर एक दवाई का कोई ना कोई साइड इफेक्ट होता है, तो निश्चित तौर पर कोरोना वैक्सीन का भी साइड इफ़ेक्ट होगा, लेकिन ये ये साइड इफेक्ट खतरनाक नहीं होते.
क्या होता है ड्राई रन?
कोरोना वैक्सीनेक्शन को लेकर सरकार का प्लान और तैयारी कैसी है, वैक्सीन को लोगों तक कैसे पहुंचाया जाएगा, किस तरह से टीकाकरण को अंजाम दिया जाएगा और वैक्सीनेशन के दौरान क्या परेशानियां आ सकती हैं, इन सभी बातों को जानने के लिए ड्राई रन किया जाता है. इसे हम एक तरह से वैक्सीनेशन का मॉक ड्रिल कह सकते हैं.