नई दिल्ली/नूंह: करीब 8 हजार बच्चों का भविष्य बनाने वाले टीचरों का वर्तमान भूख हड़ताल में बीत रहा है. मेवात की तालीम में मील का पत्थर कहलाने वाले मेवात मॉडल स्कूल के टीचर इन दिनों बेहद परेशान हैं. इनकी परेशानी का कारण वेतन का न मिलना है. वेतन एक नहीं दो नहीं बल्कि पिछले पांच महीनों से नहीं मिला है.
इससे उनके घर का गुजारा चलाना मुश्किल हो गया है और अब तो त्योहारों का सीजन भी शुरू हो गया है. जब पानी सर से ऊपर चला गया तो टीचरों ने भूख हड़ताल करने का फैसला लिया. एक दिवसीय भूख हड़ताल पर बैठे अध्यापकों कहना है कि ये पहली बार नहीं है कि वेतन ना मिला हो.
ऐसा हर बार होता है और विरोध प्रदर्शन, भूख हड़ताल पर बैठने पर ही वेतन मुश्किल से मिल पाता है. इन टीचरों को अपने हक के लिए हमेशा से संघर्ष करना पड़ता है. भूख हड़ताल पर बैठे टीचरों का कहना है कि दिवाली का त्योहार भी अब अंधेरा में दिखाई दे रहा है. हैरत की बात ये है इन टीचरों की मेहनत और लगन बदौलत ही मेवात के सभी मॉडल स्कूलों का परिणाम बेहतर रहा है. इसके बाद भी उन्हें वेतन समय पर नहीं मिल रहा है.
इन टीचरों ने अपनी इन मांगों को लेकर अधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी मिल चुके हैं लेकिन बदले में उन्हें सिर्फ और सिर्फ आश्वासन मिला है. अगर ऐसे ही वेतन नहीं मिला तो आने वाला खुशियों का त्योहार भी फीका जाने वाला है. इन टीचरों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें वेतन नहीं दिया गया तो वे अपनी भूख हड़ताल जारी रखेंगे.
अध्यापकों ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि उनके मेवात मॉडल स्कूलों को मेवात विकास अभिकरण के बजाय शिक्षा विभाग में समायोजन कर दिया जाए. इसके अलावा कच्चे कर्मचारियों को जल्द से जल्द पक्का किया जाए. मेवात विकास बोर्ड की 28 वीं बैठक में जो फैसला हुआ था, उसे तत्काल लागू किया जाए साथ ही वेतन का स्थाई समाधान किया जाए, ताकि अध्यापकों व स्टाफ को त्योहारों पर भी भूखा मरने की नौबत ना आए.