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नूंह: अल आफिया अस्पताल में छात्र सीख रहे मरीजों की सेवा के गुर - students' training camp at al aafia hospital nuh

नूंह के अल आफिया अस्पताल में 11वीं और 12वीं में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं सर्दी की छुट्टी में मरीजों की सेवा करने के साथ-साथ स्वस्थ रहने के गुर सीख रहे हैं. बच्चे सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में 15 दिवसीय कैंप में ये हुनर सीख रहे हैं.

students are learning the tricks of serving patients in nuh
छात्र सीख रहे मरीजों की सेवा के गुर
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Published : Jan 13, 2020, 11:53 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 11वीं और 12वीं के छात्र सर्दी की छुट्टी में मरीजों की सेवा करने और खुद को स्वस्थ रखने के गुर सीख रहे हैं. अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में इन दिनों स्कूली बच्चे 15 दिवसीय कैंप में ये हुनर सीख रहे हैं. अध्यापक भी बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी में पूरी मदद करते दिख रहे हैं.

छात्र सीख रहे मरीजों की सेवा के गुर

प्रशिक्षण शिविर में छात्रों के हौसला अफजाई के लिए उनके अध्यापक और अध्यापिका भी साथ रहते हैं. शिक्षा विभाग अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चों को हुनर मंद बनाने के लिए अलग-अलग तरीके इजाद कर रहा है. इसी के अंतरगत इन छात्रों को अस्पताल में लाकर अस्पताल में होने वाले कार्यों की जानकारी दी गई.

बच्चे सीख रहे भविष्य में डॉक्टर बनने के गुर
सकरस गांव के छात्र-छात्राएं 15 दिवसीय कैंप में रहकर पेसेंट केयर असिस्टेंट के गुर सीख रहे हैं. इस बारे में बताते हुए छात्र मोहम्मद अंसार बताते हैं कि उन्होंने सर्दीयों का भरपूर इस्तेमाल किया है. वे भविष्य में डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं.

उन्होंने बताया कि मरीजों की देखभाल कैसे की जाती है, उन्होंने काफी कुछ इस कैंप में सीखा है. अंसार ने बताया कि बेड, दरवाजे इत्यादी चीजों में हाथ लगाने से संक्रमण हो जाता है, लिहाजा हाथ तुरंत धोने चाहिए. इसके आलावा अलग-अलग वार्डों में जाकर उन्होंने हर मरीज की देखभाल का तरीका, इंजेक्शन, ग्लूकोज इत्यादि लगाने के बारे में सीखा है.

वहीं इस बारे में अध्यापिका सुमित्रा बताती हैं कि ये बच्चे पीसी सबजेक्ट से हैं. स्कूल में प्रोजेक्ट आया था जिसके कारण वे इन्हें लेकर अस्पताल में आई हैं.

नई दिल्ली/नूंह: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले 11वीं और 12वीं के छात्र सर्दी की छुट्टी में मरीजों की सेवा करने और खुद को स्वस्थ रखने के गुर सीख रहे हैं. अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में इन दिनों स्कूली बच्चे 15 दिवसीय कैंप में ये हुनर सीख रहे हैं. अध्यापक भी बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी में पूरी मदद करते दिख रहे हैं.

छात्र सीख रहे मरीजों की सेवा के गुर

प्रशिक्षण शिविर में छात्रों के हौसला अफजाई के लिए उनके अध्यापक और अध्यापिका भी साथ रहते हैं. शिक्षा विभाग अलग-अलग क्षेत्रों में बच्चों को हुनर मंद बनाने के लिए अलग-अलग तरीके इजाद कर रहा है. इसी के अंतरगत इन छात्रों को अस्पताल में लाकर अस्पताल में होने वाले कार्यों की जानकारी दी गई.

बच्चे सीख रहे भविष्य में डॉक्टर बनने के गुर
सकरस गांव के छात्र-छात्राएं 15 दिवसीय कैंप में रहकर पेसेंट केयर असिस्टेंट के गुर सीख रहे हैं. इस बारे में बताते हुए छात्र मोहम्मद अंसार बताते हैं कि उन्होंने सर्दीयों का भरपूर इस्तेमाल किया है. वे भविष्य में डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं.

उन्होंने बताया कि मरीजों की देखभाल कैसे की जाती है, उन्होंने काफी कुछ इस कैंप में सीखा है. अंसार ने बताया कि बेड, दरवाजे इत्यादी चीजों में हाथ लगाने से संक्रमण हो जाता है, लिहाजा हाथ तुरंत धोने चाहिए. इसके आलावा अलग-अलग वार्डों में जाकर उन्होंने हर मरीज की देखभाल का तरीका, इंजेक्शन, ग्लूकोज इत्यादि लगाने के बारे में सीखा है.

वहीं इस बारे में अध्यापिका सुमित्रा बताती हैं कि ये बच्चे पीसी सबजेक्ट से हैं. स्कूल में प्रोजेक्ट आया था जिसके कारण वे इन्हें लेकर अस्पताल में आई हैं.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी ;- छात्र - छात्रा सीख रहे मरीजों की सेवा व स्वस्थ रहने के गुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में 11 - 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र - छात्रा सर्दियों की छुट्टियों में मरीजों की सेवा करने के साथ - साथ स्वस्थ रहने के गुर स्वास्थ्य विभाग से सीख रहे हैं। अल आफिया सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा में इन दिनों स्कूली बच्चे 15 दिवसीय कैम्प में ये हुनर सीख रहे हैं। अध्यापक भी बच्चों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। प्रशिक्षण शिविर में वे उनकी हौसला अफजाई के लिए उनके साथ अध्यापक - अध्यापिका भी उपलब्ध रहती है। Body:साकरस गांव के छात्र - छात्राओं का कहना है कि पेसेंट केयर एसिस्टेंट (पीसीए ) के गुर वो इन दिनों कैम्प में सीख रहे हैं। सर्दी की छुट्टियों का उन्होंने भरपूर इस्तेमाल किया है। वे भविष्य में डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करना चाहते हैं। मरीजों की देखभाल कैसे की जाती है , उन्होंने काफी कुछ इस कैम्प में सीखा है। बेड , दरवाजे इत्यादि चीजों में हाथ लगाने से संक्रमण हो जाता है , लिहाजा हाथ तुरंत धोने चाहिए। इसके आलावा अलग - अलग वार्डों में जाकर उन्होंने हर मरीज की देखभाल का तरीका। इंजेक्शन , ग्लूकोज इत्यादि लगाने के बारे में सीखा है। लड़कियों के मुताबिक पुरुषों - महिलाओं में कितना रक्त होना चाहिए। इस सबके बारे में बारीकी से ज्ञान हांसिल किया है। इसे बड़े होकर डॉक्टर बनकर या स्वास्थ्य विभाग में अन्य पदों पर भर्ती होने के बाद कैसे जीवन में कामयाब इंसान बनना है। साथ ही घर में बीमार व्यक्ति की देखभाल कैसे करनी है ताकि दूसरों में संक्रमण या इंफेक्शन का खतरा पैदा न हो। इससे बचने का तरीका भी बताया गया। कुल मिलाकर अब पढाई के साथ - साथ शिक्षा विभाग अलग - अलग क्षेत्रो में बच्चों को हुनर मंद बनाने के लिए अलग - अलग तरीके ईजाद कर रहा है। Conclusion:बाइट ;- मोहम्मद अंसार छात्र
बाइट ;- रेखा छात्रा
बाइट ;- सुमित्रा अध्यापिका

संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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