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सऊदी अरब की बच्ची को भारत में मिला नया जीवन, डॉक्टर्स ने लगाई गाय की नस

नूर नाम की बच्ची तीन महीने की उम्र में ही बिलियरी एट्रेसिया नाम की एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गई थी. जिसके चलते उसकी पित्त की नली का विकास नहीं हो रहा था.

Saudi Arabian girl gets new life in Gurugram, doctors put cow's vein
सऊदी अरब की बच्ची को गुरुग्राम में मिला नया जीवन
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Published : Jan 8, 2020, 11:59 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्रामः साइबर सिटी के अर्टिमिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने एक बेहद मुश्किल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर इतिहास रचा है. डॉक्टर्स ने सऊदी अरब की एक साल की बच्ची का मोनो सेगमेंट लिवर ग्राफ्ट ट्रांसप्लांट किया.

सऊदी अरब की बच्ची को गुरुग्राम में मिला नया जीवन

ब्लड सर्कुलेशन के लिए लगाई गाय की नस

बता दें कि बच्ची के लिए उसकी मां ने अपने लीवर का आठवां हिस्सा डोनेट किया था, लेकिन 14 घंटे लंबी चली सर्जरी की सबसे अहम बात रही कि लीवर में ब्लड सर्कुलेशन के लिए डॉक्टर्स ने बच्ची के अंदर गाय की नस लगाई.

बिलियरी एट्रेसिया नामक बीमारी से ग्रसित थी बच्ची

ऑपरेशन के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ बताई जा रही है. दरअसल, नूर नाम की बच्ची तीन महीने की उम्र में ही बिलियरी एट्रेसिया नाम की एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गई थी. जिसके चलते उसकी पित्त की नली का विकास नहीं हो रहा था.

सऊदी के डॉक्टर्स ने बच्ची को भेजा था भारत

बच्ची के पैरेंट्स ने सऊदी अरब में ही बच्ची का बहुत इलाज कराया, लेकिन बच्ची ठीक नहीं हुई. उसके बाद सऊदी अरब के डॉक्टर्स ने ही बच्ची के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए उसे भारत भेजा और यहां बच्ची को एक नया जीवन मिल गया. जिसको लेकर बच्ची के पिता ने डॉक्टर्स के साथ-साथ भारत देश का भी शुक्रिया अदा किया.

बच्ची के कम वजन के चलते मुश्किल था ऑपरेशन

बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए बच्ची का ऑपरेशन जरूरी था. लेकिन बीमारी की वजह से कम वजन होने के ऑपरेशन काफी मुश्किल था. लेकिन ऑर्टिमिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्ची के पैरेंट्स की काउंसलिंग करने के बाद बाद का ऑपरेशन किया और मेडिकल वर्ल्ड में एक नया इतिहास रच दिया.

नई दिल्ली/गुरुग्रामः साइबर सिटी के अर्टिमिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने एक बेहद मुश्किल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर इतिहास रचा है. डॉक्टर्स ने सऊदी अरब की एक साल की बच्ची का मोनो सेगमेंट लिवर ग्राफ्ट ट्रांसप्लांट किया.

सऊदी अरब की बच्ची को गुरुग्राम में मिला नया जीवन

ब्लड सर्कुलेशन के लिए लगाई गाय की नस

बता दें कि बच्ची के लिए उसकी मां ने अपने लीवर का आठवां हिस्सा डोनेट किया था, लेकिन 14 घंटे लंबी चली सर्जरी की सबसे अहम बात रही कि लीवर में ब्लड सर्कुलेशन के लिए डॉक्टर्स ने बच्ची के अंदर गाय की नस लगाई.

बिलियरी एट्रेसिया नामक बीमारी से ग्रसित थी बच्ची

ऑपरेशन के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ बताई जा रही है. दरअसल, नूर नाम की बच्ची तीन महीने की उम्र में ही बिलियरी एट्रेसिया नाम की एक दुर्लभ बीमारी का शिकार हो गई थी. जिसके चलते उसकी पित्त की नली का विकास नहीं हो रहा था.

सऊदी के डॉक्टर्स ने बच्ची को भेजा था भारत

बच्ची के पैरेंट्स ने सऊदी अरब में ही बच्ची का बहुत इलाज कराया, लेकिन बच्ची ठीक नहीं हुई. उसके बाद सऊदी अरब के डॉक्टर्स ने ही बच्ची के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए उसे भारत भेजा और यहां बच्ची को एक नया जीवन मिल गया. जिसको लेकर बच्ची के पिता ने डॉक्टर्स के साथ-साथ भारत देश का भी शुक्रिया अदा किया.

बच्ची के कम वजन के चलते मुश्किल था ऑपरेशन

बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए बच्ची का ऑपरेशन जरूरी था. लेकिन बीमारी की वजह से कम वजन होने के ऑपरेशन काफी मुश्किल था. लेकिन ऑर्टिमिस अस्पताल के डॉक्टर्स ने बच्ची के पैरेंट्स की काउंसलिंग करने के बाद बाद का ऑपरेशन किया और मेडिकल वर्ल्ड में एक नया इतिहास रच दिया.

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