नई दिल्ली/गुरुग्राम: पूरे देश के साथ-साथ साइबर सिटी गुरुग्राम में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, लेकिन कुछ लोग इस महामारी के समय में भी कालाबाजारी कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं. ऐसा ही एक मामला गुरुग्राम से सामने आया है जहां कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली रेमेडिसिवर इंजेक्शन की धड़ल्ले से कालाबाजारी की जा रही थी.
बहरहाल गुरुग्राम ड्रग विभाग ने शनिवार को रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को रंगे हाथों पकड़ लिया है. दरअसल, कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कुछ दवाइयां ऐसी हैं जो कोरोना से जिंदगी बचा सकती हैं, लेकिन इन दवाइयों की कालाबाजारी की खबरें लगातार सामने आ रही हैं.
ऐसी एक दवाई और इंजेक्शन में से एक है रेमेडिसिवर इंजेक्शन जिसकी कालाबाजारी की जा रही है. गुरुग्राम ड्रग विभाग को सूचना मिली थी कि कुछ लोग रेमेडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे हैं. जिसके बाद विभाग ने अपनी टीम गठित की और कालाबाजारी करने वाले गिरोह के तीन लोगों को रंगे हाथों पकड़ लिया.
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गुरुग्राम ड्रग विभाग के अधिकारी अमनदीप की मानें तो आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये इंजेक्शन दिल्ली के किसी सरकारी हॉस्पिटल से ला रहे थे. जिसकी कीमत मात्र 4000 रुपये है और गुरुग्राम में ये इसे 25000 रुपये में बेच रहे थे.
आरोपियों से पूछताछ में खुलासा ये भी हुआ है कि इससे पहले भी ये तीन से चार बार इंजेक्शन की कालाबाजारी कर चुके हैं. वहीं तीनों आरोपियों में से दो आरोपी गुरुग्राम के निजी मेडिकल स्टोर में काम करते हैं और तीसरा आरोपी भी मेडिकल की लाइन से ही जुड़ा हुआ है. बहरहाल तीनों आरोपियों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है जहां पुलिस भी इनसे तफ्तीश करने में जुटी है.