नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा में कोरोना की कहर बढ़ता जा रहा है. गुरुग्राम और फरीदाबाद में हालात सबसे ज्यादा बुरे हैं. गुरुग्राम देश के सबसे बेहाल शहरों में शामिल हो चुका है. हालात अब ये हो चुके हैं कि जिले में किसी भी अस्पताल में बेड खाली नहीं हैं.
फोन पर अस्पताल का बेड खाली होने से इनकार
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का दावा है कि जरूरत के हिसाब से प्रदेश में बेड मौजूद हैं लेकिन सच्चाई इसके ठीक उल्ट है. गुरुग्राम प्रशासन ने खाली बेड और अस्पताल की जानकारी के लिए वेबसाइट बनाई है ताकि मरीजों को जिले में ताजा जानकारी मिल सके, लेकिन हैरानी की बात ये है कि वेबसाइट पर खाली बेड तो दिखाए जा रहे हैं लेकिन अस्पताल बेड खाली होने से साफ इनकार कर रहे हैं.
ये भी पढ़िए: 24 राज्यों में 15 फीसदी से अधिक है कोरोना संक्रमण दर : स्वास्थ्य मंत्रालय
बेड खाली होने के दावे फेल
वेबसाइट के खाली बेड के दावे की सच्चाई जानने के लिए ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक किया. तमाम अस्पतालों के नंबर पर जरूरतमंत बनकर फोन किया. फोन करने पर जो जवाब मिले वो हैरान करने वाले थे. वेबसाइट पर बेड तो खाली दिखाए जा रहे हैं, लेकिन फोन करने पर अस्पताल प्रशासन की ओर से बेड खाली होने से इनकार किया जा रहा है.
ये भी पढ़िए: दिल्ली: लगातार चौथे दिन 300 से ज्यादा मौत, 19 हजार से ज्यादा नये मामले आये सामने
आर्टिमिस अस्पताल में 700 से ज्यादा की वेटिंग
जिले के बड़े अस्पतालों में शुमार आर्टिमिस अस्पताल ने तो यहां तक बताया कि 700 से ज्यादा की वेटिंग चल रही है. दो-तीन हफ्ते तक भी नंबर आने की कोई संभावना नहीं. हर हफ्ते अगर 100 लोग भी डिस्चार्ज होते हैं तो भी 2 से 3 हफ्ते लग जाएंगे. जबकि गुरुग्राम प्रशासन की वेबसाइट पर 4 ऑक्सीजन बेड खाली दिखा रहा था.
मरीज की गंभीर हालत सुनते ही सिग्नेचर अस्पताल ने काटा फोन
वहीं जब ईटीवी भारत संवाददाता ने सिग्नेचर अस्पताल में फोन लगाया तो फोन उठाने वाली महिला ने मरीज का ऑक्सीजन सैचुरेशन पूछा. ऑक्सीजन सैचुरेशन 70 सुनते ही महिला ने बेड उपलब्ध होने से इनकार कर दिया और आगे कुछ भी सुनने से पहले फोन काट दिया.
ये भी पढ़िए: मंत्री इमरान हुसैन को HC ने जारी किया नोटिस, ऑक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी का है आरोप
ईटीवी भारत संवाददाता ने इसके बाद एक-एक करके कई अस्पतालों को फोन मिलाया. कई अस्पताल ने फोन ही नहीं उठाया. कई ने सवाल सुनते ही फोन काट दिया. तो कई अस्पताल ने खाली बेड सुनते ही हाथ खड़े कर दिए.
डीसी ने भी नहीं उठाया फोन
जब इस बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए ईटीवी भारत ने गुरुग्राम डीसी यश गर्ग को फोन मिलया तो उन्होंने फोन तक नहीं उठाया, जबकि उन्हें गुरुग्राम का नोडल अधिकारी बनाया गया है. यानी कि जिले में कोविड की स्थिति और व्यवस्था की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है.
क्या है गुरुग्राम प्रशासन का दावा?
दरअसल गुरुग्राम जिला प्रशासन द्वारा www.covidggm.com वेबसाइट में अस्पतालों मे तमाम बेड की जानकारी देने के लिए व्यवस्था बनाई गई है. प्रशासन का दावा है कि इस वेबसाइट के जरिए कोई भी जरूरतमंद खाली बेड की जानकारी जुटा सकता है. वेबसाइट में कई अस्पतालों में बेड खाली तो दिखाए गए हैं, लेकिन ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में ये दावा झूठा नजर आया.
ये भी पढ़िए: होम आइसोलेशन वाले मरीजों को हर हाल में ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराई जाए: CM केजरीवाल
बता दें कि जिला प्रशासन ने 43 कोविड डेडीकेटेड अस्पताल बनाए हैं, लेकिन इन अस्पतालों में ना तो ऑक्सीजन बेड है और ना ही आईसीयू और वेंटिलेटर बेड. यहां तक कि अधिकतर हॉस्पिटलों का तो नंबर ही नहीं लग रहा है. इससे आप अंदाजा लगा सकते है कि साइबर सिटी गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित मरीज किन मुश्किलों से गुजर रहे हैं. वहीं सरकार ने अगर अभी भी कोई कदम नहीं उठाए तो साइबर सिटी में आने वाले दिनों में और भी भयावह स्थिति का सामना जरूर करना पड़ सकता है.