नई दिल्ली/नूंह: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे लोग भले ही एक्ट को वापस लेने की मांग पर अड़े हों लेकिन सच ये भी है कि उन प्रदर्शनकारियों में कई लोगों को इस एक्ट के बारे में जानकारी ही नहीं है. कुछ ऐसा ही मामला हरियाणा के नूंह जिले में देखने को मिला, जहां इस कानून के खिलाफ सड़क पर उतर कर भारी भीड़ ने 10 किलोमीटर लंबा मार्च निकाला. लेकिन जब उनसे इस एक्ट के बारे में पूछा तो उन्हें जानकारी ही नहीं थी.
ज्यादातर लोगों को नहीं पता कानून के बारे में
मार्च में शामिल लोग जहां आजादी, आजादी के नारे लगा रहे थे. वहीं मार्च में शामिल ज्यादातर लोगों को ये भी नहीं पता था कि वो किस बात के लिए प्रदर्शन करने निकले हैं. प्रदेश में शामिल कई लोग इसे मुसलमानों के साथ ज्यादती के खिलाफ बता रहे थे, तो कोई प्रदर्शन को जामिया में लाठीचार्ज के खिलाफ बता रहा था. तो कोई कह रहा था कि इस कानून में मुसलमानों बच्चों को मारने के लिए कहा गया है. लेकिन ज्यादातर लोग नागरिक संशोधन कानून के बारे में नहीं बता पा रहे थे.
कानून-व्यवस्था को लेकर प्रशासन चौकस
वहीं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिले में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन चौकस है. सुरक्षा और शांति व्यवस्था को बनाए रखने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने 10 सुरक्षा बलों की कंपनियां जिले में तैनात की हैं. इसके अलावा अन्य जिले के दो डीएसपी को नूंह जिले में भेजा गया है. जिले में 6 डीएसपी पूरी तरह नजर रख रहे हैं. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यहां करीब 2 हजार पुलिसकर्मी जिनमें आइआरबी, आरएएफ सहित अन्य जिले के जवान तैनात किए हैं.