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नूंह में लोगों ने घरों, स्कूलों और बस स्टैंड पर लगाए नो CAA, नो NRC के पोस्टर

जिले के सैकड़ों घरों में, सरकारी संस्थानों की दीवारों पर और बस स्टैंड पर 'नो सीएए, नो एनआरसी' के पोस्टर लगे हैं. कई घर तो ऐसे हैं जहां काले झंडे लगाए गए हैं. जिनपर नो सीएए, नो एनआरसी लिखा है.

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Published : Jan 20, 2020, 11:47 PM IST

posters and flags against caa in nuh
स्कूलों और बस स्टैंड पर लगाए नो CAA, नो NRC के पोस्टर

नई दिल्ली/नूंह: नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 अब कानून बन चुका है, लेकिन अब भी देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है. फिर चाहे वो दिल्ली हो या फिर उससे सटा नूंह, लेकिन नूंह के लोगों ने सीएए का विरोध करने का अनोखा तरीका खोज लिया है. नूंह वासी प्रदर्शन की जगह अब पोस्टर और बैनर लगा कर सीएए का विरोध कर रहे हैं.

स्कूलों और बस स्टैंड पर लगाए नो CAA, नो NRC के पोस्टर

दरअसल, जिले के सैकड़ों घरों में, सरकारी संस्थानों की दीवारों पर और बस स्टैंड पर 'नो सीएए , नो एनआरसी' के पोस्टर लगे हैं. कई घर तो ऐसे हैं जहां काले झंडे लगाए गए हैं. जिनपर नो सीएए , नो एनआरसी' लिखा है. वैसे तो नूंह के सैकड़ों गांवों में इस तरह विरोध किया जा रहा है, लेकिन खासकर नगीना खंड के दर्जनों गांवों में बड़े पैमाने पर इसका विरोध देखने को मिल रहा है.

लोगों ने अपनाया विरोध का अनोखा तरीका
बता दें कि देशभर में नूंह जिला उन जिलों में शामिल हैं. जहां पर सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ है. आज भी विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है, लेकिन जिला प्रशासन ने पिछले करीब 20 दिन से नूंह में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लगा दी थी. जिसके बाद अब लोगों ने विरोध जताने का ये अनोखा तरीका अपनाया है.

'बीजेपी कर रही है भेदभाव'

स्थानीय लोगों ने कहा कि वो सीएए का विरोध करते हैं. वो नहीं चाहते की देश में सीएए लागू हो. लोगों ने कहा कि बीजेपी बाहरी लोगों को तो नौकरी दे रही है, लेकिन अब देश के लोगों को खासकर मुस्लिम समाज के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है.

नई दिल्ली/नूंह: नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 अब कानून बन चुका है, लेकिन अब भी देश के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है. फिर चाहे वो दिल्ली हो या फिर उससे सटा नूंह, लेकिन नूंह के लोगों ने सीएए का विरोध करने का अनोखा तरीका खोज लिया है. नूंह वासी प्रदर्शन की जगह अब पोस्टर और बैनर लगा कर सीएए का विरोध कर रहे हैं.

स्कूलों और बस स्टैंड पर लगाए नो CAA, नो NRC के पोस्टर

दरअसल, जिले के सैकड़ों घरों में, सरकारी संस्थानों की दीवारों पर और बस स्टैंड पर 'नो सीएए , नो एनआरसी' के पोस्टर लगे हैं. कई घर तो ऐसे हैं जहां काले झंडे लगाए गए हैं. जिनपर नो सीएए , नो एनआरसी' लिखा है. वैसे तो नूंह के सैकड़ों गांवों में इस तरह विरोध किया जा रहा है, लेकिन खासकर नगीना खंड के दर्जनों गांवों में बड़े पैमाने पर इसका विरोध देखने को मिल रहा है.

लोगों ने अपनाया विरोध का अनोखा तरीका
बता दें कि देशभर में नूंह जिला उन जिलों में शामिल हैं. जहां पर सीएए, एनआरसी, एनपीआर को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ है. आज भी विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है, लेकिन जिला प्रशासन ने पिछले करीब 20 दिन से नूंह में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लगा दी थी. जिसके बाद अब लोगों ने विरोध जताने का ये अनोखा तरीका अपनाया है.

'बीजेपी कर रही है भेदभाव'

स्थानीय लोगों ने कहा कि वो सीएए का विरोध करते हैं. वो नहीं चाहते की देश में सीएए लागू हो. लोगों ने कहा कि बीजेपी बाहरी लोगों को तो नौकरी दे रही है, लेकिन अब देश के लोगों को खासकर मुस्लिम समाज के लोगों के साथ भेदभाव कर रही है.

Intro:संवाददाता नूह मेवात
स्टोरी :- सीएए , एनआरसी/ एनपीआर के विरोध का नया तरीका निकाला
हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिले के लोगों ने सीएए , एनआरसी - एनपीआर कानून के विरोध का नया तरीका निकाल लिया है । जिले के सैकड़ों गांवों में घरों सरकारी संस्थानों की दीवारों पर नो सीएए , नो एनआरसी इत्यादि के पोस्टर जगह - जगह देखने को मिल रहे हैं । इतना ही नहीं लोगों ने अपने घरों की छत पर कानून का विरोध करने के लिए काले झंडे लगाए हुए हैं । वैसे तो नूह जिले के सैकड़ों गांवों में इस तरह विरोध किया जा रहा है , लेकिन खासकर नगीना खंड के दर्जनों गांवों में बड़े पैमाने पर इसका विरोध देखने को मिल रहा है । Body:आपको बता दें कि देशभर में नूह जिला उन जिलों में शामिल है , जहां पर सीएए, एनआरसी , एनपीआर को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ है । आज भी विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है , लेकिन जिला प्रशासन ने पिछले करीब 20 दिन इस जिले में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए धारा 144 लगा दी थी । जिसकी वजह से लोग हजारों लाखों की संख्या में एकत्रित होकर विरोध दर्ज नहीं करा पा रहे थे । ऐसे में उन्होंने पोस्टर व काले झंडे लगाने का नया तरीका निकाला था । कुल मिलाकर केंद्र सरकार भले ही सीएए कानून पर झुकने को तैयार नहीं हो , लेकिन विरोध करने वाले लोग भी आर पार की जंग के मूड में दिखाई दे रहे हैं । अब देखना यह है कि विरोध प्रदर्शनों के अलावा कानून के समर्थन में कितने दिनों तक इसी तरह सिलसिला चलता रहेगा
। लेकिन मुस्लिम बाहुल्य जिला नूह में कानून का डटकर विरोध हो रहा है भाजपा से जुड़े कुछ मुस्लिम नेता भी लोगों के मूड को देखकर सीएए कानून के बारे में लोगों को जागरूक करने का जोखिम उठाने से बचते दिखाई दे रहे हैं । समाजसेवी राज्य दिन जंग का कहना है कि यह कानून लोगों के हित में नहीं है इसलिए इसकी मुखालफत हर सूरत में जारी रहेगी ।Conclusion:बाइट :- राजुद्दीन जंग समाजसेवी
बाइट : - शहीद अहमद ग्रामीण
बाइट : नासिर हुसैन ग्रामीण
बाइट ;- मुख़्तार खान ग्रामीण
संवाददाता कासिम खान नूह मेवात
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