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गुरुग्राम में व्यवस्थाओं की खुली पोल, सड़कों पर सोए प्रवासी मजदूर

गुरुग्राम में लॉकडाउन के दौरान जिला प्रशासन की खराब व्यवस्था के चलते सैकड़ों प्रवासी मजदूर और उनके छोटे- छोटे बच्चों को रात के अंधेरे में सड़क पर सोना पड़ रहा है. बता दें कि गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में प्रवासी मजदूर अपने गृह राज्य जाने के लिए पहुंचे थे. जहां से इन्हें वापस जाने के लिए बोल दिया गया.

Poor arrangement by Gurugram administration during lockdown
सड़कों पर सोए प्रवासी मजदूर
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Published : May 14, 2020, 12:21 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: रात के अंधेरे में जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खुलती दिखाई दी. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की सही व्यवस्था नहीं होने के चलते छोटे-छोटे बच्चों को रात के अंधेरे में सड़क पर सोना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि ये बच्चे बिहार जाने के लिए गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम पहुंचे थे. लेकिन प्रशासन की खराब व्यवस्था होने के चलते बच्चों को रात में सड़क पर सोना पड़ रहा है.

सड़कों पर सोए प्रवासी मजदूर

बता दें कि गुरुग्राम के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में तमाम प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए बस से लेकर सारी व्यवस्था की जाने की बता कही जा रही है. वहीं बीते बुधवार जब प्रवासी मजदूर वहां पहुंचे तो इन्हें यहां से भगा दिया गया. ऐसे में देर रात ये लोग ताऊ देवी लाल स्टेडियम के साथ लगती सड़क पर ही सोने को मजबूर हो गए.

ईटीवी भारत की टीम ने जब सड़क पर सोते बच्चों और उनके परिजनों से बात की तो उनके चेहरे पर लाचारी बेबसी साफ दिखाई दी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनको कई-कई दिन तक भूखा रहना पड़ रहा है. खाना खाने के लिए पैसे नहीं है. वहीं अब 30 किलोमीटर पैदल चलकर ताऊ देवीलाल स्टेडियम पहुंचे हैं.

वहीं जब ये गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में अपने गृह राज्य जाने के लिए पहुंचे तो जिला प्रशासन की खराब व्यवस्थाओं के चलते इन्हें एक बार फिर वापस लौटने का फरमान सुना दिया गया. ऐसे में इनको वापस 30 किलोमीटर जाना पड़ता. इसके चलते ये लोग गुरुग्राम के सोहना रोड पर ही सोने को मजबूर हैं.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: रात के अंधेरे में जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खुलती दिखाई दी. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान प्रशासन की सही व्यवस्था नहीं होने के चलते छोटे-छोटे बच्चों को रात के अंधेरे में सड़क पर सोना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि ये बच्चे बिहार जाने के लिए गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम पहुंचे थे. लेकिन प्रशासन की खराब व्यवस्था होने के चलते बच्चों को रात में सड़क पर सोना पड़ रहा है.

सड़कों पर सोए प्रवासी मजदूर

बता दें कि गुरुग्राम के ताऊ देवी लाल स्टेडियम में तमाम प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए बस से लेकर सारी व्यवस्था की जाने की बता कही जा रही है. वहीं बीते बुधवार जब प्रवासी मजदूर वहां पहुंचे तो इन्हें यहां से भगा दिया गया. ऐसे में देर रात ये लोग ताऊ देवी लाल स्टेडियम के साथ लगती सड़क पर ही सोने को मजबूर हो गए.

ईटीवी भारत की टीम ने जब सड़क पर सोते बच्चों और उनके परिजनों से बात की तो उनके चेहरे पर लाचारी बेबसी साफ दिखाई दी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के चलते उनको कई-कई दिन तक भूखा रहना पड़ रहा है. खाना खाने के लिए पैसे नहीं है. वहीं अब 30 किलोमीटर पैदल चलकर ताऊ देवीलाल स्टेडियम पहुंचे हैं.

वहीं जब ये गुरुग्राम के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में अपने गृह राज्य जाने के लिए पहुंचे तो जिला प्रशासन की खराब व्यवस्थाओं के चलते इन्हें एक बार फिर वापस लौटने का फरमान सुना दिया गया. ऐसे में इनको वापस 30 किलोमीटर जाना पड़ता. इसके चलते ये लोग गुरुग्राम के सोहना रोड पर ही सोने को मजबूर हैं.

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