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गुरुग्रामः डेटिंग एप से हनीट्रैप, कई लोगों को बनाया शिकार - डैटिंग एप हनीट्रैप गुरुग्राम

गुरुग्राम पुलिस की गिरफ्त में एक ऐसे गिरोह ने खुलासा किया है कि वो डेटिंग एप से लोगों को हनीट्रैप का शिकार बनाते थे. यही नहीं आरोपी फर्जी प्रोफाइल तैयार करके और अश्लील वीडियो बनाकर अभी तक कई बड़ी कंपनियों और कॉरपोरेट के पदाधिकारियों को भी अपना शिकार बना चुके हैं.

people blackmailed through grindr dating app in gurugram
डेटिंग एप से हनीट्रैप
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Published : Feb 13, 2020, 11:21 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: नवंबर के बाद गुरुग्राम के भौंडसी और बादशाहपुर थानों में हनीट्रैप के मामले सामने आए हैं. कुछ लोग ग्रइंडर एप पर अपनी फर्जी प्रोफाइल तैयार करके लोगों को आकर्षित करते थे और उनसे चैट करते थे. यहीं नहीं जब व्यक्ति उनके झांसे में पूरी तरह फंस जाता तो उसके बाद वो उसे किसी जगह बुलाकर उसके साथ अश्लील वीडियो बनाते और उसके बाद शुरू होता था ब्लैकमेलिंग का धंधा.

डेटिंग एप से हनीट्रैप

लोगों से अपनी मनमानी की रकम ऐंठकर इसी तरह एक के बाद एक शिकारों को अपने चंगुल में फंसाते थे. यही नहीं ब्लैकमेलिंग का धंधे यहीं खत्म नहीं होता था. कई लोगों को तो ये लगातार रकम वसूल कर उसे धमकी तक देते थे. दरअसल इश ग्रइंडर एप पर कुछ समलैंगिक युवक अपनी फर्जी प्रोफाइल तैयार करते थे और जब कोई व्यक्ति उनके संपर्क में आता था तो उसको अपनी किसी जगह पर बुलाते थे और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाते थे.

इसी दौरान वो उनका अश्लील वीडियो बना लेते थे. इस एप पर कंपनियों और कॉरपोरेट से जुड़े कई बड़ी कंपनियों के सीईओ पद के लोगों को अपने झांसे में लेते थे. गुरुग्राम में इस मामले का खुलासा नवबंर महीने में हुआ और इस पूरे मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी जब हुई तो उन्होंने ऐसे पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया.

पुलिस अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि इन लोगों ने कई बड़ी कंपनियों से जुड़े लोगों को भी अपना शिकार बनाया है. हालांकि पुलिस अभी ये साफ नहीं कर रही है क्योंकि पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती ये भी है कि अभी तक कोई भी पीड़ित पुलिस के सामने नहीं आया है, वो अपनी पहचान छुपाना चाहते हैं.

फिलहाल पुलिस की मानें तो ये लोग कई सड़कों और इलाकों में इन लोगों को अपना शिकार बनाते थे. पुलिस के सामने ये ही चुनौती है कि यदि पीड़ित पुलिस की मदद करें तो आरोपियों की गिरफ्तारी आसानी से हो सकती है लेकिन फिलहाल पुलिस की तरफ से भी इस एप की कंपनी से जानकारी मांगी है कि ये लोग किस तरह से फर्जी आईडी बनाते हैं.

पुलिस ने इस मामले में भौंडसी के रहने वाले 25 वर्षीय संजय, 19 वर्षीय सचिन, 35 वर्षीय नरसिंह और वारदात में शामिल बादशाहपुर थाना के अंतर्गत रहने वाले हजारी और सोहना के रहने वाले सुमित को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया था. बहरहाल मोबाइल एप के जरिये अपने अरमानों को पूरा करने का ख्वाब कई नामी गिरामी शख्सियतों के लिए मुसीबत का सबब जरूर बन गया है.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: नवंबर के बाद गुरुग्राम के भौंडसी और बादशाहपुर थानों में हनीट्रैप के मामले सामने आए हैं. कुछ लोग ग्रइंडर एप पर अपनी फर्जी प्रोफाइल तैयार करके लोगों को आकर्षित करते थे और उनसे चैट करते थे. यहीं नहीं जब व्यक्ति उनके झांसे में पूरी तरह फंस जाता तो उसके बाद वो उसे किसी जगह बुलाकर उसके साथ अश्लील वीडियो बनाते और उसके बाद शुरू होता था ब्लैकमेलिंग का धंधा.

डेटिंग एप से हनीट्रैप

लोगों से अपनी मनमानी की रकम ऐंठकर इसी तरह एक के बाद एक शिकारों को अपने चंगुल में फंसाते थे. यही नहीं ब्लैकमेलिंग का धंधे यहीं खत्म नहीं होता था. कई लोगों को तो ये लगातार रकम वसूल कर उसे धमकी तक देते थे. दरअसल इश ग्रइंडर एप पर कुछ समलैंगिक युवक अपनी फर्जी प्रोफाइल तैयार करते थे और जब कोई व्यक्ति उनके संपर्क में आता था तो उसको अपनी किसी जगह पर बुलाते थे और उनके साथ शारीरिक संबंध बनाते थे.

इसी दौरान वो उनका अश्लील वीडियो बना लेते थे. इस एप पर कंपनियों और कॉरपोरेट से जुड़े कई बड़ी कंपनियों के सीईओ पद के लोगों को अपने झांसे में लेते थे. गुरुग्राम में इस मामले का खुलासा नवबंर महीने में हुआ और इस पूरे मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी जब हुई तो उन्होंने ऐसे पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया.

पुलिस अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ में ये खुलासा हुआ है कि इन लोगों ने कई बड़ी कंपनियों से जुड़े लोगों को भी अपना शिकार बनाया है. हालांकि पुलिस अभी ये साफ नहीं कर रही है क्योंकि पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती ये भी है कि अभी तक कोई भी पीड़ित पुलिस के सामने नहीं आया है, वो अपनी पहचान छुपाना चाहते हैं.

फिलहाल पुलिस की मानें तो ये लोग कई सड़कों और इलाकों में इन लोगों को अपना शिकार बनाते थे. पुलिस के सामने ये ही चुनौती है कि यदि पीड़ित पुलिस की मदद करें तो आरोपियों की गिरफ्तारी आसानी से हो सकती है लेकिन फिलहाल पुलिस की तरफ से भी इस एप की कंपनी से जानकारी मांगी है कि ये लोग किस तरह से फर्जी आईडी बनाते हैं.

पुलिस ने इस मामले में भौंडसी के रहने वाले 25 वर्षीय संजय, 19 वर्षीय सचिन, 35 वर्षीय नरसिंह और वारदात में शामिल बादशाहपुर थाना के अंतर्गत रहने वाले हजारी और सोहना के रहने वाले सुमित को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया था. बहरहाल मोबाइल एप के जरिये अपने अरमानों को पूरा करने का ख्वाब कई नामी गिरामी शख्सियतों के लिए मुसीबत का सबब जरूर बन गया है.

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