नूंह: मेवात जिले की राजधानी कहलाने वाला बड़कली चौक पर पिछले करीब 55 दिन से सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ धरना चल रहा है. अब यहां भी कोरोना वायरस का खौफ देखने को मिल रहा है. कोरोना वायरस के खतरे के चलते अब यहां भी कम ही लोग आ रहे हैं. जिस धरने में दोपहर के समय भारी भीड़ जुटती थी अब उस धरने में गिने-चुने लोग बैठे हुए हैं.
सीएए से कोरोना जागरुकता कैंप में बदला धरना
हालांकि 2:00 बजे के बाद दर्जनों लोगों की भीड़ यहां जुड़ जाती है लेकिन जहां सैकड़ों लोग बैठे रहते थे वो भीड़ धीरे-धीरे दर्जनभर लोगों में सिमटती जा रही है. खास बात ये है कि जो लोग धरने पर मौजूद हैं. उनमें से कुछ ने मास्क लगाए हुए हैं. इन मास्क पर भी नो एनआरसी और सीएए लिखा हुआ है. धरना अभी भी जारी है लेकिन धरने में रौनक और नारेबाजी तथा शोरगुल पिछले कई दिन से सुनाई नहीं दे रहा.
जब से कोरोना ने भारत में दस्तक दी है. हालांकि अभी भी पूरी तरह से अनिश्चितकालीन धरने को आयोजकों द्वारा बंद करने का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन जिस तरह से धरने की रौनक गायब है. उसे देखकर लग रहा है कि धीरे-धीरे धरना भी समाप्त हो सकता है. अब लोगों ने धरना स्थल पर कोरोना जागरुकता कैंप के होर्डिंग्स लगा दिए हैं.
बता दें कि देश में अबतक करीब 433 लोग कोरोना वायरस के शिकार हो चुके हैं. वहीं 8 लोगों की जान भी कोरोना वायरस के चलते जा चुकी है. हरियाणा में 14 कोरोना पॉजीटिव मरीज पाए गए हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी जिले लॉकडाउन कर दिए हैं. इसके साथ ही चंडीगढ़ भी 31 मार्च तक लॉकडाउन रहेगा
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