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नूंह: रमजान में रोजेदारों को नहीं होगी फलों की कमी

रमजान का पवित्र महीना कल से शुरू होने जा रहा है. देश और प्रदेश में लॉकडाउन लगा है जिसको लेकर रोजा रखने वालों के मन में कई सवाल हैं जैसे कि इस दौरान फल या खाने की किसी और चीज की कमी तो नहीं होगी. वहीं इस बात को साफ करते हुए नूंह डीसी ने दावा किया है कि रमजान के दौरान फल व किसी और चीज की भी कमी नहीं रहेगी.

nuh dc said that there will no shortage of fruits during ramadan
रोजेदारों को नहीं होगी फलों की कमी
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Published : Apr 24, 2020, 8:50 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: लॉकडाउन के कारण रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोगों को फलों की रोजा इफ्तार करते समय दिक्कत ना हो, इसका हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिले नूंह में विशेष ख्याल रखा जा रहा है. डीसी नूंह पंकज कुमार ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है.

रोजेदारों को नहीं होगी फलों की कमी

फल वालों को दिए जाएंगे ज्यादा से ज्यादा पास

रमजान में रोजा इफ्तार करते समय फलों का विशेष महत्व है और हर रोजेदार रोजा इफ्तार करते समय अक्सर फल खाता है इसलिए जिला प्रशासन ने फ्रूट विक्रेताओं, रेहड़ी इत्यादि लगाने वाले लोगों को फ्रूट बेचने के पास लेने के लिए संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि रोजेदारों को घरों पर ही उनके पसंदीदा फल सप्लाई किए जा सकें इसलिए ज्यादा से ज्यादा फल बेचने वाले लोगों को जिलेभर में पास दिए जाएंगे.

बता दें कि रोजा रखने के बाद रोजेदार सुबह से शाम तक भूखा रहता है. ऐसे में रोजा खोलते समय फ्रूट खासकर तरबूज-खजूर इत्यादि की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से किसी रोजेदार को कोई तकलीफ ना हो और कोरोना के खतरे के बीच रोजेदार घरों से बाहर ना निकले इसलिए घरों पर ही फल भिजवाना सुनिश्चित किया जा रहा है.

नूंह में कोरोना के खतरे को देखते हुए खास तैयारी

गौरतलब है कि नूंह मुस्लिम बाहुल्य जिला है. रमजान के महीने में यहां अच्छी खासी चहल-पहल व बाजारों में शाम के समय रौनक देखने को मिलती थी. रोजेदार दिल खोलकर फल इत्यादि की खरीददारी करते थे और रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा खर्च करते थे, क्योंकि इन दिनों में ज्यादा नेक करने की बात कही गई है.

लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से न निकलें और बाजारों, मस्जिदों में भीड़ भाड़ में इकट्ठा नहीं होने की अपील शासन- प्रशासन व उलेमा बार-बार कर रहे हैं. बता दें कि हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या नूंह जिले में ही है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने घरों पर ही जरूरी सामान उपलब्ध कराने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.

नई दिल्ली/नूंह: लॉकडाउन के कारण रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोगों को फलों की रोजा इफ्तार करते समय दिक्कत ना हो, इसका हरियाणा के मुस्लिम बाहुल्य जिले नूंह में विशेष ख्याल रखा जा रहा है. डीसी नूंह पंकज कुमार ने इस मुद्दे को लेकर कहा कि रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है.

रोजेदारों को नहीं होगी फलों की कमी

फल वालों को दिए जाएंगे ज्यादा से ज्यादा पास

रमजान में रोजा इफ्तार करते समय फलों का विशेष महत्व है और हर रोजेदार रोजा इफ्तार करते समय अक्सर फल खाता है इसलिए जिला प्रशासन ने फ्रूट विक्रेताओं, रेहड़ी इत्यादि लगाने वाले लोगों को फ्रूट बेचने के पास लेने के लिए संपर्क किया है. उन्होंने कहा कि रोजेदारों को घरों पर ही उनके पसंदीदा फल सप्लाई किए जा सकें इसलिए ज्यादा से ज्यादा फल बेचने वाले लोगों को जिलेभर में पास दिए जाएंगे.

बता दें कि रोजा रखने के बाद रोजेदार सुबह से शाम तक भूखा रहता है. ऐसे में रोजा खोलते समय फ्रूट खासकर तरबूज-खजूर इत्यादि की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में लॉकडाउन की वजह से किसी रोजेदार को कोई तकलीफ ना हो और कोरोना के खतरे के बीच रोजेदार घरों से बाहर ना निकले इसलिए घरों पर ही फल भिजवाना सुनिश्चित किया जा रहा है.

नूंह में कोरोना के खतरे को देखते हुए खास तैयारी

गौरतलब है कि नूंह मुस्लिम बाहुल्य जिला है. रमजान के महीने में यहां अच्छी खासी चहल-पहल व बाजारों में शाम के समय रौनक देखने को मिलती थी. रोजेदार दिल खोलकर फल इत्यादि की खरीददारी करते थे और रमजान के महीने में ज्यादा से ज्यादा खर्च करते थे, क्योंकि इन दिनों में ज्यादा नेक करने की बात कही गई है.

लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से न निकलें और बाजारों, मस्जिदों में भीड़ भाड़ में इकट्ठा नहीं होने की अपील शासन- प्रशासन व उलेमा बार-बार कर रहे हैं. बता दें कि हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या नूंह जिले में ही है. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने घरों पर ही जरूरी सामान उपलब्ध कराने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है.

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