नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना और लॉकडाउन की मार सबसे ज्यादा गरीब वर्ग झेल रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की ओर से गरीब महिलाओं के जनधन खातों में हर महीने 500 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे हैं, ताकि वो इस मुश्किल घड़ी में अपने परिवार का गुजारा कर सकें, लेकिन सरकार की ये योजना कहीं ना कहीं कोरोना संक्रमण को फैलने का मुख्य कारण भी बन सकती है.
दरअसल,सरकार की ओर से जनधन खातों में पैसे तो डाल दिए जाते हैं, लेकिन खाताधारक इन पैसों को लेने बैंक पहुंच जाता है. इस दौरान कई बैंकों में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन तो होता है, लेकिन कई बैंक ऐसे भी हैं जहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ जाती हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है सोहना के कई बैंकों में जो कंटेनमेंट जोन में आते हैं.
बता दें कि लगातार सामने आ रहे है मरीजों को देखते हुए सोहना के कुछ क्षेत्रों को कंटेनमेंट तो कुछ क्षेत्रों को बफर जोन घोषित किया गया है, लेकिन फिर भी यहां सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई जा रही है. बैंक के बाहर महिलाओं की लंबी कतारें हैं. ये किसी एक बैंक का हाल नहीं है, बल्कि सोहना में ऐसे कई बैंक हैं जहां आपको महिलाएं एक दूसरे से लगकर कतार में खड़ी दिख जाएंगी.
ये हैं कंटेनमेंट जोन
सोहना के जिन क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोटित किया गया है, उनमें गहलोत विहार, जावेद कॉलोनी ,पहाड़ कॉलोनी ,नट कॉलोनी, आईटीआई कॉलोनी ,रायपुर कॉलोनी, शिव कुंड, ठाकुर वाड़ा शामिल हैं.
लापरवाही पड़ सकती है भारी!
बालूदा गांव, सांप की नंगली, सोहना ढाणी, मोहम्मदपुर गुर्जर और पहाड़ी एरिया को बफर जोन बनाया गया है. प्रशासन की ओर से बाजार भी बंद रखे गए हैं, लेकिन बैंकों के सामने लगी भीड़ ये सभी को मुश्किल में डाल सकती है. अगर बैंकों के बाहर लगी भीड़ को कंट्रोल नहीं किया और बैंक में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं हुई तो ये लापरवाही सभी के लिए खतरनाक साबित हो सकती है.