नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद में मानव सेवा समिति जनकल्याण राधे स्वीट्स ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने 54 दिन तक लॉकडाउन में गरीब मजदूरों को दो वक्त का खाना उनके घर पहुंचाया था. अब वहीं दूसरी ओर उन्होंने गरीब और मजदूर लोगों को मास्क सिलने का काम देकर रोजगार दिया है.
ईटीवी भारत को मानव सेवा समिति के पदाधिकारी विरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि मानव सेवा समिति जनकल्याण राधे स्वीट ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ने लॉकडाउन में गरीब और मजदूर लोगों को खाना बांटा था, जिसमें उनकी 6 लोगों की कमेटी थी. इसके बाद वह जिन लोगों को खाना बांटा करते थे, उन्होंने उनके बारे में सोचा और उन्हें रोजगार देने के लिए मास्क बनाने का काम दिया.
आत्मनिर्भर हुई महिलाएं
ईटीवी भारत को मानव सेवा समिति के पदाधिकारी सोनी पंडित ने बताया कि वह मानव सेवा समिति की ओर से गरीबों को खाना वितरित करते थे और जब उन्होंने खाना वितरित करना बंद कर दिया तो वह उन लोगों के बारे में सोचने लगे कि उनको अब कैसे रोजगार मिलेगा. इसके बाद उन्होंने कुछ महिलाओं से संपर्क किया और बाजार से कपड़ा लाकर और उसकी कटिंग करके महिलाओं को दिया, इसके बाद में महिलाएं उनको मास्क सिलकर देती है. वह बदले में उनको दिहाड़ी देते हैं. अब यह सभी महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी है.
लॉकडाउन में दिया था खाना
ईटीवी भारत को मुरादनगर के ब्रिज विहार निवासी कविता ने बताया कि यह लोग पहले सबको खाना देते थे और जब अब ऐसे में रोजगार की भी जरूरत है तो उन्होंने लॉकडाउन में घर बैठी महिलाओं को मास्क की सिलाई करने का काम दिया है. जो कि कोरोना वायरस से बचने के लिए काफी फायदेमंद हैं. मानव सेवा समिति के द्वारा रोजगार मिलने से वह काफी खुश हैं.