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हरियाणा से हुई थी तबलीगी जमात की शुरुआत, मेवात से है कनेक्शन - मेवात से तबलीगी जमात कनेक्शन

कम लोगों को पता होगा कि जिस तबलीगी मरकज की आज देशभर में चर्चा हो रही है उसकी शुरुआत हरियाणा से हुई थी. मरकज के मौजूदा प्रमुख मौलाना साद के पूर्वज पहली जमात लेकर मेवात आए थे.

haryana connection with tablighi jamaat markaz
मेवात से शुरू हुआ था मरकज का सफर
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Published : Apr 3, 2020, 7:56 PM IST

नई दिल्ली/गुरुग्राम: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा का विषय बना हुआ है. मरकज में फैला संक्रमण देश के कोने-कोने तक पहूंचने लगा है. आज 'तबलीगी जमात का मरकज' नाम सुनते ही लोगों के दिलों में खौफ पैदा हो जाता है. लोग सहम रहे हैं और डरने की वजह भी है. मरकज से निकले ये लोग अब कोरोना वायरस के 'सुपर स्प्रेडर' बन चुके हैं.

मेवात से शुरू हुआ था मरकज का सफर

मौलाना साद के पूर्वज ने शुरू की मरकज

बहुत कम लोग जानते होंगे कि तबलीगी जमात की शुरुआत हरियाणा के मेवात इलाके से 1926-1927 में हुई थी.

मरकज जमात की शुरूआत दिल्ली के मरकज निजामुद्दीन मौलाना साद के पूर्वज हजरत मौलाना मोहम्मद इलियास रहमतुल्लाअलेह ने की थी. मौलाना साद मोहम्मद इलियास की चौथी पीढ़ी के मौलाना हैं. मौलाना साद का पैतृक गांव कांधला है, जो उत्तर प्रदेश के शामली जिले में आता है. मरकज निजामुद्दीन की कमान मोहम्मद इलियास के परिवार के हाथ में ही रही. और आज इस जमात के अमीर(मुखिया) मौलाना साद हैं. तबलीगी जमात का सफर करीब 93 साल का हो चुका है.

तबलीग़ी जमात की पहली मीटिंग भारत में 1941 में हुई थी. इसमें 25, हज़ार लोग शामिल हुए थे. 1940 के दशक तक जमात का कामकाज़ अविभाजित भारत तक ही सीमित था, लेकिन समये के साथ इनकी तादाद पूरी दुनिया में बढ़ गई.

तबलीगी जमात के प्रमुख

भारत में अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद मौलाना इलियास कांधलवी ने 1926-27 में तबलीगी जमात का गठन किया. इस तरह से वो तबलीगी जमात के पहले अमीर(प्रमुख) बने. मौलाना इलियास पहली जमात हरियाणा के मेवात लेकर गए थे.

मौलाना इलियास के निधन के बाद उनके बेटे मौलाना यूसुफ तबलीगी जमात के अमीर यानि मुखिया बने. मौलाना यूसुफ की 1965 मौत के बाद बाद मौलाना इनामुल हसन तबलीगी जमात के प्रमुख बने. इनामुल हसन के दौर में तबलीगी जमात का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ. तीस साल तक वो इस पद पर रहे, इस दौरान देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तबलीगी जमात के का विस्तार हुआ.

कोरोना संक्रमण के बाद चर्चा में मरकज

आजकल तबलीगी जमात पर कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से विवाद छिड़ा हुआ है. तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने मार्च के महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जिसके बाद कुछ लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण मिले, तो पूरे देश में सरकारों ने तबलीगी जमात से जुड़े सदस्यों को खोजबीन शुरू कर दी.

हरियाणा में कोराना संदिग्धों की संख्या हजार को पार कर गई है. जिनकी तलाश में सरकार जुट गई है.

मस्जिद में फैला है सन्नाटा

हरियाणा जिले जिस मेवात इलाके से तबलीगी जमात की शुरुआत हुई थी. आज वहां पर सन्नाटा पसरा है. मस्जिद के दरवाजे पूरी बंद हैं और दरवाजों के बाहर हरियाणा पुलिस के जवान निगरानी रख रहे हैं.

संक्रमण के बाद हुई छापेमारी, मिले 2361जमाती

आजकल तबलीगी जमातओं पर कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से विवाद छिड़ा हुआ है. तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने मार्च के महीने में मरकज में हुए धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. जिसके बाद कुछ लोगों को कोरोनावायरस के लक्षण मिले, तो पूरे देश में सरकारों ने तबलीगी जमात से जुड़े सदस्यों को खोजना शुरू कर दिया.

रातों-रात देश प्रदेश की खुफिया एजेंसियां तबलीगी जमातों का पता लगाने में जुट गई, जो भी सदस्य मिला उसी को मस्जिदों और घरों तथा मदरसों से निकालकर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में पहुंचाना शुरू कर दिया. जिन सदस्यों में लक्षण दिखे, उनको आइसोलेशन सेंटर में रखा गया. हरियाणा के नूंह जिले में गुरुवार तक कोई कोरोनावायरस का केस नहीं था, लेकिन शुक्रवार को तीन पॉजिटिव केस मिलने की पुष्टि हुई तो नूंह जिले में भी तबलीगी जमात पर उंगलियां उठने लगी.

नई दिल्ली/गुरुग्राम: दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात का मरकज चर्चा का विषय बना हुआ है. मरकज में फैला संक्रमण देश के कोने-कोने तक पहूंचने लगा है. आज 'तबलीगी जमात का मरकज' नाम सुनते ही लोगों के दिलों में खौफ पैदा हो जाता है. लोग सहम रहे हैं और डरने की वजह भी है. मरकज से निकले ये लोग अब कोरोना वायरस के 'सुपर स्प्रेडर' बन चुके हैं.

मेवात से शुरू हुआ था मरकज का सफर

मौलाना साद के पूर्वज ने शुरू की मरकज

बहुत कम लोग जानते होंगे कि तबलीगी जमात की शुरुआत हरियाणा के मेवात इलाके से 1926-1927 में हुई थी.

मरकज जमात की शुरूआत दिल्ली के मरकज निजामुद्दीन मौलाना साद के पूर्वज हजरत मौलाना मोहम्मद इलियास रहमतुल्लाअलेह ने की थी. मौलाना साद मोहम्मद इलियास की चौथी पीढ़ी के मौलाना हैं. मौलाना साद का पैतृक गांव कांधला है, जो उत्तर प्रदेश के शामली जिले में आता है. मरकज निजामुद्दीन की कमान मोहम्मद इलियास के परिवार के हाथ में ही रही. और आज इस जमात के अमीर(मुखिया) मौलाना साद हैं. तबलीगी जमात का सफर करीब 93 साल का हो चुका है.

तबलीग़ी जमात की पहली मीटिंग भारत में 1941 में हुई थी. इसमें 25, हज़ार लोग शामिल हुए थे. 1940 के दशक तक जमात का कामकाज़ अविभाजित भारत तक ही सीमित था, लेकिन समये के साथ इनकी तादाद पूरी दुनिया में बढ़ गई.

तबलीगी जमात के प्रमुख

भारत में अंग्रेजों की हुकूमत आने के बाद मौलाना इलियास कांधलवी ने 1926-27 में तबलीगी जमात का गठन किया. इस तरह से वो तबलीगी जमात के पहले अमीर(प्रमुख) बने. मौलाना इलियास पहली जमात हरियाणा के मेवात लेकर गए थे.

मौलाना इलियास के निधन के बाद उनके बेटे मौलाना यूसुफ तबलीगी जमात के अमीर यानि मुखिया बने. मौलाना यूसुफ की 1965 मौत के बाद बाद मौलाना इनामुल हसन तबलीगी जमात के प्रमुख बने. इनामुल हसन के दौर में तबलीगी जमात का सबसे ज्यादा विस्तार हुआ. तीस साल तक वो इस पद पर रहे, इस दौरान देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में तबलीगी जमात के का विस्तार हुआ.

कोरोना संक्रमण के बाद चर्चा में मरकज

आजकल तबलीगी जमात पर कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से विवाद छिड़ा हुआ है. तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने मार्च के महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में हुए धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया. जिसके बाद कुछ लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण मिले, तो पूरे देश में सरकारों ने तबलीगी जमात से जुड़े सदस्यों को खोजबीन शुरू कर दी.

हरियाणा में कोराना संदिग्धों की संख्या हजार को पार कर गई है. जिनकी तलाश में सरकार जुट गई है.

मस्जिद में फैला है सन्नाटा

हरियाणा जिले जिस मेवात इलाके से तबलीगी जमात की शुरुआत हुई थी. आज वहां पर सन्नाटा पसरा है. मस्जिद के दरवाजे पूरी बंद हैं और दरवाजों के बाहर हरियाणा पुलिस के जवान निगरानी रख रहे हैं.

संक्रमण के बाद हुई छापेमारी, मिले 2361जमाती

आजकल तबलीगी जमातओं पर कोरोनावायरस के संक्रमण की वजह से विवाद छिड़ा हुआ है. तबलीगी जमात से जुड़े लोगों ने मार्च के महीने में मरकज में हुए धार्मिक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. जिसके बाद कुछ लोगों को कोरोनावायरस के लक्षण मिले, तो पूरे देश में सरकारों ने तबलीगी जमात से जुड़े सदस्यों को खोजना शुरू कर दिया.

रातों-रात देश प्रदेश की खुफिया एजेंसियां तबलीगी जमातों का पता लगाने में जुट गई, जो भी सदस्य मिला उसी को मस्जिदों और घरों तथा मदरसों से निकालकर क्वॉरेंटाइन सेंटरों में पहुंचाना शुरू कर दिया. जिन सदस्यों में लक्षण दिखे, उनको आइसोलेशन सेंटर में रखा गया. हरियाणा के नूंह जिले में गुरुवार तक कोई कोरोनावायरस का केस नहीं था, लेकिन शुक्रवार को तीन पॉजिटिव केस मिलने की पुष्टि हुई तो नूंह जिले में भी तबलीगी जमात पर उंगलियां उठने लगी.

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